रोहिणी जेल में राजा की तरह आलीशान जिंदगी जीता था सुकेश चंद्रशेखर, मिली थी ये खास सुविधाएं
Sukesh Chandrashekhar Extortion Case जेल में बंद रैनबैक्सी के पूर्व प्रमोटर मलविंदर सिंह व शिविंदर सिंह को जमानत दिलाने के नाम पर उनकी पत्नियों से दो सौ करोड़ से अधिक ठगने वाला सुकेश चंद्रशेखर रोहिणी जेल में आलीशान जिदंगी जीता था।

नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह]। जेल में बंद रैनबैक्सी के पूर्व प्रमोटर मालविंदर सिंह व शिविंदर सिंह को जमानत दिलाने के लिए उनकी पत्नियों से दो सौ करोड़ से अधिक ठगी करने वाला मुख्य आरोपित सुकेश चंद्रशेखर रोहिणी जेल में अपनी सुविधा के अनुसार जिदंगी जीता था। ठगी के करोड़ों रुपये उसने रोहिणी जेल के अधिकारियों पर लूटा दिया था जिससे जेल अधिकारी उसके हर हुक्म के गुलाम बन गए थे। इस मामले में अब सुकेश की जेल की तस्वीरें बाहर आई है।
मामले में आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) के एडिशनल पुलिस कमिश्नर आरके सिंह का कहना है कि सुकेश जेल में राजा की तरह रह रहा था। उसे जेल के कई बड़े अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त था। उसके लिए जेल के एक बैरक को खाली करा दिया गया था जिसमें वह अकेला रहकर अपने अवैध धंधे को अंजाम दे रहा था। ऐसा इसलिए किया गया था ताकि वह मोबाइल फोन का उपयोग कर जेल से ही वसूली रैकेट चला सके। जिस बैरक में सुकेश अकेला रहता था उसमें 40 कैदियों के रहने की क्षमता है।
जांच में पता चला कि हवाला डीलरों और मनी कैरियर के जरिए जेल अधिकारियों को पैसे ट्रांसफर किए जाते थे। पुलिस ने सभी सबूतों पर विचार करने के बाद जेल अधिकारियों को भी गिरफ्तार किया है। उनकी एक तरह से संलिप्तता साबित हुई है। जेल अधिकारियों ने अपराध में सुकेश की मदद की थी। उसके बैरक में जानबूझ कर सीसीटीवी कैमरे भी नही लगाए गए थे। उसे आइफोन, विदेशी सिम कार्ड, महंगे होटल का खाना मिलता था। इसके अलावा नियमों को ताक पर रखकर लोगों को उससे मिलने दिया जाता था। जेल के अधिकारी उसे वीआइपी होटल जैसी सुविधाएं मुहैया करा रहे थे।
सुकेश जेल अधिकारियों के साथ मिलकर संगठित गिरोह चला रहा था। उसे मुख्य रूप से जेल अधीक्षक सुनील कुमार और सुंदर वोहरा मदद कर रहे थे। इसके बदले उन्हें हर 15 दिन में 65 लाख रुपये सुकेश देता था। वह उन्हें अबतक 20 करोड़ रुपये से अधिक की रकम दे चुका था। पुलिस जांच कर रही है कि उक्त रकम कितने लोगों में बांटी गई। जेल में अवैध तरीके से सुकेश को सुविधाएं मुहैया कराने के कारण ही आर्थिक अपराध शाखा ने 9 नवंबर रोहिणी जेल के पांच अधिकारियों को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार आरोपितों में जेल अधीक्षक सुनील कुमार, सुंदर वोहरा, जेल उपाधीक्षक महेंद्र प्रसाद, लक्ष्मी दत्त व सहायक जेल अधीक्षक प्रकाश चंद्र शामिल थे। इस मामले में अब तक 19 आरोपितों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। 2 नवंबर को सुकेश समेत 14 के खिलाफ पुलिस आरोप पत्र दायर कर चुकी है।
अब जैसे जैसे इस मामले में नए आरोपितों की गिरफ्तारी होगी उनके खिलाफ पुलिस पूरक आरोप पत्र दायर करेगी। जेल में सुकेश चंद्रा बंधुओं, कार्तिक चिदंबरम, मोइन कुरैशी, रतुल पुरी और कई अन्य हाई प्रोफाइल कैदियों से मिला था। वह यूनिटेक के मालिक संजय चंद्रा, अजय चंद्रा के अलावा रैनबैक्सी के पूर्व प्रमोटर शिवेंद्र सिंह से भी मिला था। यूनिटेक के चंद्रा बंधुओं से वह नियमित रूप से मिलता था। उन्हीं के जरिए वह दीपक रमनानी के संपर्क में आया था।
दीपक, चंद्रा बंधुओं के पैसों का हिसाब रखता था। ज्ञात रहे सुकेश को एक राजनैतिक पार्टी का चुनाव चिह्न दिलाने के नाम पर ठगी करने के आराेप में 2017 में गिरफ्तार किया गया था। जेल में रहने के दौरान सिंह बंधुओं की पत्नियों से 200 करोड़ से अधिक की ठगी करने मामले में उसके मददगार जेल अधिकारियों व कर्मियों की भूमिका की जब जांच की गई तब हैरान करने वाला मामला सामने आया।
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