सी-फेस ऐप और FRS तकनीक से पकड़ा गया मास्टरमाइंड भूषण, पुलिस ने आरोपी का पुराना रिकॉर्ड भी खंगाला
क्राइम ब्रांच ने आधुनिक तकनीक की मदद से लाल किले के सामने से चोरी हुए जैन समाज के तीन सोने के कलशों का मामला सुलझाया। सीसीटीवी फुटेज और फेस रिकग्निशन तकनीक से आरोपित की पहचान हुई। आरोपित का पुराना आपराधिक रिकॉर्ड भी सामने आया। पुलिस ने हापुड़ में छापेमारी कर आरोपित भूषण वर्मा को गिरफ्तार कर लिया।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। क्राइम ब्रांच ने तकनीकी जांच और आधुनिक फेस रिकग्निशन तकनीक (एफआरएस) की मदद से लाल किले के सामने 15 अगस्त पार्क से जैन समाज के धार्मिक अनुष्ठान के दौरान चोरी हुए तीन सोने के कलश मामले का पर्दाफाश किया।
टीम ने घटना के बाद सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालते समय आरोपित की स्पष्ट तस्वीर सामने आई। इस तस्वीर को सी-फेस ऐप में सर्च किया गया, जहां से आरोपित के डिजिटल अकाउंट और उससे जुड़ा पेटीएम नंबर मिला। उस नंबर की जांच कर पुलिस ने आइएमईआइ डिटेल खंगाली और पता चला कि आरोपित का सक्रिय मोबाइल हापुड़ इलाके से चल रहा है।
यहीं नहीं, तस्वीर को एफआरएस तकनीक से भी मिलाया गया। जांच में सामने आया कि वर्ष 2016 में दिल्ली के बीएलके अस्पताल में पर्स चोरी करने वाला शख्स यही है। उस वक्त अस्पताल में पकड़े गए आरोपित को पकड़ने वाले पुलिसकर्मी को जब ताजा फुटेज दिखाई गई तो उसने तुरंत उसे भूषण वर्मा बताया।
इस तकनीकी विश्लेषण और पुराने आपराधिक रिकॉर्ड की पुष्टि के बाद क्राइम ब्रांच ने हापुड़ में उसकी लोकेशन को ट्रेस किया। इसके बाद एक टीम ने वहां छापेमारी कर भूषण वर्मा को दबोच लिया।
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