Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Robert Vadra पर कसेगा शिकंजा, ED ने कहा- झूठे दस्तावेज पर खरीदी जमीन और दबाव बनाकर लिया लाइसेंस

    Updated: Thu, 24 Jul 2025 07:48 PM (IST)

    गुरुग्राम जमीन घोटाले में रॉबर्ट वाड्रा और अन्य के खिलाफ नोटिस जारी करने के मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। ईडी ने वाड्रा पर मनी लांड्रिंग का आरोप लगाया है और कहा कि उन्होंने अपराध से अर्जित धन से संपत्तियां खरीदीं। ईडी ने 37.64 करोड़ रुपये की संपत्तियां अटैच की हैं। कोर्ट 31 जुलाई को अपना फैसला सुनाएगा।

    Hero Image
    गुरुग्राम जमीन घोटाले के मामले में रॉबर्ट वाड्रा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राउज एवेन्यू स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश की अदालत ने गुरुग्राम जमीन घोटाला मामले में बृहस्पतिवार को कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के दामाद व कारोबारी राॅबर्ट वाड्रा और अन्य के खिलाफ नोटिस जारी करने के बिंदु पर आदेश सुरक्षित रख लिया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुशांत चंगोत्रा ने ईडी की प्रारंभिक दलीलों को सुनने के बाद कहा कि वह दस्तावेज की जांच के बाद 31 जुलाई को नोटिस जारी करने या नहीं करने का आदेश पारित करेंगे।

    ईडी की ओर से पेश विशेष लोक अभियोजक नवीन कुमार मट्टा ने दलील दी कि यह एक स्पष्ट और क्लासिक मनी लाॅन्ड्रिंग मामला है, जिसमें अपराध से अर्जित धन से कई संपत्तियां खरीदी गईं।

    ईडी ने दलील दी कि स्काइलाइट ने वाणिज्यिक आवासीय विकास के लिए लाइसेंस ऊपरी दबाव में प्राप्त किया गया।

    ईडी ने कहा कि लाइसेंस की फाइलें जल्दबाजी में प्रोसेस की गई और कंपनी की वित्तीय स्थिति की जांच नहीं कि गई। नियमों और शर्तों को दरकिनार कर यह लाइसेंस जारी किया गया।

    ईडी ने दलील दी कि स्काइलाइट हास्पिटैलिटी कंपनी, जिसकी 99 प्रतिशत हिस्सेदारी राॅबर्ट वाड्रा के पास थी, ने 7.5 करोड़ रुपये में 3.53 एकड़ जमीन खरीदी, लेकिन चेक द्वारा दिखाई गई यह राशि का कभी भुगतान नहीं किया गया।

    यह जमीन बाद में डीएलएफ को ऊंचे दामों में बेची गई। ईडी ने दलील दी कि जांच में सामने आया कि जमीन के विक्रेता ओंकारेश्वर प्राॅपर्टीज के निदेशक सत्यानंद यादव ने इस लेनदेन में वाड्रा की कंपनी को जानबूझकर मदद दी।

    ईडी ने कहा कि यह अपराध जारी है क्योंकि इन संपत्तियों का उपयोग जुलाई 2025 तक होता रहा, जब तक लगभग 37.64 करोड़ रुपये कि 43 संपत्तियों को अटैच नहीं कर लिया गया।

    ये सभी संपत्तियां वाड्रा और उनकी कंपनियों से जुड़ी हैं। ईडी ने पीएमएलए की धारा 70 के तहत वाड्रा को व्यक्तिगत रूप से और कंपनियों के बहुमत हिस्सेदार व लाभार्थी मालिक के रूप में जिम्मेदार ठहराया है।

    ईडी ने दलील दी कि यह मामला भले ही हरियाणा से जुड़ा हो, लेकिन दिल्ली में अपराध की प्रक्रिया हुई है, इसलिए अदालत को अधिकार क्षेत्र प्राप्त है।

    यह मामला वर्ष 2008 में के गुरुग्राम स्थित शिकोहपुर गांव में जमीन खरीद से जुड़ा है, जिसे राॅबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काइलाइट हास्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड ने खरीदा था।

    ईडी ने 17 जुलाई 2025 को दाखिल अपनी शिकायत में वाड्रा, उनकी कंपनी स्काइलाइट हास्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड, सत्यानंद याजी, केवल सिंह वीरक समेत 11 व्यक्तियों और संस्थाओं को आरोपित बनाया है।

    प्रारंभिक प्राथमिकी गुरुग्राम पुलिस ने दर्ज की थी, जिसमें जमीन की धोखाधड़ी से खरीद और अवैध लाइसेंस प्राप्त करने का आरोप है। ईडी ने 37.64 करोड़ रुपये की 43 अचल संपत्तियों को 16 जुलाई को अस्थायी रूप से जब्त किया था।

    यह भी पढ़ें- दिल्ली हाई कोर्ट ने दी TMC सांसद साकेत गोखले और पूर्व राजनयिक लक्ष्मी पुरी को सलाह, वकीलों ने कहा-दोनों से करेंगे बात