Building Collapse Prevention: दिल्ली में कमजोर इमारतों पर निगम की नजर, अगर बचाना है अपना घर तो जल्द करवा लें ये काम
पूर्वी दिल्ली में लोग अपने घरों को गिरने से बचाने के लिए स्ट्रक्चरल जांच करवा रहे हैं। मुस्तफाबाद में इमारत गिरने की घटना के बाद निगम ने कमजोर इमारतों की पहचान की है। निगम ने मकान मालिकों को जांच कराकर रिपोर्ट देने का विकल्प दिया है। बिहारी कॉलोनी में झुके हुए मकान को गिराने का काम जारी है। मकान टूटने से बचाने के लिए लोग प्रयास कर रहे हैं।

जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली। लोग अपने मकानों को गिरने से बचाने के लिए अपने ढांचों की जांच करा रहे हैं। तीन लोगों ने ढांचों की जांच कराकर निगम को रिपोर्ट सौंप दी है। जबकि 16 लोगों ने ढांचों की जांच कराने के लिए आवेदन कर निगम से समय मांगा है।
लोगों का कहना है कि लाखों रुपये खर्च कर मकान ढहाने से बेहतर है कि आठ से दस हजार रुपये जांच पर खर्च कर दिए जाएं। निगम के भवन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जांच से यह सुनिश्चित हो जाता है कि भवन सुरक्षित है या नहीं।
19 अप्रैल को मुस्तफाबाद के दयालपुर शक्ति विहार में तीन मंजिला मकान गिरने से 11 लोगों की मौत हो गई थी। उसके बाद नगर निगम के शाहदरा उत्तरी जोन के भवन विभाग की टीम ने कमजोर भवनों की पहचान के लिए सर्वे शुरू किया था।
इस सर्वे में अब तक तीन से पांच मंजिल के 401 मकानों की पहचान कमजोर के रूप में की गई है और उनके मालिकों को नोटिस जारी किए गए हैं। जिसमें इनकी मरम्मत कराने या पूरी तरह से गिराने की बात कही गई है। इनमें से 17 मकानों को गिराया जा चुका है।
निगम ने 14 मकानों को गिराया है, जिसकी कीमत वसूलने के लिए मकान मालिकों को रिकवरी नोटिस भेजे जा रहे हैं। तीन मकान मालिकों ने इन्हें खुद ही गिरा दिया। इसके साथ ही 16 मकानों को सील कर दिया गया है।
निगम अधिकारियों ने बताया कि नोटिस देने के साथ ही लोगों को विकल्प दिया गया है कि यदि वे निगम द्वारा अधिकृत स्ट्रक्चरल इंजीनियर से मकान की जांच करवाकर उसकी रिपोर्ट पेश करें तो रियायत का रास्ता निकल सकता है।
जांच रिपोर्ट में मकान का मजबूत पाया जाना जरूरी है। कमजोर पाए जाने पर भी कार्रवाई होगी। ऐसे में लोग मकान के स्ट्रक्चर की जांच करवाने के लिए समय मांग रहे हैं।
बिहारी कालोनी में झुके मकान को तोड़ने का काम जारी
बिहारी कॉलोनी की गली नंबर 14 में झुकी हुई चार मंजिला इमारत को गिराने का काम चल रहा है। इसकी चौथी मंजिल पूरी तरह से गिरा दी गई है। सोमवार को दूसरी और तीसरी मंजिल की दीवारें और बालकनी गिराई गईं। इसे सावधानीपूर्वक और धीरे-धीरे तोड़ा जा रहा है, इसलिए समय लग रहा है। निगम की मानें तो इसे पूरी तरह से गिराने में तीन से चार दिन और लगेंगे।

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