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    Delhi Election 2025: दिल्ली दंगों के दागियों को महंगा पड़ रहा इस बार का चुनाव, पैरोल के लिए चुकाने पड़ रहे लाखों रुपये

    By Jagran News NetworkEdited By: Jagran News Network
    Updated: Sat, 01 Feb 2025 05:31 PM (IST)

    दिल्ली विधानसभा चुनाव में कई उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। वहीं पिछले चुनाव की तरह इस बार भी कई अपराधी भी मैदान में अपनी ताकत अजमा रहे हैं। इनमें से कई उम्मीदवार चुनाव लड़ने के लिए राज्य सरकार को लाखों रुपए दे रहे हैं। उम्मीदवारों को पुलिस सुरक्षा के लिए हर दिन दो लाख रुपए देने पड़ रहे हैं।

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    ताहिर और शिफा को हर दिन पुलिस सुरक्षा के लिए देने पड़ रहे दो लाख रुपये

    स्वदेश कुमार, नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा के चुनाव में करीब 700 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इनमें लगभग 100 प्रत्याशी ऐसे हैं जिन पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें ताहिर हुसैन और शिफा उर रहमान भी शामिल हैं, जिन पर दिल्ली दंगों का दाग लगा हुआ है।

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    इन्हें असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद उल मुस्लिमीन (एआइएमआइएम) ने चुनावी संग्राम में उतार दिया है। पांच साल से जेल में बंद दोनों आरोपितों कोर्ट से जमानत नहीं दी, हालांकि कस्टडी पैरोल दे दी है। जिसके लिए दोनों को भारी-भरकम राशि चुकानी पड़ रही है।

    विधानसभा चुनाव लड़ रहे दोनों प्रत्याशी

    ताहिर हुसैन मुस्तफाबाद और शिफा उर रहमान ओखला विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने ताहिर की मांग पर पुलिस से पूछा था कि अगर कस्टडी पैरोल दी जाती है तो कितना खर्च आएगा। इस पर पुलिस 24 घंटे की सुरक्षा के लिए पुलिसकर्मियों के वेतन, भत्तों, खान-पान व वाहन की सुविधा देने पर प्रतिदिन 4,16,000 रुपये का खर्च बताया।

    सत्र न्यायाधीश ने कस्टडी पैरोल दी

    सुप्रीम कोर्ट ने सुबह आठ से रात आठ बजे तक यानी प्रतिदिन 12 घंटे के लिए कस्टडी पैरोल दी। रात में ताहिर को जेल में रखने का आदेश दिया। ऐसे में ताहिर से 12 घंटे का खर्च लिया जा रहा है। जो यह प्रतिदिन 2,08,000 बनता है। एक दिन पहले यह रकम जमा करानी पड़ती है। इसी तर्ज पर ओखला से चुनाव लड़ रहे शिफा उर रहमान को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने कस्टडी पैरोल दी है।

    ताहिर को छह दिन और शिफा को पांच दिन की पैरोल मिली है। ऐसे में ताहिर को 12,48,000 रुपये व शिफा को 10,40,000 खर्च करने होंगे, जो उनके चुनावी खर्च में ही शामिल होगा। ताहिर व शिफा के साथ तीसरी बटालिया के 12 पुलिसकर्मी हैं। स्थानीय पुलिस भी हैं, जिनका खर्च नहीं देना है।

    शिफा उर रहमान का चुनावी खर्चा

    11 जनवरी       42,000
    14 से 18 जनवरी        3,200
    18 से 21 जनवरी        3,880
    21 से 25 जनवरी        12,782

    इस बार विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों की खर्च सीमा में बढ़ोतरी की गई है।

    पहले यह 25 लाख रुपये थी, जो अब बढ़कर 40 लाख रुपये हो गई है। 16 जनवरी से ताहिर हुसैन और 11 जनवरी से शिफा उर रहमान ने चुनावी खर्च का ब्योरा निर्वाचन कार्यालय को देना शुरू किया है। ये आंकड़ों में काफी कम है। हकीकत में खर्चे काफी अधिक हैं।

    40 लाख रुपये है प्रत्याशी की खर्च सीमा

    ताहिर हुसैन के परिवार ने कस्टडी पैरोल के साथ चुनावी खर्चे के लिए चंदे का सहारा लेना शुरू किया है। 29 जनवरी को पहली बार पैरोल पर बाहर आने से पहले ही परिवार ने 27 जनवरी से लोगों से चंदा लेना शुरू कर दिया था।

    ताहिर हुसैन का चुनावी खर्चा

    16 से 18 जनवरी 21,080
    18 से 21 जनवरी

    35,229

    21 से 24 जनवरी 4,890
    24 से 26 जनवरी 58,190
    26 से 28 जनवरी 26,804

    परिवार के एक सदस्य ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि पांच साल से कानूनी लड़ाई लड़ते-लड़ते ताहिर की माली हालत खराब हो चुकी है। चुनाव के लिए अब चंदे का ही सहारा है। कस्टडी पैरोल का खर्च प्रत्याशी को एक दिन पहले ही जमा कराना है।

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