Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Seemapuri Violence Case: नाबालिग का दावा करने वाले आरोपित को कोर्ट से तगड़ा झटका

    By Mangal YadavEdited By:
    Updated: Mon, 30 Dec 2019 06:02 PM (IST)

    Seemapuri Violence Case सीमापुरी हिंसा मामले में आरोपित की हड्डियों की जांच के बाद कोर्ट ने पाया कि वह नाबालिग नहीं है।

    Seemapuri Violence Case: नाबालिग का दावा करने वाले आरोपित को कोर्ट से तगड़ा झटका

    नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। सीमापुरी हिंसा मामले में आरोपित एक नाबालिग को दिल्ली की एक अदालत से तगड़ा झटका लगा है। हड्डियों (bone ossification) की जांच के बाद कोर्ट ने पाया आरोपित नाबालिग नहीं है। वहीं आरोपित की जमानत याचिका पर मामले की अगली सुनवाई 6 जनवरी को होगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    वहीं  नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में सीलमपुर में हिंसक विरोध प्रदर्शन करने के मामले में गिरफ्तार किए गए दो आरोपितों की मेडिकल रिपोर्ट नहीं पेश करने पर कड़कड़डूमा कोर्ट ने मंडोली जेल प्रशासन को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। अतिरिक्त जिला न्यायाधीश बृजेश गर्ग ने जेल प्रशासन को सोमवार तक मेडिकल रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया था। सोमवार को अदालत ने जेल प्रशासन को कारण बताओ नोटिस जारी कर मंगलवार तक जवाब मांगा है।

    चिकित्सकीय आधार पर आरोपित यूसुफ अली ने जमानत की मांग की थी। अदालत ने जमानत याचिका पर जेल अधिकारियों से 30 दिसंबर तक इस पर मेडिकल रिपोर्ट पेश करने को कहा। यूसुफ अली एक अन्य आरोपित के साथ मंडोली जेल में बंद है। सुनवाई के दौरान अदालत ने दो अन्य आरोपितों साजिद व दनियाल की जमानत याचिका पर आदेश मंगलवार के लिए सुरक्षित रख लिया।

    27 दिसंबर को यूसुफ अली की तरफ से पेश हुए वकील जाकिर रजा और अब्दुल गफ्फार ने अदालत को बताया था कि वह हाईपोथायरायडिज्म से पीड़ित है और इसके कारण वह मंडोली जेल में नियमित रूप से रहने के लिए फिट नहीं है। अली के वकील द्वारा पेश किए गए मेडिकल प्रमाणपत्र पर अदालत ने पूछा था कि आरोपित पहले 23 दिसंबर से ही न्यायिक हिरासत में था, ऐसे में मरीज को बगैर देखे डॉक्टर कैसे प्रमाणपत्र जारी कर सकता है। वकील ने दलील दी थी कि डॉक्टर लंबे समय से अली का इलाज कर रहा था।

    वहीं, एक अन्य आरोपित मोइनुद्दीन की जमानत याचिका पर भी सुनवाई चल रही है। आरोपित ने हिंसक विरोध प्रदर्शन के दौरान लगी चोट के कारण तत्काल सर्जरी की जरूरत का हवाला देकर जमानत की मांग की है। मोइनुद्दीन के वकील ने दलील दी थी कि लाठीचार्ज के कारण उसे चोट लगी है, जबकि पुलिस ने दावा किया कि प्रदर्शन के दौरान पेट्रोल बम फेंकने के दौरान उसने खुद को घायल कर लिया था। उत्तर-पूर्वी दिल्ली के सीलमपुर इलाके में हिंसक विरोध प्रदर्शन के सिलसिले में गिरफ्तार 14 लोगों को अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।

     ये भी पढ़ेंः नए साल की पूर्व संध्या पर दिल्ली में कई जगहों पर रहेगा रूट डायवर्जन, इन रास्तों का करें प्रयोग

    Weather Update: दिल्ली में शीतलहर ने तोड़ा 119 साल का रिकॉर्ड, दर्ज किया गया सबसे ठंडा दिन

    EXCLUSIVE: दिल्ली-NCR में ठंड ने क्यों तोड़ा रिकॉर्ड, मौसम विभाग ने बताई वजह