SBI क्रेडिट कार्ड के ग्राहकों का डेटा चोरी कर 350 लोगों को ठगा, दिल्ली पुलिस ने किया गिरोह का भंडाफोड़
दिल्ली पुलिस ने साइबर अपराध सिंडिकेट का भंडाफोड़ कर 18 जालसाजों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह एसबीआई क्रेडिट कार्ड धारकों को निशाना बनाकर 2.6 करोड़ की ठगी कर चुका है। कॉल सेंटर के अंदरूनी सूत्रों से ग्राहकों का गोपनीय डेटा चुराकर आरोपित ओटीपी और सीवीवी हासिल करते थे। फिर वे गिफ्ट कार्ड खरीदकर उन्हें बेच देते थे।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (आईएफएसओ) यूनिट ने छह महीने तक चली जांच में एक बड़े साइबर अपराध सिंडिकेट का भंडाफोड़ करते हुए 18 जालसाजों को गिरफ्तार किया है।
यह गिरोह दिल्ली के ककरोला और उत्तम नगर से चल रहा था और State Bank Of India (SBI) के हजारों क्रेडिट कार्ड धारकों को निशाना बनाकर 2.6 करोड़ की ठगी कर चुका है। जांच में अब तक गिरोह के खिलाफ 350 से अधिक शिकायतें मिल चुकी हैं।
जांच में पता चला कि गिरोह को अधिकृत कॉल सेंटरों के अंदरूनी सूत्रों से ग्राहकों का गोपनीय डेटा मिलता था। आरोपित खुद को एसबीआई ग्राहक सेवा अधिकारी बताकर पीड़ितों से काॅल पर OTP और CVV जैसी संवेदनशील जानकारी हासिल करते थे।
इन क्रेडेंशियल्स का इस्तेमाल EaseMyTrip और WuHu जैसे प्लेटफार्म पर गिफ्ट कार्ड व घरेलू हवाई टिकट खरीदने में होता था। बाद में ये गिफ्ट कार्ड ट्रैवल एजेंटों को बेचकर नकद या क्रिप्टोकरेंसी में बदल दिए जाते थे।
दिल्ली पुलिस ने जयपुर, मथुरा, गुरुग्राम, ककरोला और उत्तम नगर में छापेमारी करते हुए काॅलर, सिम आपूर्तिकर्ता, डेटा प्रदाता, ट्रैवल एजेंट और सरगना तक पूरे नेटवर्क को गिरफ्तार कर लिया है। इनके कब्जे से 52 मोबाइल फोन, कई सिम कार्ड और ग्राहकों का बैंक विवरण बरामद हुआ है।
आईएफएसओ के उपायुक्त विनित कुमार के मुताबिक, द्वारका क्षेत्र के काकरोला स्थित एक काॅल सेंटर के संचालन के संबंध में शिकायत दर्ज की गई थी, जो दिल्ली से संचालित एक अत्यधिक संगठित साइबर अपराध गिरोह का हिस्सा था।
जांच के दौरान, पता चला कि जालसाज देश भर में एसबीआई क्रेडिट कार्ड धारकों के साथ ठगी करते थे। सिंडिकेट ने गोपनीय डेटा गुरुग्राम स्थित टेलीपरफार्मेंस काॅल सेंटर से लीक करवाया, जहां कार्ड प्रोटेक्शन प्लान (सीपीपी) सेवाओं से जुड़े कर्मचारी वर्षों से अंदरूनी तौर पर डेटा चोरी कर रहे थे।
इस डेटा में ग्राहक का नाम, पंजीकृत मोबाइल नंबर और आंशिक कार्ड विवरण शामिल था। जालसाज इस पूर्व-सत्यापित जानकारी का उपयोग विश्वास हासिल करने के लिए करते। जिसके बाद गिरोह ईजमाईट्रिप और वूहू से इलेक्ट्राॅनिक गिफ्ट कार्ड खरीद लेता था।
इन्हें बाद में ट्रैवल एजेंटों को थोक में बेचा जाता, जो इनसे घरेलू हवाई टिकट खरीदते और गिरोह को नकद या क्रिप्टोकरेंसी में भुगतान कर देते। इस तरह कई राज्यों में लाखों रुपये का धन शोधन बड़े पैमाने पर चलता रहा।
जांच में अनुमानित वित्तीय नुकसान लगभग 2.6 करोड़ आंका गया है। साइबर अपराध नेटवर्क का भंडाफोड़ करने के लिए एसीपी विजय गहलावत की देखरेख में और इंस्पेक्टर कुलदीप कुमार के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की, जिन्होंने करीब छह महीने तक चले अभियान के बाद पूरे नेटवर्क को धर दबोचा गया।
गिरफ्तार किए गए ये आरोपित
सिंडिकेट के सरगना अंकित राठी, वसीम और विशाल भारद्वाज थे, जो पूरी रणनीति और धन के संचालन को संभालते थे। गुरुग्राम स्थित टेलीपरफॉर्मेंस के कर्मचारी विशेष लाहौरी उर्फ पाजी और दुर्गेश धाकड़ डेटा ब्रोकर थे।
राहुल विश्वकर्मा, पवन बिष्ट, कैलाश पुरोहित उर्फ कबीर, हिमांशु चुघ उर्फ बाबू, रविन सैनी व अन्य आपरेशनल गैंग में शामिल थे। अखिलेश लखोटिया और हर्ष चौहान, जो क्रिप्टो और नकदी में लेनदेन का काम करते थे। शिवम सहरावत सिम कार्ड सप्लायर था।
सिंडिकेट कैसे करता था काम
- गुरुग्राम स्थित अधिकृत कार्ड प्रोटेक्शन प्लान (सीपीपी) काॅल सेंटर टेलीपरफॉर्मेंस के अंदरूनी सूत्रों से गोपनीय एसबीआई क्रेडिट कार्ड डेटा को गुप्त तरीके चोरी किया जाता था।
- एसबीआई के अधिकारी बनकर काॅल करने वाले जालसाज ग्राहकों से ओटीपी और सीवीवी प्राप्त करते थे।
- चुराए गए विवरणों का इस्तेमाल ईजमाईट्रिप और वूहू जैसे प्लेटफार्म पर उच्च-मूल्य वाले ई-गिफ्ट कार्ड खरीदने के लिए किया जाता था।
- गिफ्ट कार्ड ट्रैवल एजेंटों को नकद में बेचे गए या उन्हें क्रिप्टोकरेंसी में बदल दिया गया, जिससे पैसा वित्तीय प्रणाली से गायब हो गया।
- यह चक्र लगातार चलता रहा, जिससे कई राज्यों के पीड़ितों से धोखाधड़ी की गई।
टेलीपरफार्मेंस संभालती है एसबीआई ग्राहकों का डाटा
पहले भी प्रमुख काॅल सेंटर, टेलीपरफार्मेंस के कर्मचारियों द्वारा लगातार संवेदनशील डेटा लीक किया जा रहा है। जांच से पता चलता है कि 2019 से कार्यरत आरोपित वर्षों से कंपनी के डेटा में व्यवस्थित रूप से घुसपैठ कर रहे थे।

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