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    400 साल बाद परदेस से लौटे कान्हा पर होगा अध्ययन, जानिये- अमेरिका और इंग्लैंड से कनेक्शन

    By Jp YadavEdited By:
    Updated: Wed, 14 Apr 2021 08:39 AM (IST)

    Lord Krishna Idol News एक अमेरिकी नागरिक ने इंग्लैंड में स्थित सुभाष कपूर की आर्ट गैलरी से पत्थर का स्तंभ और भगवान कृष्ण के बाल्यकाल की एक मूर्ति खरीदी थी। सुभाष कपूर को मूर्ति तस्करी के आरोप में जब गिरफ्तार किया गया तो उसने इसे अमेरिकी दूतावास को सौंप दिया।

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    प्राथमिक जांच में एएसआइ ने इसे 17 वीं शताब्दी का पाया है।

    नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। Lord Krishna Idol News:  भगवान कृष्ण के बाल्यकाल की एक बहुत ही सुंदर मूर्ति इंग्लैंड से वापस आई है। यह मूर्ति 400 साल पुरानी बताई जा रही है, जो मूर्ति तस्कर सुभाष कपूर के माध्यम से चोरी कर विदेश में बेच दी गई थी। मूर्ति का अध्ययन करने के लिए विशेषज्ञों की एक समिति बनाई जा रही है। समिति मूर्ति के बारे में अध्ययन करेगी। उसके बाद ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचा जा सकेगा।

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    अमेरिकी नागरिक ने खरीदी थी यह प्रतिमा

    जानकारी के मुताबिक यूके में रह रहे एक अमेरिकी नागरिक ने इंग्लैंड में स्थित सुभाष कपूर की आर्ट गैलरी से एक पत्थर का स्तंभ और भगवान कृष्ण (नवनीत कृष्णा) के बाल्यकाल की एक मूर्ति खरीदी थी। सुभाष कपूर को मूर्ति तस्करी के आरोप में जब गिरफ्तार किया गया तो पुलिस कार्रवाई के डर से उसने इसे अमेरीकी दूतावास को सौंप दिया। इसके बाद अमेरिकी दूतावास ने वहां की पुलिस से संपर्क कर इन दोनों धरोहर को उसे सौंप दिया।

    एएसआइ को मिल गई 400 साल पुरानी मूर्ति

    इसके बाद इंग्लैंड की पुलिस ने वहां स्थित भारतीय दूतावास को इन दोनों धरोहरों को सौंप दिया था। इसके माध्यम से स्तंभ पहले ही भारत आ गया था, जो एएसआइ को सौंप दिया गया था। डिपार्टमेंट आफ रेवेन्यू इंटेलीजेंस ने गत दो मार्च को यह मूर्ति एएसआइ को सौंप दी है।

    नहीं पता चला, कब हुई थी यह मूर्ति चोरी

    प्राथमिक जांच में एएसआइ ने इसे 17 वीं शताब्दी का पाया है। इसकी बनावट से माना जा रहा है कि मूर्ति दक्षिण भारत के किसी स्थान से चोरी की गई है। इस मूर्ति की चोरी के बारे में कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है। ऐसे में यह स्पष्ट नहीं है कि यह मूर्ति कब चोरी हुई थी। इसका साइज नौ इंच के करीब है।

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    पुराने किले में बनाए गए संग्रहालय में रखी जाएगी यह मूर्ति

    बताया जा रहा है कि मूर्ति भगवान कृष्ण के बाल्यकाल की है, जिसमें वह एक हाथ में माखन का गोला लिए हुए हैं। मूर्ति मैटल की बताई जा रही है। इसकी कोई पैमाइश या मूर्ति के वजन की जांच नहीं की गई है। एएसआइ द्वारा गठित विशेषज्ञों की समिति अब अध्ययन कर रिपोर्ट सौंपेगी। इस कार्य के पूरा होने के बाद मूर्ति को पुराने किले में बनाए गए संग्रहालय में रखा जाएगा। यहां पर विदेश से लाई गईं और भी कई ऐसी मूर्तियां रखी गई हैं।

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    दुनियाभर में कृष्ण को चाहने-मानने वाले

    गौरतलब है कि भगवान कृष्ण सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि दुनियाभर में लोकप्रिय हैं। कृष्ण ने पूरी दुनिया को प्रेम का ऐसा संदेश दिया और जीने की जो राह बताई इसी वजह से वे आज भी इतने पोपुलर और ग्लोबल भगवान हैं।प्रेम किया तो चरम तक और महाभारत का युद्ध हुआ तो उसमें भी अन्य रूप में सम्मिलित हुए। विशेषज्ञों की मानें तो भगवान कृष्ण अपने मानवीय गुणों के ज्यादा होने के कारण शायद सबसे ज्यादा लोकप्रिय भगवान माने जाते हैं। व्यापक प्रभाव के चलते दुनिया के ज्यादातर देशों में कृष्ण के नाम पर संगठन और मंदिर बने हुए हैं। जानकारों की मानें तो किसी भी आम शख्सियत की तरह भगवान कृष्ण की जिंदगी में हर तरह के रंग भरे हैं। दुख, सुख, विरह और युद्ध तक। दरअसल, एक ओर अर्जुन को गीता का महाज्ञान देने वाला तो दूसरी ओर राधा संग प्रेम और गोपियों संग रासलीला करना, यह कृष्ण के चरित्र को और अधिक व्यापक बनाता है। 

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