दिल्ली मेट्रो की खुदाई से इस बाजार की कई इमारतों में पड़ी दरार, डर के साये में रह रहे लोग
सदर बाजार में मेट्रो लाइन की खुदाई से दुकानदारों में दहशत है। कुतुब रोड की कई इमारतें जर्जर हो गई हैं और दो इमारतों को सील कर दिया गया है। व्यापारियों को भविष्य की चिंता सता रही है। डीएमआरसी ने इमारतों को सहारा देने की कोशिश की है लेकिन दुकानदार संतुष्ट नहीं हैं। व्यापारियों को राहत देने की मांग की जा रही है।

नेमिष हेमंत, नई दिल्ली। सदर बाजार में मेट्रो रेल की लाइन के लिए खोदाई का कार्य चल रहा है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो दो वर्ष में एशिया के सबसे बड़े बाजारों में एक यह बाजार मेट्रो लाइन के सीधे संपर्क में आ जाएगा। इसलिए जब इस लाइन की खुदाई का काम आरंभ हुआ था तब यहां के दुकानदारों मे हर्ष व्याप्त था।
लेकिन अब वे डर और अनिश्चितता के साए में जी रहे हैं। क्योंकि, इस खोदाई से कुतुब रोड की कई इमारतें खतरनाक स्थिति में आ गई है। इस बाजार से सटे आजाद मार्केट की एक इमारत कुछ दिन पहले ढह भी गई थी। पूर्व सूचना और तैयारी के बावजूद उस दुर्घटना में एक व्यक्ति की जान चली गई थी।
दो इमारतों को किया गया सील
वहीं, ताजा घटनाक्रम में सदर बाजार की दो व्यावसायिक इमारतों को सील कर दिया गया है, जिसमें दो सौ से अधिक दुकानें हैं। जमीन के नीचे चल रही खोदाई से कुतुब रोड की अधिकतर दुकानों में दरारें आ गई है, जिससे दुकानदार दहशत में है।
अधिकतर व्यावसायिक इमारतों की नींव और दीवारें कमजोर है, इसके चलते यह स्थिति बनी है। इससे यहां के व्यापारियों में रोष के साथ भविष्य को लेकर चिंता व्याप्त है। व्यापारियों का कहना है कि इस कार्रवाई से उनके व्यवसाय पर गहरा असर पड़ा है।
इमारतों में दुकानों की संख्या एक हजार से अधिक होगी
कुतुब रोड पर खिलौने, घरेलू सफाई का सामान, उपहार के उत्पाद, रस्सी समेत अन्य की दुकानें है। सड़क के साथ की दुकानों पर संकट ज्यादा है। वैसे, दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन (डीएमआरसी) ने यहां जब अपनी परियोजना शुरू की थी तब सड़क किनारे की 30 से अधिक व्यावसायिक इमारतों के सामने के हिस्से को लोहे के मोटे रॉड और उपकरणों से सहारा देने की कोशिश की है, लेकिन आगे उनके भविष्य को लेकर दुकानदार फिक्रमंद हैं। इन इमारतों में दुकानों की संख्या एक हजार से अधिक होगी।
एक दुकानदार ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उसे नहीं लगता कि यह लोहे की राड और सुरक्षा के इंतजाम हटाने के बाद उसकी इमारत सही सलामत रह पाएगी।
मेट्रो ट्रेन के आने जाने से उत्पन्न कंपन से भी प्रभावित
सदर बाजार के मामलों के जानकार कहते हैं कि जो इमारतें मेट्रो लाइन के निर्माण से प्रभावित हुई हैं। उनकी गुणवत्ता बेहतर नहीं है। अधिकतर की नींव कमजोर है और गार्डर पर छतें डालकर बहुमंजिला व्यावसायिक इमारतों का निर्माण है। जो मेट्रो ट्रेन के आने जाने से उत्पन्न कंपन से भी प्रभावित हो सकती हैं।
वैसे, अभी ही 10 से अधिक इमारतों में छोटी बड़ी दरारें आ गई है। उधर, डीएमआरसी के अधिकारी के अनुसार, खोदाई के दौरान जो मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) है, उसका पालन कर इमारतों को खाली कराया या सील किया जाता है।
जानकारी के अनुसार, प्रभावित इमारतों में डीएमआरसी ने सेंसर भी लगा रखे हैं। ताकि, समय रहते इमारतों को खाली कराकर किसी हादसे से बचा जा सके। सदर बाजार की दो इमारतों को इसी आधार पर खाली कराया गया हैं।
मौजूदा स्थिति ठीक नहीं है, यह आगे भी खतरनाक स्थिति की आशंका पैदा कर रहा हैं। कोई बड़ा हादसा न हो, इसके लिए जरूरी कदम उठाए जाने चाहिए। खासकर आगे मेट्रो ट्रेन के संचालन से होने वाले कंपन से इमारतों के खतरनाक हो जाने की आशंका को लेकर। - राकेश कुमार यादव, अध्यक्ष, फेडरेशन आफ सदर बाजार ट्रेडर्स एसोसिएशन (फेस्टा)
जिस तरह से खोदाई से व्यावसायिक इमारतों में कंपन हो रहा है और उसे खाली कराया जा रहा है। उससे दुकानदारों में चिंता है। इसे समझते हुए आगे कार्य किया जाना चाहिए। प्रभावित दुकानदारों को राहत देने पर विचार होना चाहिए। - राजेंद्र शर्मा, महामंत्री, फेस्टा
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