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    Shraddha Murder Case: पहली बार कब दिखी थी श्रद्धा? हमेशा बंद रहता दरवाजा, पड़ोसियों ने खोले कई राज

    By GeetarjunEdited By:
    Updated: Thu, 17 Nov 2022 09:00 PM (IST)

    Delhi Mehrauli Murder Case श्रद्धा वालकर की हत्या मामले में दिल्ली पुलिस जांच में लगी हुई है। दिल्ली के महरौली में जब से श्रद्धा और आफताब यहां रहने आए तब से पड़ोसियों ने श्रद्धा को केवल एक बार देखा था। साथ ही बताया कि उनका हमेशा दरवाजा बंद रहता था।

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    पहली बार दब दिखी थी श्रद्धा? हमेशा बंद रहता दरवाजा, पड़ोसियों ने खोले कई राज

    नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। श्रद्धा वालकर की हत्या मामले में दिल्ली पुलिस जांच में लगी हुई है। बृहस्पतिवार को साकेत कोर्ट ने आरोपित की पुलिस हिरासत पांच दिन के लिए और बढ़ा दी। दिल्ली के महरौली में जब से श्रद्धा वालकर और आफताब पूनावाला यहां रहने आए तब से पड़ोसियों ने श्रद्धा को केवल एक बार देखा था। साथ ही बताया कि कमरे का हमेशा दरवाजा बंद रहता था।

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    एक पड़ोसी ने बताया कि उन्होंने श्रद्धा को सीढ़ियों पर देखा था, जब वो पहली बार यहां शिफ्ट हुए थे। उसके हाथ में एक बैग था। तब से उसे कभी नहीं देखा था। लेकिन आफताब को कई बार देखा था। वो लोग ऑनलाइन खाना मंगवाते थे। एक दिन जब वो खाना लेने नीचे आया उस दिन मुझे उसका नाम पता चला था। साथ ही उसे तब देखा था जब मालिक ने मोटर चलाने के बारे उसे बताने को कहा था। ताकि वो पानी की मोटर चलाना सीख सके। कोई भी पड़ोसी नहीं जानता था कि ये लोग कौन हैं। ज्यादातर उनके दरवाजा बंद रहता था।

    कोर्ट ने नार्को टेस्ट की दी मंजूरी

    आफताब को साकेत कोर्ट ने पांच दिन की दिल्ली पुलिस की हिरासत में भेज दिया है। वहीं, कोर्ट ने नार्को टेस्ट (Narco Test) की भी मंजूरी दे दी है। पुलिस ने अदालत को बताया कि वह जांच के लिए आरोपित को उत्तराखंड और हिमाचल ले जाएगी।

    इंटरनेट से सीखा

    दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने बताया कि आरोपित ने शव के 35 टुकड़े करने के बाद सिर को जला दिया था, ताकि उसकी पहचान न हो सके। आरोपित ने इंटरनेट के जरिए शव को ठिकाने लगाने के बारे में सीखा था।

    जून में मिले सिर और शरीर के टुकड़ों की होगी डीएनए जांच

    एक ओर दिल्ली के दक्षिणी जिला पुलिस ने पूर्वी दिल्ली पुलिस से भी संपर्क साधा है। इसी साल जून में ही पांडव नगर थाना क्षेत्र के त्रिलोकपुरी इलाके में एक कटा हुआ सिर और हाथ मिला था। वहीं, श्रद्धा की हत्या 18 मई को की गई थी। पुलिस डीएनए मिलान के लिए सैंपल भी पुलिस को भेजे हैं। क्योंकि पुलिस को अभी श्रद्धा का सिर नहीं मिल पाया है।

    पूर्वी दिल्ली पुलिस उस समय मामले में यह पता लगाने में सक्षम नहीं थी कि बरामद शरीर के टुकड़े किसके थे। पूर्वी दिल्ली में मिले शरीर के अंगों को डीएनए टेस्ट के लिए भेजा गया है और जल्द ही फॉरेंसिक रिपोर्ट आएगी।

    कैमिकल से मिटाए सबूत

    पुलिस सूत्रों ने बताया कि आफताब ने खून के दाग और सबूत मिटाने के लिए कैमिकल और ब्लीच का इस्तेमाल किया था। साथ ही आरोपित ने पानी का मई महीने में पानी का ज्यादा इस्तेमाल किया था, इसलिए पानी का बिल भी ज्यादा आया था।

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    आफताब की वजह से पिता से टूटा था रिश्ता

    श्रद्धा मुंबई के एक कॉल सेंटर में आफताब से मिली थी। 2019 में श्रद्धा एक दिन अचानक आफताब को लेकर अपने घर आ गई थी और उसने मां से कहा था कि वह उसके साथ कहीं लिव इन रिलेशनशिप में रहना चाहती है। बेटी की यह बात सुनकर उसकी मां चौंक गई थी। उन्होंने समझाते हुए श्रद्धा से कहा था कि यहां अंतर धार्मिक विवाह नहीं हो सकता है। इसपर छूटते ही श्रद्धा ने कहा था कि मैं 25 साल की हो गई हूं। मुझे अपने फैसले लेने का पूरा अधिकार है। मुझे आफताब के साथ ही रिलेशनशिप में रहना है। मैं आज से आपकी बेटी नहीं हूं और अपने माता-पिता को छोड़कर दिल्ली रहने आ गई थी।

    जब श्रद्धा का कोई अपडेट नहीं मिला तो पिता ने दर्ज कराई FIR

    2021 में मां के निधन के बाद श्रद्धा ने अपने पिता से सिर्फ दो बार ही बात की थी। जब काफी दिनों तक पिता की बेटी श्रद्धा से बात नहीं हुई (और सोशल मीडिया पर अपडेट नहीं था) तो उन्होंने सितंबर में ही मानिकपुर थाने में पुलिस से शिकायत की। फिर दिल्ली में श्रद्धा का पता चलने पर मुंबई पुलिस ने दिल्ली पुलिस से जांच में मदद मांगी।

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    गला दबाकर हत्या के बाद किए टुकड़े

    दिल्ली पुलिस ने जब आरोपित को गिरफ्तार किया तो पता चला कि श्रद्धा उसके साथ शादी करना चाहती थी और आफताब शादी से लगातार इनकार कर रहा था। इसी कारण दोनों में झगड़ा होता था। इसी बीच 18 मई को आरोपित ने श्रद्धा की गला दबाकर हत्या कर दी। इसके बाद हत्या को छिपाने के लिए मृतका के शरीर को कई हिस्सों में काटकर रेफ्रिजरेटर में रख दिया। चूंकि लड़के ने रसोइए की पढ़ाई की थी और उसे मीट वगैरह संरक्षित करके रखने के बारे में जानकारी थी। इसी के चलते उसने मृतका के शरीर को संरक्षित करके रख लिया।

    यह सिलसिला 18 दिन तक चलता रहा। वह हर रात को दो बजे शव का एक हिस्सा जाकर फेंक आता था। पुलिस को पहली बार 8 नवंबर को मामले की जानकारी मिली और पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर लिया।