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    कम होने के बजाय यमुना में प्रदूषण बढ़ने का खतरा, जुलाई में एक बार भी जल स्तर चेतावनी के पार नहीं पहुंचा

    Updated: Mon, 28 Jul 2025 09:04 PM (IST)

    जुलाई में यमुना का जलस्तर चेतावनी स्तर से नीचे रहने से दिल्ली को बाढ़ से राहत है पर विशेषज्ञों के अनुसार यह स्थिति नदी के लिए ठीक नहीं है। इससे प्रदूषण बढ़ने और जल आपूर्ति में समस्या हो सकती है। पिछले साल की तुलना में इस साल जलस्तर कम है जिससे प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है।

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    यमुना में कम पानी से बढ़ रही है विशेषज्ञाें की चिंता। फोटो: जागरण

    संतोष कुमार सिंह, नई दिल्ली। जुलाई समाप्त होने को है, परंतु अब तक एक बार भी यमुना का जलस्तर चेतावनी स्तर को पार नहीं कर सका। इस कारण दिल्लीवासियों को बाढ़ जैसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ा है।

    दिल्लीवासियों को तो राहत मिली है, परंतु यह स्थिति यमुना के लिए उचित नहीं है। विशेषज्ञ मानते हैं कि इससे नदी में प्रदूषण और जल आपूर्ति की समस्या बढ़ सकती है।

    13 जुलाई 2023 को दिल्ली में पुराना लोहा पुल के पास यमुना का जलस्तर 208.66 मीटर पहुंच गया था। पहली बार यमुना का जल स्तर इतना अधिक पहुंचने से दिल्ली में कई दिनों तक बाढ़ की स्थिति रही थी। जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया था।

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    उस वर्ष सितंबर में भी कई दिनों तक नदी का जलस्तर चेतावनी स्तर 204.5 मीटर से अधिक था। हथनी कुंड से कई दिनों तक तीन लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया था।

    वहीं, पिछले वर्ष मानसून में एक बार भी एक लाख क्यूसेक का आंकड़ा नहीं पार हुआ। सितंबर में अधिकतम 87,017 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था।

    इससे एक बार भी दिल्ली में नदी का पानी चेतावनी स्तर तक नहीं पहुंचा। इस बार भी अभी तक यही स्थिति है। 21 जुलाई को अधिकतम 54 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।

    दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति की जुलाई की रिपोर्ट के अनुसार भी इस बार मानसून में यमुना में प्रदूषण का स्तर बढ़ा रहा। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि यही स्थिति अगस्त व सितंबर में रही तो समस्या बढ़ेगी।

    साउथ एशिया नेटवर्क आन डैम्स, रिवर्स एंड पीपल्स (सेनड्राप) के प्रमुख भीम सिंह रावत का कहना है कि कम पानी आने से यमुना में प्रदूषण बढ़ता है।

    यमुना के ऊपरी हिस्से में बाढ़ आने से नदी में तीन से चार महीने तक प्रवाह बहाल रहता है। आम तौर पर अगस्त व सितंबर में अधिक जलस्तर बढ़ता है, लेकिन जुलाई में एक से दो बार कम से मध्यम स्तर के बाढ़ की स्थिति बन जाती थी।

    दिल्ली में कब आई बाढ़

    दिल्ली में बड़ी बाढ़ 1924, 1977, 1978, 1988, 1995, 1998, 2010, 2013, 2023 में आई थी। 1963 से 2010 तक अधिकांश समय सितंबर में यमुना का जल स्तर अधिक बढ़ा है।

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