इंजीनियरिंग का करिश्मा है द्वारका एक्सप्रेसवे, जानें देश के पहले आठ लेन के Expressway की बड़ी खासियत
देश का पहला आठ लेन वाला हाईवे तीन से चार महीने में आम लोगों के खोल दिया जाएगा। नितिन गडकरी ने वीडियो शेयर करके इंजीनियरिंग का करिश्मा करार दिया और कहा कि इसके सफर का अनुभव 100 साल तक लोग याद रखेंगे। इसके निर्माण में 2 लाख मीट्रिक टन स्टील का उपयोग होने की उम्मीद है जो कि एफिल टॉवर के निर्माण में इस्तेमाल स्टील से 30 गुना अधिक है।

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। देश का पहला आठ लेन वाला हाईवे तीन से चार महीने में आम लोगों के खोल दिया जाएगा। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने रविवार को द्वारका एक्सप्रेसवे से जुड़ा एक वीडियो शेयर किया। वीडियो में आगामी Dwarka Expressway का विहंगम दृश्य दिखाया गया है।
द्वारका से खेड़की टोल प्लाजा को जोड़ेगा
27.6 किमी लंबा प्रोजेक्ट अभी निर्माणाधीन है। यह दिल्ली के द्वारका को गुरुग्राम के खेड़की दौला टोल प्लाजा से जोड़ेगा। नितिन गडकरी ने कहा कि द्वारका एक्सप्रेसवे पर सफर का अनुभव लोग 100 साल तक याद रखेंगे। ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर ने इस एक्सप्रेसवे को इंजीनियरिंग का करिश्मा करार दिया है।
Marvel of Engineering: The Dwarka Expressway! A State-of-the-Art Journey into the Future 🛣#DwarkaExpressway #PragatiKaHighway #GatiShakti pic.twitter.com/Qhgd77WatW
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) August 20, 2023
देश के पहले आठ लेन एक्सप्रेसवे से जुड़ी बातें-
इस एक्सप्रेसवे से द्वारका से हरियाणा के मानेसर तक सफर करीब 15 मिनट तक कम हो जाएगा। मानसेर और दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का सफर मात्र 20 मिनट में पूरा हो जाएगा, जबकि मानेसर और सिंघू बॉर्डर के बीच यात्रा का समय घटकर मात्र 45 मिनट रह जाएगा। मानेसर से सिंघू बॉर्डर के बीच की दूरी करीब 100 किमी है।
एफिल टॉवर के निर्माण में इस्तेमाल स्टील से ज्यादा उपयोग
9,000 करोड़ रुपये की लागत से विकसित इस एक्सप्रेसवे में लगभग 2 लाख मीट्रिक टन स्टील का उपयोग होने की उम्मीद है, जो कि प्रतिष्ठित एफिल टॉवर के निर्माण में इस्तेमाल किए गए स्टील से 30 गुना अधिक है। स्टील के अलावा, लगभग 20 लाख क्यूबिक मीटर सीमेंट कंक्रीट का भी उपयोग किया जाएगा, जो दुबई के बुर्ज खलीफा के निर्माण में इस्तेमाल किए गए से छह गुना अधिक था।
द्वारका एक्सप्रेसवे दिल्ली के महिपालपुर में शिव मूर्ति पर NH 48 (पुराना NH 8) के 20 किलोमीटर के निशान पर शुरू होता है और गुरुग्राम में खेड़की दौला टोल प्लाजा के पास 40 किलोमीटर के निशान पर समाप्त होता है। दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे पर यातायात को कम करने के लिए इसे राष्ट्रीय राजधानी और गुरुग्राम के बीच एक वैकल्पिक सड़क लिंक के रूप में प्लान किया गया है।
एक्सप्रेसवे पर होगी 3.6 किमी लंबी सुरंग
यह भारत का पहला आठ-लेन एलिवेटेड एक्सप्रेसवे होगा। फोर-पैक मोटरवे की कुल लंबाई 563 किलोमीटर है। इसमें आसान पहुंच और निकास के लिए दोनों तरफ तीन-लेन सर्विस रोड का भी प्रावधान होगा। इस उद्देश्य के लिए इसमें चार इंटरचेंज होंगे, जिनमें सुरंग या अंडरपास और एलिवेटेड फ्लाईओवर शामिल हैं। द्वारका एक्सप्रेसवे में सबसे लंबी और चौड़ी शहरी सड़क सुरंग भी होगी, जिसकी लंबाई 3.6 किमी और चौड़ाई 8 लेन होगी।
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