IPS सतीश गोलचा ने संभाला दिल्ली पुलिस आयुक्त का कार्यभार, सीएम Rekha Gupta से की मुलाकात
सतीश गोलचा ने दिल्ली पुलिस आयुक्त का पदभार संभाला। वरिष्ठ अधिकारियों ने उनका स्वागत किया। कार्यभार संभालने के बाद उन्होंने कानून व्यवस्था संगठित अपराध यातायात और साइबर अपराध पर अफसरों के साथ बैठकें की। मुख्यमंत्री के साथ भी कानून व्यवस्था पर चर्चा हुई जिसमें महिला सुरक्षा और फुट पेट्रोलिंग बढ़ाने पर जोर दिया गया। सतीश गोलचा को दिल्ली पुलिस आयुक्त का पदभार सौंपना सामयिक और रणनीतिक माना जा रहा है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। पुलिस मुख्यालय में शुक्रवार सुबह (एजीएमयूटी) कैडर के 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी सतीश गोलचा ने दिल्ली पुलिस के 26वें आयुक्त का पद संभाल लिया।
इस दौरान सीनियर अफसरों ने गेट पर ही उनका भव्य स्वागत किया, जबकि दिल्ली पुलिस की टुकड़ी ने सलामी दी। कार्यभार संभालने के बाद पुलिस आयुक्त ने अफसरों के साथ दो अलग-अलग महत्वपूर्ण मीटिंग ली।
इस दौरान पहली मीटिंग में लाॅ एंड ऑर्डर रविंद्र यादव, मधुव तिवारी, ज्वाइंट सीपी रेंज और सभी जिलों के उपायुक्त के साथ कानून व्यवस्था और संगठित क्राइम को लेकर चर्च की, तो वहीं शाम की मीटिंग में ट्रैफिक और साइबर क्राइम को लेकर अफसरों से बातचीत की।
जानकारी के अनुसार, सुबह लगभग 10:00 बजे सतीश गोलचा दिल्ली पुलिस कमिश्नर का चार्ज लेने के लिए पुलिस मुख्यालय पहुंचे। यहां विशेष आयुक्त राजेश खुराना और रोबिन हिबू ने उनका स्वागत किया।
इसके बाद वह 17वीं मंजिल पर बने पुलिस कमिश्नर के दफ्तर में गए और वहां कार्यभार संभाला कुछ देर बाद उन्होंने पुलिस मुख्यालय में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की बैठक ली। इस बैठक में विशेष आयुक्त एवं संयुक्त आयुक्त स्तर के अधिकारी शामिल हुए।
फुट पट्रोलिंग बढ़ाने का मुख्यमंत्री को दिया भरोसा
गोलचा ने शुक्रवार सुबह कार्यभार संभालने के बाद दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता से उनके आफिस में जाकर मुलाकात भी की। सूत्रों का कहना है कि दोनों के बीच राजधानी के लाॅ एंड ऑर्डर को लेकर काफी विस्तृत चर्चा हुई।
महिला सुरक्षा को प्राथमिकता देने, विभिन्न एरिया के डार्क स्पाॅट को खत्म करने और जनता के बीच पुलिस की मौजूदगी के लिए फुट पट्रोलिंग बढ़ाने का पुलिस आयुक्त ने सीएम को भरोसा दिया है।
सतीश गोलचा को दिल्ली पुलिस आयुक्त का पदभार देने के कई कारणों से सामयिक और रणनीतिक माना जा रहा है। अनुभव व सीनियरिटी उन्हें निर्णयात्मक स्थितियों में भरोसेमंद बनाती है। दिल्ली की सामाजिक-सुरक्षा चुनौतियों की गोलचा को गहरी समझ है।
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