आबकारी विभाग से सरकार को मिला रिकॉर्ड राजस्व, ऐसे शराब पीने वालों पर लगेगा भारी जुर्माना
दिल्ली सरकार के आबकारी विभाग ने रिकॉर्ड राजस्व अर्जित किया है जो 8200 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। यह 2023 की तुलना में 11 प्रतिशत अधिक है। हालांकि भाजपा सरकार सड़क पर शराब पीने वालों पर लगाम कसने जा रही है। सड़क पर शराब पीने पर अब 5000 रुपये का चालान काटा जाएगा। सरकार को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2025-26 में राजस्व में और बढ़ोतरी होगी।

वीके शुक्ला, नई दिल्ली। विवादित नई आबकारी नीति वापस लिए जाने के बाद आबकारी से मिलने वाले राजस्व में कमी की अटकलें निराधार साबित हुई हैं। 2022 में उस नीति के वापस लिए जाने के बाद से दिल्ली में आबकारी से सरकार का राजस्व लगातार बढ़ रहा है, जो वित्त वर्ष 2024-25 में बढ़कर 8200 करोड़ हो गया है।
2023 में 7400 करोड़ का राजस्व मिला
राजस्व के लिहाज से यह अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है, जिसमें 11 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। 2023 में सरकार को आबकारी से कुल 7400 करोड़ का राजस्व मिला। सरकार को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2025-26 में राजस्व में और बढ़ोतरी होगी।
जहां-तहां शराब पीने वालों पर सरकार सख्त
लेकिन भाजपा सरकार ने यह भी साफ कर दिया है कि शराब के मामले में नियमों का उल्लंघन किसी भी हालत में नहीं होने दिया जाएगा। सरकार के निर्देश पर आबकारी विभाग सड़कों पर शराब पीने वालों के खिलाफ अभियान तेज करने जा रहा है। जिसमें सड़क पर शराब पीने वालों का पांच हजार रुपये का चालान काटा जाएगा।
आबकारी विभाग ने इस संबंध में निर्देश दिए हैं। दरअसल कुछ जगहों को लेकर ऐसी शिकायतें आ रही हैं कि लोग शराब की दुकान के पास ही शराब खरीद कर पीते हैं, जिससे इलाके का माहौल खराब होता है और खासकर वहां से गुजरने वाली महिलाओं को आवाजाही में असुविधा का सामना करना पड़ता है।
ऐसे लोगों के खिलाफ अभियान तेज
आबकारी विभाग ने ऐसे मामलों में सख्ती से निपटने के आदेश दिए हैं, अगले सप्ताह से ऐसे लोगों के खिलाफ अभियान तेज होने जा रहा है।
आबकारी से मिलने वाले राजस्व की बात करें तो उस समय की आप सरकार शराब को लेकर काफी चर्चा में आई थी, जब आप सरकार ने 17 नवंबर 2021 को दिल्ली में नई शराब नीति लागू की थी।
इस नीति की खास बात यह थी कि इसमें शराब बिक्री का काम निजी हाथों में दे दिया गया था। लेकिन विवाद के बाद 28 जुलाई 2022 को इस नीति को रद्द कर दिया गया और पुरानी शराब नीति को ही लागू किया गया।
आप ने इसे गलत फैसला माना और आशंका जताई कि इससे राजस्व कम होगा। लेकिन उसके बाद से राजस्व में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। 2022 में जो राजस्व 6500 करोड़ था, वह 2023 में 7400 करोड़ और 2024 में 8200 करोड़ पर पहुंच गया है।
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