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    त्रिकोणीय मुकाबले में इस बार कांग्रेस मजबूत, राहुल गांधी और खरगे समेत ये 30 नेता संभाल रहे दिल्ली की कमान

    Updated: Fri, 10 Jan 2025 08:59 PM (IST)

    Delhi election 2025 दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार कांग्रेस पूरी मजबूती से मैदान में है। पार्टी ने सभी प्रमुख सीटों पर दिग्गजों को उतारा है। कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी की घोषणाओं के मुकाबले कई बड़ी गारंटी दी हैं। पार्टी ने दिल्ली के सभी 70 विधान सभा क्षेत्रों में न्याय यात्रा निकालकर भी अपने पक्ष में माहौल बनाया है।

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    Delhi Congress Manifesto: त्रिकोणीय मुकाबले में इस बार कांग्रेस मजबूती से मैदान में। फाइल फोटो

    संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। Delhi Vidhan Sabha Chunav 2025: पिछले दो विधानसभा चुनावों में भले कांग्रेस अपना खाता भी नहीं खोल पाई हो, लेकिन इस बार पार्टी पूरी एकजुटता और मजबूती से चुनाव मैदान में है। किसी भी स्तर पर पार्टी कमजोर नहीं लग रही। ना उम्मीदवारों के मामले में और ना ही प्रचार को लेकर।

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    सबसे बड़ी बात यह कि इस बार मतदाताओं में भी कांग्रेस को लेकर पहले के बनिस्पत कहीं अधिक भरोसा देखने को मिल रहा है।अगर यह कहा जाए कि अबकी बार विधानसभा चुनाव में वाकई त्रिकोणीय मुकाबला होगा तो बिल्कुल गलत नहीं होगा। ऐसे में देखना दिलचस्प हाेगा कि चुनाव परिणाम क्या रहता है, किन्तु इतना तो लग ही रहा है कि किसी भी दल के लिए इस बार सरकार बना पाता इतना सरल नहीं होगा।

    सभी प्रमुख सीटों पर दिग्गजों पर लगाया दांव

    कांग्रेस ने अभी तक 70 में से 48 पर उम्मीदवार उतारे हैं। इनमें से सभी प्रमुख सीटों पर पार्टी ने दिग्गजों पर दांव लगाया है। मसलन, नई दिल्ली में आप संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के सामने पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे पूर्व सांसद संदीप दीक्षित को उतारा गया है।

    कालकाजी में सीएम आतिशी के मुकाबले महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका लांबा को टिकट दिया गया है। पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के मुकाबले पूर्व महापौर फरहाद सूरी को मौका दिया गया है।

    इसके साथ- साथ मालवीय नगर से जितेंद्र कोचर जीतू, समयपुर बादली से प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव, उत्तर नगर से पूर्व विधायक मुकेश शर्मा, सुल्तानपुरी से पूर्व विधायक जयकिशन।

    सीमापुरी से पूर्व विधायक राजेश लिलोठिया, सदर से पूर्व विधायक अनिल भारद्वाज, बल्लीमारान से पूर्व मंत्री हारून यूसुफ, पटपडगंज से पूर्व विधायक अनिल चौधरी, सीलमपुर से आप के बागी विधायक अब्दुल रहमान,

    बिजवासन से आप के बागी विधायक देवेंद्र सहरावत एवं बाबरपुर से आप के बागी पूर्व विधायक मो. इशराक खान के नाम शामिल हैं। अभी 22 सीटों पर उम्मीदवार घोषित होने हैं। इनमें भी कई दिग्गजों को मैदान में उतारे जाने की चर्चा है। निस्संदेह इससे मुकाबला रोचक बन रहा है।

    आप की मुफ्त घोषणाओं पर कांग्रेस का पलटवार

    हर चुनाव की तरह आम आदमी पार्टी इस बार भी एक के बाद घोषणाएं कर रही हैं। लेकिन कांग्रेस भी पीछे नहीं है। आप की 2100 की महिला सम्मान राशि के मुकाबले पार्टी 2500 रुपए वाली प्यारी दीदी योजना ले आई है।

    आप की 60 वर्ष से ऊपर के बुजुर्गों के मुफ्त इलाज वाली संजीवनी योजना के आगे कांग्रेस ने हर दिल्ली वासी के लिए 25 लाख रुपए के स्वास्थ्य बीमा वाली जीवन रक्षा योजना घोषित कर दी है। इसी तरह से आप की 200 यूनिट फ्री बिजली स्कीम को लेकर कांग्रेस जल्द ही 400 यूनिट मुफ्त बिजली देने की घोषणा करने वाली है।

    कांग्रेस दिल्ली (Delhi Congress) के छात्र छात्राओं के लिए छात्रवृत्ति योजना भी बना रही है, जिसमें 15 से 20 लाख तक की एजूकेशन स्कीम के तहत छात्रों को सुविधा प्रदान की जा सकती है।

    दिल्ली (Delhi News) के ऑटो रिक्शा चालक और तहबाजारी वालों के लिए स्कीम तैयार की जा रही है। दिल्ली में बड़ी संख्या में लोग एवं परिवार तहबाजारी से जुड़े हैं। इन पांच गारंटियों के अलावा पार्टी अभी अपना घोषणा पत्र भी तैयार कर रही है।

