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    राष्ट्रीय ग्रामीण साक्षरता मिशन के नाम पर की करोड़ों की ठगी, खरीदे दो फ्लैट और टोयोटा हाईराइडर कार

    Updated: Mon, 22 Sep 2025 05:30 PM (IST)

    दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने राष्ट्रीय ग्रामीण साक्षरता मिशन के नाम पर ठगी करने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने व्यापारियों से यूनिफॉर्म सप्लाई करवाकर भुगतान नहीं किया और टेंडर के नाम पर करोड़ों रुपये ऐंठे। उन्होंने फर्जी वेबसाइट और लेटरहेड का इस्तेमाल कर खुद को आईएएस बताकर लोगों को ठगा। मुख्य आरोपी रत्नाकर उपाध्याय पहले भी धोखाधड़ी के मामलों में गिरफ्तार हो चुका है।

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    पुलिस ने ठगी के आरोप में तीन आरोपियों को किया गिरफ्तार।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जो ‘राष्ट्रीय ग्रामीण साक्षरता मिशन’ (RGSM) के नाम पर देशभर में करोड़ों रुपये की ठगी कर रहे थे।

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    आरोपियों ने इस मिशन को भारत सरकार की एक योजना बताकर कई व्यापारियों को झांसे में लिया और उनसे स्कूली बच्चों के लिए यूनिफॉर्म सप्लाई करवाई, लेकिन भुगतान नहीं किया। इतना ही नहीं, आरोपियों ने टेंडर आवंटन के नाम पर शिकायतकर्ता से लगभग दो करोड़ रुपये भी ऐंठ लिए।

    जांच में सामने आया कि आरोपियों ने RGSM नाम से एक ट्रस्ट बनाया था और एक फर्जी वेबसाइट तैयार की थी, जो सरकारी योजना जैसी लगती थी।

    उन्होंने ‘भारत सरकार की योजना’ लिखे फर्जी लेटरहेड का इस्तेमाल किया और खुद को आईएएस अधिकारी बताकर लोगों का भरोसा जीता। इस ट्रस्ट के नाम से एक बैंक खाता भी खोला गया था, जिसमें से मोटी रकम निकालकर निजी खर्चों में इस्तेमाल की गई।

    मुख्य आरोपी रत्नाकर उपाध्याय को पहले भी देशभर में धोखाधड़ी, बलात्कार और जालसाजी जैसे मामलों में गिरफ्तार किया जा चुका है। उसकी सहयोगी अनीता उपाध्याय ट्रस्ट की प्रमुख है और बैंक खाते की सिग्नेचरी भी रही है।

    तीसरा आरोपी सौरभ सिंह लखनऊ से गिरफ्तार किया गया, जो पहले से ही गैंगस्टर एक्ट सहित कई मामलों में आरोपी है। पुलिस ने आरोपियों के पास से लगभग 45,000 यूनिफॉर्म (कीमत करीब 1.5 करोड़ रुपये), 2.79 लाख नकद, एक सोने की अंगूठी और एक सोने की चेन बरामद की है।

    इसके अलावा दो फ्लैट और एक टोयोटा हाईराइडर कार की पहचान की गई है, जिन्हें अपराध की आय से खरीदा गया था। इनकी कुर्की की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। दिल्ली में इस मामले से जुड़े छह अन्य एफआईआर दर्ज हैं, जबकि यूपी, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में भी इसी तरह के मुकदमे सामने आए हैं।

    पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि किसी भी संस्था या योजना में पैसा लगाने से पहले उसकी पूरी जांच कर लें और सरकारी योजनाओं के नाम पर मांगे जा रहे प्रोसेसिंग फीस या अर्नेस्ट मनी जैसे शुल्क देने से पहले सावधानी बरतें। किसी भी संदेह की स्थिति में तुरंत पुलिस से संपर्क करें।

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