सरकार बदलते ही स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की पहल, दिल्ली के इस अस्पताल में बहाल होंगे सैकड़ों डॉक्टर
डॉक्टरों की नियुक्ति वॉक-इन-इंटरव्यू के आधार पर होगी। इन वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टरों की नियुक्ति से अस्पताल में डॉक्टरों की कमी दूर हो सकेगी। अस्पताल के अनुसार कुल 44 विभागों के लिए वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टरों की नियुक्ति की जानी है। इसके तहत एनेस्थीसिया विभाग में सबसे ज्यादा 49 वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टरों की नियुक्ति की जाएगी।अस्पताल के विभिन्न विभागों में अनुबंध के आधार पर 278 वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टरों की नियुक्ति की जाएगी।
राज्य ब्यूरो जागरण, नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सफदरजंग अस्पताल प्रशासन ने वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टरों की नियुक्ति के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके तहत अस्पताल के विभिन्न विभागों में अनुबंध के आधार पर 278 वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टरों की नियुक्ति की जाएगी।
अस्पताल में डॉक्टरों की कमी होगी दूर
इन डॉक्टरों की नियुक्ति वॉक-इन-इंटरव्यू के आधार पर होगी। इन वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टरों की नियुक्ति से अस्पताल में डॉक्टरों की कमी दूर हो सकेगी।
अस्पताल के अनुसार, कुल 44 विभागों के लिए वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टरों की नियुक्ति की जानी है। इसके तहत एनेस्थीसिया विभाग में सबसे ज्यादा 49 वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टरों की नियुक्ति की जाएगी।
इन विभागों में होगी नियुक्ति
इसके अलावा मेडिसिन विभाग में 22, बाल रोग में 19, सर्जरी में 19, स्त्री रोग में 12, पल्मोनरी मेडिसिन में 10, कार्डियोलॉजी, इमरजेंसी मेडिसिन और नेफ्रोलॉजी विभागों में आठ-आठ वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टरों की नियुक्ति की जाएगी।
इन वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टरों की नियुक्ति के लिए तीन से 11 मार्च के बीच वॉक-इन-इंटरव्यू आयोजित किए जाएंगे। इसके बाद तीन महीने के लिए अनुबंध पर इनकी नियुक्ति की जाएगी।
प्रदर्शन ठीक रहने पर किया जाएगा नियमित
इस अवधि में अगर इनका प्रदर्शन अच्छा रहा तो इन्हें तीन महीने का एक्सटेंशन भी दिया जा सकता है। इस अवधि में अगर इनका प्रदर्शन अच्छा रहा तो इन्हें नियमित भी किया जा सकता है।
सरकारी अस्पतालों में मरीजों के इलाज की जिम्मेदारी रेजिडेंट डॉक्टरों पर ही निर्भर करती है। ऐसे में सफदरजंग अस्पताल में वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टरों की नियुक्ति से मरीजों को राहत मिलेगी।
विधानसभा में अहम रहा पीएमजेएवाई का मुद्दा
उल्लेखनीय है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) अहम मुद्दा रहा। 27 साल बाद दिल्ली की सत्ता में आई भाजपा सरकार ने अपने वादे के मुताबिक पहली कैबिनेट बैठक में ही गरीबों और 70 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों के लिए दिल्ली में इस योजना को लागू करने की घोषणा कर अपने इरादे साफ कर दिए हैं, लेकिन इस योजना के दायरे में मध्यम वर्ग की बड़ी आबादी नहीं आती है।
रेखा सरकार के लिए बड़ी चुनौती होगी
इसलिए अकेले इस योजना के सहारे दिल्ली के हर व्यक्ति को मुफ्त और सस्ता इलाज मुहैया नहीं कराया जा सकता। साथ ही दिल्ली के सरकारी अस्पतालों पर दूसरे राज्यों से आने वाले मरीजों के इलाज की भी जिम्मेदारी है।
ऐसे में अस्पतालों की लंबित परियोजनाओं को पूरा करना और हर जिले में एक सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल बनाकर राष्ट्रीय राजधानी के स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करना रेखा सरकार के लिए बड़ी चुनौती होगी।
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