Delhi News: तहव्वुर राणा की अर्जी पर NIA को कोर्ट का नोटिस, कुरान और मांसाहारी भोजन की भी मांग
मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा ने परिवार से बात करने के लिए एनआईए अदालत में अर्जी दी है। विशेष न्यायाधीश ने एनआईए को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। राणा ने कुरान और मांसाहारी भोजन की भी मांग की है। अदालत अगली सुनवाई 23 अप्रैल को करेगी। तहव्वुर राणा की परिवार से बात करने की अर्जी पर मुश्किलें खड़ी हो गयी हैं।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। 26/11 मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा ने अपने परिवार से बातचीत के लिए पटियाला हाउस स्थित एनआइए की विशेष अदालत में अर्जी दाखिल की है।
विशेष न्यायाधीश चंद्रजीत सिंह ने राणा की अर्जी पर एनआइए को नोटिस जारी कर 23 अप्रैल तक जवाब दाखिल करने को कहा है।
कुरान और मांसाहारी भोजन की भी मांग
एनआइए सूत्रों के मुताबिक, राणा ने कुरान और मांसाहारी भोजन की भी मांग की है। अदालत मामले की अगली सुनवाई उक्त तिथि को करेगी।
अदालत मामले की अगली सुनवाई उक्त तिथि को करेगी। एनआइए सूत्रों के अनुसार राणा कनाडा में रह रहे अपने छोटे भाई से बात करना चाहता है।
एनआईए ने हाल ही में राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पित कर भारत लाया है। राणा पर मुंबई हमलों का मुख्य साजिशकर्ता होने का आरोप है।
राणा की गिरफ्तारी के बाद एनआईए ने उसे 10 अप्रैल को पटियाला हाउस कोर्ट में विशेष न्यायाधीश चंद्रजीत सिंह की अदालत में पेश किया और उसकी हिरासत की मांग की। इसके बाद कोर्ट ने राणा को 18 दिनों के लिए एनआईए की हिरासत में भेज दिया।
एनआईए ने आरोप लगाया था कि आपराधिक साजिश के एक हिस्से के रूप में आरोपी डेविड कोलमैन हेडली ने भारत आने से पहले राणा के साथ पूरे ऑपरेशन पर चर्चा की थी।
रिमांड की मांग करते हुए एनआईए ने अदालत को बताया कि संभावित चुनौतियों का अनुमान लगाते हुए हेडली ने राणा को एक ईमेल भेजा था जिसमें उसके सामान और संपत्तियों का ब्यौरा दिया गया था।
एनआईए ने आरोप लगाया कि हेडली ने राणा को इस मामले में आरोपी पाकिस्तानी नागरिक इलियास कश्मीरी और अब्दुर रहमान की साजिश में शामिल होने की भी जानकारी दी थी।
मुंबई हमले में हुई थी 166 लोगों की मौत
26 नवंबर 2008 को दस पाकिस्तानी आतंकियों ने मुंबई पर हमला किया था। ताज महल पैलेस होटल, ओबेरॉय ट्राइडेंट, लियोपोल्ड कैफे, छत्रपति शिवाजी टर्मिनल, यहूदी सेंटर समेत कई जगहों को निशाना बनाया गया था।
इस आतंकी हमले में 166 लोग मारे गए थे, जिनमें अमेरिकी, ब्रिटिश और इजरायली नागरिक शामिल थे, जबकि कई लोग घायल हुए थे। इस हमले से पूरे देश में दहशत फैल गई थी।
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