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    मगरमच्छ से लड़कर सात साल की बच्ची ने बचाई बहन की जान, नाम है ममता

    By Amit MishraEdited By:
    Updated: Sun, 21 Jan 2018 02:35 PM (IST)

    ममता उस मगरमच्छ वाली घटना के बारे में बताते हुए कहती है कि उसने मगरमच्छ के मुंह से अपनी बहन का हाथ खींचकर उसे मार भगाया।

    मगरमच्छ से लड़कर सात साल की बच्ची ने बचाई बहन की जान, नाम है ममता

    नई दिल्ली [जेएनएन]। उम्र छोटी और कद भी छोटा, लेकिन हिम्मत इतनी कि उसकी बहादुरी का किस्सा सुनकर कोई भी दांतों तले अंगुली दबा ले। ओडिशा के केंद्रपाड़ा जिले की रहने वाली सात वर्षीय ममता दलाई लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है। जिस जगह भी ममता को सम्मान देने के लिए बुलाया जा रहा है, उसको देखकर लोग आश्चर्य चकित हो उठते हैं। उसकी बहादुरी का किस्सा सुनने के लिए ममता के इर्द-गिर्द लोग इकट्ठे हो जाते हैं।

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    सबसे छोटी है ममता 

    जी हां, वर्ष 2017 के लिए राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से सम्मानित होने वाले बच्चों की सूची में ममता का नाम भी शामिल है। इस पुरस्कार के लिए चयनित बच्चों में वह सबसे छोटी है। वीरता का यह पुरस्कार ममता को मगरमच्छ के चंगुल से अपनी बड़ी बहन की जान बचाने के लिए दिया जाएगा। भले ही दूसरी कक्षा में पढ़ने वाली ममता को ठीक से हिंदी बोलनी नहीं आती, लेकिन वह हिंदी ठीक से समझती है और थोड़ा-बहुत जवाब भी दे देती है। वह बड़े होकर डॉक्टर बनना चाहती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में पूछने पर उसने कहा कि टीवी पर उन्हें कई बार देखा है।

    मगरमच्छ ने किया हमला 

    ममता उस मगरमच्छ वाली घटना के बारे में बताते हुए कहती है कि उसने मगरमच्छ के मुंह से अपनी बहन का हाथ खींचकर उसे मार भगाया। वह शाम को घर से कुछ दूरी पर शौच के लिए गई थी। अचानक दलदल वाली जगह पर मगरमच्छ आ गया और उसने मेरे साथ गई मेरी बहन के हाथ को अपने मुंह में जकड़ लिया और वह उसे खींचने लगा।

    हिम्मत नहीं हारी 

    ममता ने बताया कि मैंने भी उसके हाथ को कसकर पकड़े रखा और जोर-जोर से चिल्लाने लगी। बहन के हाथ से खून बहते देख एक बार डर लगने लगा कि कहीं मगरमच्छ उसे खींचकर न ले जाए, लेकिन हिम्मत नहीं हारी और आखिरकार मगरमच्छ को हाथ छोड़कर उस जगह से वापस जाना पड़ा। उस दौरान मदद के लिए भी कोई नहीं था।

    पिता को गर्व है

    ममता के पिता निर्मल दलाई कहते है कि उन्हें इस बात का गर्व है कि उनके परिवार में ऐसी बहादुर बेटी भी है, जो मगरमच्छ के सामने होने पर भी उससे नहीं डरी। उन्होंने कहा कि जब इस घटना के बारे सुना तो उन्हें आश्चर्य हुआ कि मगरमच्छ से लड़कर उसने मेरे बड़े भाई की बेटी की जान बचा ली। उन्होंने बताया कि ममता बचपन से ही निडर है। 

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