देश के अन्य पुलिस थानों के लिए प्रेरणा बना सदर बाजार पुलिस स्टेशन, 160 साल पुराना है इतिहास
राजधानी का 160 वर्ष पुराने थाने सदर बाजार को देश का सर्वश्रेष्ठ थाना चुना गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस वर्ष के देश के शीर्ष तीन उत्कृष्ट थानों की सूची जारी की जिसमें पहले स्थान पर सदर बाजार थाना है।

नई दिल्ली [धनंजय मिश्रा]। राजधानी का 160 वर्ष पुराने थाने सदर बाजार को अभी हाल में ही देश का सर्वश्रेष्ठ थाना चुना गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस वर्ष के देश के शीर्ष तीन उत्कृष्ट थानों की सूची जारी की, जिसमें पहले स्थान पर सदर बाजार थाना है। 1861 में आईपीसी लागू होने के साथ ही सदर बाजार थाना स्थापित किया गया था।
दिल्ली में सदर बाजार के साथ-साथ सब्जी मंडी, नरेला, मुंडका और महरौली भी स्थापित किए गए थे। भीड़भाड़ वाले इलाके में मौजूद सदर बाजार थाने की इमारत पुराने थानों में सबसे अधिक भव्य है। इस थाने में पहली एफआईआर 31 दिसंबर 1861 को दर्ज की गई थी।
दल्लू माली ने राम दास और लक्ष्मण दास पर सात रुपये के सरसों का तेल चुराने का आरोप लगाया था। अब तक सदर बाजार थाने में कुल 126 एसएचओ ने सेवाएं दी है। अभी एसीपी सदर बाजार प्रज्ञा आनंद व एसएचओ केएल यादव है। पहले एसआई रैंक के पुलिसकर्मी एसएचओ बनते थे, बाद में इंस्पेक्टर रैंक का चयन होने लगा।
मुख्य बातें :
- 160 वर्ष पुराना यह थाना अंग्रेजों के जमाने का बना हुआ है।
- 1861 में किया गया था स्थापित, अभी भी उसी भवन में होता है कामकाज।
- भवन की देखरेख के लिए विशेष तौर पर दिया जाता है ध्यान।
- अब तक 126 एसएचओ दे चुके हैं अपनी सेवाएं।
- इस थाने में संगीन अपराधों को सुलझाने की दर देश के अन्य थानों से है काफी अधिक।
- वर्तमान में यहां 13 महिला अधिकारियों समेत 122 कर्मचारियों की है तैनाती।
- 31 दिसंबर 1861 में दर्ज की हुई थी पहली एफआइआर
थाने में की गई यह व्यवस्था :
- 24 घंटे का पावर बैकअप
- महिला कर्मचारियों के बच्चों के पढ़ने का कक्ष
- शिकायतकर्ता महिलाओं व महिला कर्मचारियों के बच्चों के खेलने का कक्ष
- मोबाइल फोरेंसिक लैब
- पूछताछ के लिए विशेष कक्ष
- जीपीएस युक्त सभी वाहन
- पुलिस कर्मियों के फिट रहने के लिए जिम और बैडमिंटन कोर्ट
- थाने के रिकार्ड रूम समेत हर कमरा व्यवस्थित और साफ-सुथरा
- कर्मचारियों में बेहतर तालमेल
- 24 घंटे के लिए महिला हेल्पडेस्क
- दिव्यांगों के लिए व्हीलचेयर की व्यवस्था
- वरिष्ठ नागरिकों के लिए हेल्पडेस्क
- थाने का भवन ऐतिहासिक।
- सामाजिक कार्य जैसे रक्त दान में भी थाने के कर्मचारियों ने जनता के साथ मिलकर करते हैं काम।
- थाने के कर्मचारियों का जनता से अधिक संपर्क।
- नागरिक सुरक्षा समिति का किया गया है गठन।
- जनता पुलिस के लिए करती है आंख-कान का काम।
प्रमुख रूप से इन मानकों पर किया गया मूल्यांकन :
- पुलिसकर्मियों द्वारा सूचनाएं अपडेट करने
- मामलों को सुलझाने की दर
- पीड़ितों के लिए सुविधाएं
- शिकायतों के निपटारे की दर
- पुलिस की कार्यप्रणाली
- पुलिसकर्मियों के बर्ताव
- क्षेत्र की जनता का फीडबैक
- पुलिसिंग से जुड़े अन्य मानवीय और तकनीकी पक्ष
- देश का सर्वश्रेष्ठ थाना बनाने में थाने की टीम व जनता का योगदान रहा था। साथ में पूर्व में जो पुलिस अधिकारी रहे हैं उनका भी अहम योगदान है। जिले के सभी थानों को सदर बाजार की तरह बनाने के लिए कदम उठाए जाएंगे। सागर सिंह कलसी, उपायुक्त, उत्तरी जिला
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