    माह भर लंबी न्याय यात्रा से पार्टी ने बनाया माहौल

    नवंबर-दिसंबर में कांग्रेस ने दिल्ली के सभी 70 विधान सभा क्षेत्रों में न्याय यात्रा निकालकर भी अपने पक्ष एवं आप के खिलाफ माहौल बनाया। पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के कैरिकेचर वाले शराब की बोतलनुमा गुब्बारे और एलईडी स्क्रीन पर आप सरकार की चार्जशीट लाइव दिखाकर कांग्रेस ने अपने इरादे भी तभी साफ कर दिए थे।

    कार्यकर्ताओं की ठीकठाक भीड़ के बीच तब अजय माकन सहित वरिष्ठ नेताओं ने कहा भी था कि आप सरकार के 11 वर्षों ने दिल्ली को भ्रष्टाचार, बदहाली और जनता के प्रति निष्क्रियता के चलते बर्बाद कर दिया है।

    ईमानदारी की बात करने वाले, 10 रुपये का पेन और हवाई चप्पल पहनने वाले केजरीवाल ने जहां दिल्ली को नशे की राजधानी बना दिया, वहीं अपनी सुविधा अनुसार सीएम आवास बनाकर 171 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार किया।

    उन्होंने कहा कि डीटीसी, जल बोर्ड, बिजली, पीडब्ल्यूडी, शिक्षा, स्वास्थ्य और शराब घोटाला कर आप सरकार ने दिल्ली को पूरी तरह बर्बाद कर दिया है।

    हम कांग्रेस की विचारधारा, सच्चाई, ईमानदारी और सबके हक व अधिकारों की लड़ाई लड़कर दिल्ली की जनता को जागरूक बनाने के लिए काम करेंगे और झूठ बोलने वाले केजरीवाल के लगातार पिछले 11 वर्षों से किए जा रहे बेबुनियादी, खोखले और झूठे वादों को दिल्ली की जनता के समक्ष उजागर करेंगे।

    30 से अधिक वरिष्ठ नेता संभाल रहे मोर्चा

    विधानसभा चुनाव की लगातार बढ़ रही सरगर्मियों के बीच कांग्रेस ने भी अपनी तैयारी को पुख्ता किया है। एक तरफ वार रूम के जरिए प्रत्याशियों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए जा रहे हैं तो दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी और भाजपा को मुंहतोड़ दवाब देने के लिए 30 से अधिक वरिष्ठ नेताओं को भी मैदान में उतारा जा रहा है।

    इसमें कांग्रेस के सभी प्रदेशों के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री से लेकर प्रवक्ता तक शामिल हैं। ये सभी वरिष्ठ नेता रोज यहां प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में प्रेस वार्ता करेंगे। विपक्षी पार्टियों के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे, कोई नया मुददा रखेंगे। साथ ही कांग्रेस के घोषणा पत्र यानी गारंटियों को भी जारी करेंगे।

    कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि दिल्ली में कांग्रेस की टॉप लीडरशिप इस चुनावी मैदान में उतरेगी। इनके लिए बड़ी रैलियों से लेकर प्रत्याशियों के यहां पर जनसभाओं तक के लिए समय निर्धारित किया गया है। इनमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी व कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

    इनके अलावा जिन 30 से अधिक वरिष्ठ नेताओं की ड्यूटी प्रेस वार्ता के लिए लगाई गई है, उनमें उनमें तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी, हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डीके शिवाकुमार, सचिन पायलट, अशोक गहलोत, जयराम रमेश, पवन खेड़ा, दीपेंद्र हुड्डा, कन्हैया कुमार, अजय राय, कुमारी शैलजा, जिग्नेश मेवानी, भूपेश बघेल, अजय माकन, चरणजीत सिंह चन्नी आदि का नाम शामिल है।

    इस अभियान की शुरुआत गत सोमवार से हो भी चुकी है। कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डी के शिवकुमार, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, झारखंड की पंचायती राज मंत्री दीपिका पांडेय सिंह और बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष डा अखिलेश प्रसाद सिंह प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में प्रेस वार्ता कर आप और अरविंद केजरीवाल पर कई गंभीर आरोप लगाए।

    अध्यक्ष बनने के बाद देवेंद्र यादव ने संगठन पर भी दिया ध्यान

    देवेंद्र यादव के अध्यक्षीय कार्यकाल में संगठन पर भी ध्यान दिया गया है। हर माह ब्लॉक तथा जिला स्तरीय बैठकें होने लगी हैं। यादव स्वयं भी पार्टी कार्यकर्ताओं से मिलते रहते हैं। अब पार्टी में गुटबाजी जैसा भी कुछ नजर नहीं आ रहा है। छोटे बड़े सभी नेता एकजुट हैं और खासी मजबूती के साथ आम आदमी पार्टी का मुकाबला करने के लिए मजबूती से तैयार हैं।

    1998 से 2020 तक विस चुनाव में कैसा रहा कांग्रेस का प्रदर्शन

    वर्ष चुनाव लड़ा सीटें जीतीं सीटें हारीं मत प्रतिशत
    1998 70 52 18 47.76
    2003 70 47 23 48.18
    2008 70 43 27 40.31
    2013 70 08 62 24.68
    2015 70 00 00 09.70
    2020 66 00 00 04.63

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