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    'बच्चों को सरकारी स्कूलों में भेजने के लिए होंगे मजबूर', स्कूल फीस एक्ट की तारीफ में बोलीं CM रेखा गुप्ता

    दिल्ली कैबिनेट ने निजी स्कूलों की फीस वृद्धि नियंत्रित करने हेतु स्कूल फीस एक्ट को मंजूरी दी थी। आज अभिभावकों के साथ मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि 1677 स्कूलों की फीस पारदर्शी होगी। शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने बताया कि पिछले 27 वर्षों की मनमानी फीस वृद्धि रोकी जाएगी जिससे अभिभावकों को राहत मिलेगी। जल्द विधानसभा में बिल पारित होगा।

    By Agency Edited By: Sonu Suman Updated: Sat, 03 May 2025 06:11 PM (IST)
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    दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता ने अभिभावकों से की मुलाकात।

    एएनआई, नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने निजी स्कूलों में फीस वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। दिल्ली कैबिनेट ने 'दिल्ली स्कूल एजुकेशन (ट्रांसपेरेंसी इन फिक्सेशन एंड रेगुलेशन ऑफ फीस) बिल, 2025' को मंजूरी दे दी है, जिसका उद्देश्य सभी 1677 निजी स्कूलों में फीस को पारदर्शी तरीके से नियंत्रित करना है। इस कदम को अभिभावकों के लिए बड़ी राहत के रूप में देखा जा रहा है, जो लंबे समय से स्कूलों द्वारा मनमानी फीस वृद्धि और उत्पीड़न की शिकायत कर रहे थे।

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    वहीं धन्यवाद ज्ञापन के दौरान अभिभावकों से मिलने के बाद मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा, "इस एक्ट के माध्यम से सभी 1677 स्कूलों की फीस को पारदर्शी रूप से नियंत्रित किया जाएगा। पिछली सरकारों के कार्यकाल में फीस लगातार बढ़ रही थी। पहली बार किसी सरकार ने यह एक्ट बनाया है। जल्द ही दिल्ली सरकार इतनी व्यवस्थित हो जाएगी कि लोग अपने बच्चों को निजी स्कूलों के बजाय सरकारी स्कूलों में भेजने के लिए मजबूर हो जाएंगे। हम जल्द ही विधानसभा बुलाकर और एक्ट पर मुहर लगाकर इसे दिल्ली की जनता को सौंप देंगे।"

    हमारा उद्देश्य छात्रों का मानसिक उत्पीड़न बंद हो: आशीष सूद

    शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने कहा, "आप सरकार के विपरीत, हमारी सरकार ने उन सभी रास्तों को बंद कर दिया है जिनके माध्यम से बच्चों को लूट का माध्यम बनाया जाता था। पिछली सरकार यह कर सकती थी, लेकिन अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए, उन्होंने स्कूलों द्वारा छात्रों पर दबाव डालकर वसूली गई राशि के लिए मेज के नीचे समझौता किया। 27 वर्षों तक फीस हर साल लगातार बढ़ रही थी। हमारी सरकार ने डीएम कमेटी भेजी, जिसके बाद पहली बार कोर्ट ने डीपीएस को फटकार लगाई। हमारा एकमात्र उद्देश्य है कि छात्रों का मानसिक उत्पीड़न बंद हो।"

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