दिल्ली में सदर बाजार की कई इमारतों पर गहराया संकट, अंडरग्राउंड मेट्रो के लिए हो रही खाेदाई खुशी से अब डर में बदली
सदर बाजार में मेट्रो निर्माण के कारण कुतुब रोड की कई इमारतें जर्जर हो गई हैं जिससे दुकानदारों में डर का माहौल है। दो इमारतों को सील कर दिया गया है जिनमें 150 से ज़्यादा दुकानें हैं। फेडरेशन ऑफ सदर बाजार ट्रेडर्स एसोसिएशन (फेस्टा) ने डीएमआरसी से स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है। डीएमआरसी का कहना है कि निर्माण से इमारतों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

नेमिष हेमंत, नई दिल्ली। सदर बाजार में भूमिगत मेट्रो रेल लाइन के लिए खोदाई चल रही है। एशिया के बड़े बाजारों में शुमार यह क्षेत्र मेट्रो नेटवर्क के सीधे संपर्क में आ जाएगा।
जब इसका काम शुरू हुआ तो दुकानदार खुश थे, लेकिन अब इसी काम के चलते भयग्रस्त हैं। डर और अनिश्चितता के साए में जी रहे हैं।
असल में खोदाई से कुतुब रोड की कई इमारतें खतरनाक स्थिति में आ गई है। इस बाजार से सटे आजाद मार्केट की तीन इमारत कुछ दिन पहले ढह भी गईं, जिसमें एक जान चली गई थी।
वहीं, ताजा घटनाक्रम में सदर बाजार की दो व्यावसायिक इमारतों को सील कर दिया गया है, जिसमें 150 से अधिक दुकानें हैं।
जमीन के नीचे टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) की खोदाई से कुतुब रोड की कई और इमारतों की गुणवत्ता संदेह के दायरे में है, जिससे बाजार के दुकानदार दहशत में है।
ऐसे में प्रभावित इमारतों की ढांचागत मजबूती के परीक्षण की भी मांग उठ रही है। सोमवार को इस मामले में सदर बाजार के दुकानदारों के संगठन फेडरेशन आफ सदर बाजार ट्रेडर्स एसोसिएशन (फेस्टा) ने डीएमआरसी से तत्काल स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है।
फेस्टा के अध्यक्ष राकेश कुमार यादव के अनुसार, डीएमआरसी से बैठक की मांग करते हुए इमारतों को लेकर वस्तुस्थिति स्पष्ट करने को कहा गया है। बुधवार को बैठक तय हुई है।
सदर बाजार के मामलों के जानकार कहते हैं कि जो व्यावसायिक इमारतें मेट्रो लाइन के निर्माण से प्रभावित हुई हैं।
उनकी गुणवत्ता पहले से बेहतर नहीं है। अधिकतर की नींव कमजोर है और गार्डर पर छतें डालकर बहुमंजिला निर्माण है, इसलिए अब इनकी गुणवत्ता संदेह की जद में है।
कुतुब रोड पर खिलौने, घरेलू सफाई का सामान, उपहार के उत्पाद, रस्सी समेत अन्य की दुकानें है। वैसे, दिल्ली मेट्रो रेल काॅरपोरेशन (DMRC) ने यहां जब अपनी परियोजना शुरू की थी।
तब सड़क किनारे की 25 से अधिक व्यावसायिक इमारतों के सामने के हिस्सों को लोहे के मोटे राड और उपकरणों से सहारा दिया है। जिसके भविष्य को लेकर दुकानदार फिक्रमंद हैं। इन इमारतों में दुकानों की संख्या एक हजार से अधिक होगी।
एक दुकानदार ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उसे नहीं लगता कि लोहे की राॅड और सुरक्षा के इंतजाम हटाने के बाद उसकी इमारत सही सलामत रह पाएगी।
डीएमआरसी के अधिकारी भी कहते हैं कि कई इमारतों की स्थिति पहले से बेहतर नहीं रही है। फिर भी ऐसे इंतजाम किए जा रहे हैं, जिससे कोई नुकसान न हो।
इसके लिए इमारतों का पूर्व में ही सर्वेक्षण किया गया है। साथ ही उपकरण लगाकर 24 घंटे निगरानी की जा रही है।
फेस्टा के महासचिव राजेंद्र शर्मा के अनुसार, मेट्रो अच्छा काम कर रही है, लेकिन हम नहीं चाहते हैं कि किसी व्यापारी का आर्थिक व शारीरिक रूप से नुकसान न हो। इस दिशा में भी कदम उठाया जाना जरूरी है।
उधर, डीएमआरसी प्रवक्ता अनुज दयाल ने बताया कि सदर बाजार में सुरंग का निर्माण लगभग 17 मीटर की गहराई (क्राउन लेवल पर) पर किया जा रहा है।
जिसके चलते ऊपर की संरचनाओं पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। ट्रेनों की सुचारू आवाजाही के लिए पटरियों पर उन्नत मास स्प्रिंग सिस्टम लगाया जाएगा।
उनके अनुसार, पहले भी डीएमआरसी चांदनी चौक, चावड़ी बाजार, जामा मस्जिद जैसे कई ऐसे ही इलाकों में मेट्रो का सफलतापूर्वक संचालन कर रही है।
इसलिए, सदर बाजार में भी यह सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक उपाय किए जाएंगे कि परिचालन के दौरान सतह पर स्थित इमारतें सुरक्षित रहें।
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