संघ की अखिल भारतीय समन्वय बैठक, जोधपुर में 5-7 सितंबर को होगा राष्ट्रीय मुद्दों पर मंथन, शामिल होंगे बड़े पदाधिकारी
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की अखिल भारतीय समन्वय बैठक 5 से 7 सितंबर तक जोधपुर राजस्थान में होगी। इस बैठक में भाजपा विहिप बीएमएस सहित 32 संघ प्रेरित संगठनों के प्रमुख पदाधिकारी भाग लेंगे। बैठक में आर्थिक परिस्थितियों सीमाओं की स्थिति स्वावलंबन अभियान धार्मिक जनसांख्यिकी कुटुंब प्रबोधन और संघ शताब्दी वर्ष के लक्ष्यों पर विचार-विमर्श किया जाएगा।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तीन दिवसीय अखिल भारतीय समन्वय बैठक पांच से सात सिंतबर तक राजस्थान के जोधपुर में होगी। संघ व वैचारिक संगठनों में समन्वय के लिहाज से यह महत्वपूर्ण बैठक प्रतिवर्ष आयोजित होती है। पिछले वर्ष यह सितंबर में पालक्काड (केरल) में हुई थी।
संघ के प्रमुख पदाधिकारी सहभागी होंगे
बैठक में भाजपा, विहिप, बीएमएस, राष्ट्र सेविका समिति, वनवासी कल्याण आश्रम, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, भारतीय किसान संघ, विद्या भारती सहित संघ प्रेरित 32 विविध संगठनों के राष्ट्रीय अध्यक्ष, संगठन मंत्री व प्रमुख पदाधिकारी सहभागी होंगे।
वहीं, सरसंघचालक डाॅ. मोहन भागवत, सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले सहित सभी छह सह सरकार्यवाह और अन्य प्रमुख पदाधिकारियों की भी विशेष मौजूदगी होगी।
कई विषयों पर किया जाएगा मंथन
जानकारों के अनुसार, इसमें ट्रंप टैरिफ से उपजी भारत सहित वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों, सीमाओं की वर्तमान स्थिति के साथ आपरेशन सिंदूर, संघ परिवार के महत्वाकांक्षी स्वावलंबन अभियान, विभिन्न राज्यों में तेजी से बदल रही धार्मिक जनसांख्यिकी, कुटुंब प्रबोधन की आवश्यकता, शताब्दी वर्ष के लिए समाज परिवर्तन के लिए तय पंच परिवर्तन व संघ शताब्दी वर्ष लक्ष्यों समेत अन्य विषय विमर्श में हो सकते हैं।
संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने बताया कि बैठक में सभी संगठन कार्य क्षेत्र में अपने अनुभवों के आधार पर परिस्थितियों का आकलन प्रस्तुत करते हैं।
करेंगे विचार-विमर्श
राष्ट्रीय एकात्मता, सुरक्षा एवं सामाजिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण विषयों पर बैठक में व्यापक चर्चा तथा करने वाले कार्यों में परस्पर समन्वय स्थापित करने के लिए आवश्यक कदमों की पहल होती है। हाल ही में हुई महत्वपूर्ण घटनाओं पर सामूहिक समीक्षात्मक विश्लेषण भी किया जाएगा।
इसी तरह, संगठनों के पदाधिकारी अपने कार्य की जानकारी, उपलब्धियों तथा आगामी योजनाओं को भी प्रस्तुत करेंगे। संघ शताब्दी के कार्यक्रमों में सभी संगठनों की सहभागिता पर भी विचार-विमर्श अपेक्षित है।
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