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    दिल्ली के रेहड़ी-पटरी वालों के लिए स्ट्रीट साथी एप लॉन्च, मिलेगा ऋण और बीमा पॉलिसी की सुविधा

    Updated: Mon, 25 Aug 2025 10:33 PM (IST)

    दिल्ली में रेहड़ी-पटरी वालों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए NASVI ने स्ट्रीट साथी एप लॉन्च किया है। यह ऐप ऋण और बीमा सुविधा प्रदान करेगा। नासवी ने एमसीडी सर्वेक्षण में सक्रिय भागीदारी का आह्वान किया है ताकि वेंडर्स के अधिकारों की रक्षा हो सके। उच्च न्यायालय के आदेशानुसार बेदखल करने से पहले 30 दिन का नोटिस अनिवार्य है और स्ट्रीट फूड वेंडर्स के लिए एफएसएसएआई लाइसेंस अनिवार्य है।

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    नासवी की पहल, रेहड़ी-पटरी वालों को मिलेगी एक लाख की आकस्मिक बीमा पालिसी, ऋण सुविधा भी।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी के रेहड़ी-पटरी वालों (स्ट्रीट वेंडर्स) की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए भारतीय राष्ट्रीय रेहड़ी-पटरी विक्रेता संघ (NASVI) ने ‘स्ट्रीट साथी एप’ की शुरुआत की है, इसके माध्यम से स्ट्रीट वेंडर्स को ऋण सुविधा के साथ-साथ एक लाख रुपये तक की आकस्मिक बीमा पॉलिसी का लाभ भी दिया जाएगा।

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    पश्चिम, दक्षिण और रोहिणी क्षेत्रों के वेंडर्स को इसका विशेष लाभ मिलेगा। एप का शुभारंभ सोमवार को दिल्ली में आयोजित नासावी की संवादात्मक बैठक में किया गया।

    बैठक में प्रतिभाग कर रहे स्ट्रीट वेंडर्स को उनका हक दिलाने और किसी भी कार्रवाई से बचाने के लिए नासवी ने दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के सर्वेक्षण में सक्रिय रूप से शामिल होने का आह्वान किया है।

    कहा गया कि यह भागीदारी न सिर्फ उनकी स्थिति को औपचारिक दर्जा दिलाने में मदद करेगी, बल्कि नीतिगत मामलों में उनकी मजबूत आवाज भी बनेगी।

    बैठक में वेंडर्स के अधिकारों और आजीविका की रक्षा के लिए मौजूदा कानूनों के सही क्रियान्वयन पर सामूहिक रूप से काम करने का संकल्प लिया गया।

    नासवी के राष्ट्रीय समन्वयक अरबिंद सिंह ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि आने वाले दो महीनों में छह जोन में एमसीडी और टाउन वेंडिंग कमेटियों (टीवीसी) के सहयोग से इस काम को निर्धारित संस्था ‘निदान’ यह सर्वेक्षण करेगी।

    चेताया कि अगर वेंडर्स इसमें नहीं जुड़े, तो उनकी पहचान और अधिकारों पर संकट खड़ा हो सकता है। दिल्ली उच्च न्यायालय के हालिया आदेश का हवाला देते हुए अरबिंद सिंह कहाकि किसी भी वेंडर को बेदखल करने से पहले एमसीडी को 30 दिन का नोटिस देना जरूरी है।

    बैठक में प्रतिभाग कर रहे रेहड़ी-पटरी वालों का आह्वान किया कि अपने अधिकारों को समझें और अपनी शिकायत सीधे क्षेत्रीय उपायुक्त के यहां दर्ज कराएं। टीवीसी से भी कहा गया कि वे ऐसे मामलों पर सामूहिक पहल करें।

    बैठक में स्ट्रीट फ़ूड वेंडर्स के लिए एफएसएसएआई लाइसेंस अनिवार्य कर दिए जाने पर भी चर्चा हुई। प्रतिभागियों को बताया गया कि स्थिर वेंडर्स को 100 रुपये शुल्क देकर लाइसेंस लेना होगा, जबकि मुफ्त लाइसेंस केवल ‘मोबाइल वेंडर्स’ के लिए है।

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