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बवाना आग: गोदाम के नाम पर चल रही थी पटाखे की फैक्ट्री, होगी सख्त कार्रवाई

बवाना फैक्ट्री में लगी भीषण आग के पीछे बड़ी लापरवाही सामने आ रही है। यहां प्लास्टिक सामानों के गोदाम के नाम पर बिना लाइसेंस के पटाखे की फैक्ट्री चलाई जा रही थी।

By Amit MishraEdited By: Published: Sun, 21 Jan 2018 03:32 PM (IST)Updated: Sun, 21 Jan 2018 09:19 PM (IST)
बवाना आग: गोदाम के नाम पर चल रही थी पटाखे की फैक्ट्री, होगी सख्त कार्रवाई

नई दिल्ली [जेएनएन]। भीड़भाड़ वाले बवाना औद्योगिक क्षेत्र के सेक्टर पांच स्थित पटाखा फैक्ट्री में लगी भीषण आग के पीछे बड़ी लापरवाही सामने आ रही है। यहां प्लास्टिक सामानों के गोदाम के नाम पर बिना लाइसेंस के पटाखे की फैक्ट्री चलाई जा रही थी। फैक्ट्री में सुरक्षा मानकों का कोई वजूद ही नहीं था।

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शनिवार शाम अवैध फैक्ट्री में भीषण आग लगने से 17 लोगों की मौत हो गई थी। पुलिस ने इस मामले में फैक्‍ट्री मालिक मनोज जैन को गिरफ्तार कर लिया है। मनोज जैन ने पूछताछ में बताया है कि यह फैक्‍ट्री एक जनवरी से किराए पर ली थी और वह बड़े पैमाने पर होली और स्‍टेज शो के लिए पटाखों की पैकिंग करवा रहा था।

सख्त कार्रवाई की जाएगी

मामले को लेकर दिल्ली के उपराज्‍यपाल अनिल बैजल ने कहा है कि बवाना हादसे की जांच प्रिंसिपल सेक्रेटरी होम को दे दी गई है। दिल्ली सरकार में मंत्री सत्येंद्र जैन ने भी इस मामले को गंभीर बताते हुए कहा है कि जांच समिति का गठन कर दिया गया है, रिपोर्ट मिलने के बाद सख्त कार्रवाई की जाएगी। जैन ने कहा कि ऐसा नहीं लगता कि दिल्ली में पटाखा फैक्‍ट्री के लिए लाइसेंस दिया गया है और यदि यह पटाखा फैक्ट्री था, तो यह गलत है कि यहां अवैध फैक्ट्री को चलाया जा रहा है। 

मृतकों में महिलाएं शामिल 

गौरतलब है कि इस हादसे में 17 लोगों की मौत हुई है जिसमें 9 महिलाएं और 1 नाबालिग लड़की भी शामिल है, जबकि 7 पुरुषों की भी मौत हो गई। दिल्ली सरकार ने मृतकों के परिवारों को 5-5 लाख रुपये और घायलों को 1-1 लाख रुपये की सहायता राशि देने का ऐलान किया है। ज्यादातर मृतक यूपी और बिहार के रहने वाले थे। 13 लोगों की मौत पहली मंजिल, 3 लोगों की ग्राउंड फ्लोर और एक बेसमेंट में हुई।

अवैध तरीके से चल रही थी फैक्ट्री 

बड़ा सवाल यह भी है कि आखिर अवैध तरीके से फैक्ट्री चल रही थी, तो संबंधित विभाग के अधिकारियों ने इस ओर कभी ध्यान क्यों नहीं दिया या कोई जांच-पड़ताल क्यों नहीं की गई। सूत्रों की मानें तो बवाना औद्योगिक क्षेत्र में ऐसी कई फैक्ट्रियां चल रही हैं, जिनका लाइसेंस किसी और काम के लिए जारी हुआ है और वहां अंजाम किसी और काम को दिया जा रहा है।

प्लास्टिक फैक्ट्री में में बन रहे थे पटाखे

गैरतलब है कि शनिवार को दमकल विभाग को प्लास्टिक फैक्ट्री में आग लगने की सूचना मिली थी, लेकिन बाद में यहां पटाखे बनाए जाने की बात सामने आई। गौर करने वाली बात यह भी है कि शनिवार को आमतौर पर बवाना औद्योगिक क्षेत्र की फैक्ट्रियां बंद रहती हैं और कर्मियों का साप्ताहिक अवकाश रहता है। इसके बावजूद भी फैक्ट्री में काम चल रहा था।

स्थानीय लोगों को नहीं थी जानकारी 

स्थानीय लोगों को पटाखा बनने के बारे में नहीं पता था, उन्होंने बताया कि यहां रात में भी काम चलता था। फैक्ट्री में आग जैसी अनहोनी से निपटने के लिए भी यहां कोई उपकरण मौजूद नहीं थे। इस हादसे ने जहां जान-माल को बड़ी क्षति पहुंचाई है वहीं अग्निशमन विभाग व स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों की कार्यशैली पर भी सवालिया निशान लगा दिया है। 

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