RSS के शताब्दी वर्ष में सरसंघचालक मोहन भागवत दिल्ली में करेंगे लोगाें से सीधा संवाद
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत दिल्ली में लोगों से सीधा संवाद करेंगे। 27 से 29 अगस्त तक विज्ञान भवन में व्याख्यानमाला आयोजित होगी जिस ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष में सरसंघचालक मोहन भागवत दिल्ली में लोगों से सीधा संवाद करेंगे। विज्ञान भवन में 27 से 29 अगस्त तक उनकी व्याख्यानमाला आयोजित होगी।
तीन दिवसीय आयोजन में समाज से हर वर्ग से एक हजार से अधिक लोग आमंत्रित किए जाएंगे, जिसमें उद्यमी, चिकित्सक, अधिवक्ता, साहित्यकार, धर्माचार्य, शिक्षाविद, स्तंभकार, पूर्व सैन्य अधिकारी, पूर्व सरकारी अधिकारी, समाजसेवी व अन्य क्षेत्रों से होंगे।
यह आयोजन संघ प्रमुख की उस प्रमुख कार्ययोजना की कड़ी में एक है, जिसमें तय किया गया है कि देश के चारों महानगरों में संघ प्रमुख की व्याख्यानमाला आयोजित होगी।
एक लाख शाखाओं के साथ समाज के बीच पहुंचने का लक्ष्य
विश्व के सबसे बड़े सामाजिक संगठन संघ का शताब्दी वर्ष इस बार के दशहरा से अगले वर्ष के दशहरा तक है, जिसे वह बगैर किसी धूम-धड़ाके के मनाया जा रहा है।
एक लाख शाखाओं के साथ समाज में पहुंचने का लक्ष्य लेकर देशवासियों को देश, समाज व संस्कारों के प्रति जागृत करने पर जाेर देना तय किया है।
इसके तहत इस वर्ष मार्च में बेंगलुरु में हुई संघ की तीन दिवसीय अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में संघ प्रमुख की भी वृहद कार्ययोजना तय की गई थी।
मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में भी तीन दिवसीय संवाद होगा
उसके तहत देश के तीन अन्य महानगरों (मुंबई, चेन्नई व कोलकाता) में भी संघ प्रमुख प्रबुद्ध जनों से ऐसे तीन दिवसीय आयोजन में सीधे संवाद करेंगे।
इसी क्रम में वर्ष के अंत में दिल्ली में संघ प्रमुख की एक बड़ी आम सभा भी होगी। संघ सूत्रों के अनुसार, उसमें दो लाख से अधिक स्वयंसेवक पूर्ण गणवेश में होंगे।
आम सभा में आम लोग भी मौजूद रहेंगे। वैसे, इसके पहले वर्ष 2018 में पहली बार मोहन भागवत की तीन दिवसीय व्याख्यानमाला विज्ञान भवन में ही आयोजित हुई थी।
व्याख्यानमाला में इन ज्वलंत विषयों पर हो सकता है संबोधन
संघ के एक वरिष्ठ पदाधिकारी के अनुसार, व्याख्यानमाला में पाकिस्तान से युद्ध, संघ व मुस्लिम, देश में जातिगत व्यवस्था, पश्चिमी सभ्यता का समाज पर दुष्प्रभाव जैसे ज्वलंत विषयों पर सरसंघचालक का संबोधन संभावित है।
इसी तरह, शताब्दी वर्ष में समाज में गुणात्मक परिवर्तन लाने के लिए संघ द्वारा समाज में परिवर्तन लाने के लिए तय किए गए ‘पंच परिवर्तन’ के लक्ष्यों का रोडमैप भी रखा जा सकता है।
जिसमें, सामाजिक समरसता, कुटुंब, स्व का भाव, नागरिक कर्तव्यों का पालन और पर्यावरण संरक्षण है। संघ की कोशिश है कि समाज इन परिवर्तनों की आवश्यकता को समझे तथा खुद बदलाव लाने की ओर आगे बढ़े।
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