स्वच्छ सर्वेक्षण: NCR में NDMC और नोएडा ने रैंकिंग में लहराया परचम, जानिए अन्य शहरों का कैसा रहा हाल
स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 में नई दिल्ली और नोएडा ने शानदार प्रदर्शन किया। उन्हें सुपरलीग में सम्मानित किया गया। दिल्ली नगर निगम की रैकिंग में सुधार हुआ है। गाजियाबाद और गुरुग्राम का प्रदर्शन भी सुधरा है। फरीदाबाद और दिल्ली कैंट की रैकिंग में गिरावट आई है। सर्वेक्षण में कचरा प्रबंधन और स्वच्छता पर जोर दिया गया है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। देशव्यापी स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 में एनसीआर में नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) और नोएडा ने शान बढ़ाई है।
दोनों निकायों को स्वच्छ सर्वेक्षण में हुई सुपरलीग के तहत नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु द्वारा सम्मानित किया गया है। साथ ही दोनों ने स्वच्छ सर्वेक्षण में अपनी बादशाहत बरकरार रखी है।
जबकि एनसीआर के दूसरे निकाय जैसे गाजियाबाद, ग्रुरुग्राम और दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) का प्रदर्शन तो सुधरा है लेकिन संतोषजनक नहीं रहा है।
एनसीआर का हिस्सा होने के बाद भी ये निकाय शीर्ष 10 से बाहर हैं। वहीं, फरीदाबाद नगर निगम और दिल्ली कैंट की स्वच्छ रैकिंग में गिरावट चिंताजनक है।
नोएडा अथॉरिटी और एनडीएमसी करते हैं बेहतर प्रयोग
नोएडा प्राधिकरण और एनडीएमसी अपने बेहतर प्रयोग के लिए जाने जाते हैं। एनडीएमसी बिना लैंडफिल वाला निकाय शुरू से ही है। वहीं नोएडा लैंडफिल साइट को खत्म कर पार्क बना चुका है।
इसके दोनों घर-घर से कचरा एकत्रीकरण करने के साथ गीला व सूखा कूड़ा अलग-अलग भी करते हैं। हर 500 मीटर की दूरी पर सार्वजनिक शौचालयों की व्यवस्था होना, बाजारों में झाडू के बजाय पोछा या मशीन से सफाई होने के साथ सूखे कचरे का रिसाइकिल कर यनिकाय अपने आप को एनसीआर के दूसरे निकायों से अलग करते हैं।
शेष निकाय अभी स्रोत पर ही कचरा निस्तारण, बाजारों व रिहायशी इलाकों की सफाई के साथ सार्वजनिक शौचालयों की खस्ताहाल स्थिति सुधारने के लिए संघर्षरत हैं। देश की राजधानी दिल्ली है।
एमसीडी की 90 से 31वें स्थान पर छलांग
बावजूद एमसीडी की दस लाख से अधिक आबादी वाले निकाय की श्रेणी में स्वच्छ रैकिंग पिछले वर्ष जहां 446 में से 90 वां स्थान आया था, वहीं इस बार 31 वां स्थान आया है।
गुरुग्राम पिछले वर्ष 140 वें स्थान पर था जबकि इस वर्ष 41 में स्थान पर है। इन दोनों निकायों की रैकिंग में सुधार जरूर हुआ है लेकिन दोनों अभी भी शीर्ष 10 में स्थान पाने में बहुत दूर हैं।
इसी प्रकार गाजियाबाद नगर निगम ने 26 अंकों का सुधार या है लेकिन एक अंक से वह शीर्ष 10 में स्थान पाने से चूक गया। दिल्ली छावनी बोर्ड की स्थिति इस बार स्वच्छ सर्वेक्षण में बेहद ही खराब रही है।
दिल्ली छावनी का रैंकिंग में सबसे बुरा हाल
जिस दिल्ली छावनी परिषद को 3 से सात स्थान तक की रैंकिंग मिला करती थी, वह अब 30वें स्थान पर पहुंच गया है। जबकि देशव्यापी रैंकिंग में दिल्ली छावनी परिषद की स्थिति 726 है जबकि छावनी परिषदों में 58 में 30 है।
स्वच्छ सर्वेक्षण बताता है कि न तो घर-घर से कूड़ा एकत्रीकरण हो पा रहा है और न ही सार्वजनिक शौचालय साफ हो पा रहे हैं। घर-घर से कूड़ा एकत्रीकरण में छावनी परिषद का प्रतिशत 49 हैं और स्रोत पर ही कूड़े को अलग-अलग करने का प्रतिशत मात्र सात है।
सार्वजनिक शौचालयों को साफ रखने में 83 प्रतिशत है। यह हाल तब है जबकि इलाका नियोजित है और आबादी भी कम है।
स्वच्छ सर्वेक्षण की दो वर्षों की तुलनात्मक एनसीआर की स्थिति
निकाय | 2023 | 2024 |
गुरुग्राम | 140 | 41 |
एमसीडी | 90 | 31 |
फरीदाबाद | 36 | 47 |
गाजियाबाद | 37 | 11 |
दिल्ली कैंट | 7 | 30 |
नोएडा | 1 | सुपरलीग में सम्मानित |
एनडीएमसी | 7 | सुपरलीग में सम्मानित |
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