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    पढ़िए ट्रेन में बैठकर सात साल के बच्चे की अपनी मां से बिछड़ने और फिर इंटरनेट मीडिया के माध्यम से मिलने की पूरी कहानी

    By Vinay Kumar TiwariEdited By:
    Updated: Thu, 03 Jun 2021 01:01 PM (IST)

    सात वर्षीय बच्चा दिल्ली से ट्रेन में बैठकर रोहतक पहुंच गया। रेलवे पुलिस ने 30 मई की शाम को सीडब्ल्यूसी (चाइल्ड वेलफेयर कमेटी) टीम को सौंप दिया। सीडब्ल्यूसी की टीम ने बच्चा शहर के जगन्नाथ आश्रम में शिफ्ट कर दिया जहां वह चार दिन से रह रहा था।

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    चार दिन पहले ट्रेन में बैठकर रोहतक आ गया था बच्चा, कानूनी प्रक्रिया के बाद एसआइ ने मां से मिलवाया।

    दिल्ली/रोहतक [विक्रम बनेटा]। सात वर्षीय बच्चा दिल्ली से ट्रेन में बैठकर रोहतक पहुंच गया। रेलवे पुलिस ने 30 मई की शाम को सीडब्ल्यूसी (चाइल्ड वेलफेयर कमेटी) टीम को सौंप दिया। सीडब्ल्यूसी की टीम ने बच्चा शहर के जगन्नाथ आश्रम में शिफ्ट कर दिया, जहां वह चार दिन से रह रहा था। इसी दौरान यहां एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की इंचार्ज एसआइ राजवंति पहुंचीं। उन्होंने प्रयास कर बच्चे की मां को ढूंढ़ निकाला व बच्चा उनसे मिलवा दिया।

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    सीडब्ल्यूसी की कानूनी प्रक्रिया के बाद मां नजमा को बच्चा सौंप दिया गया। एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की इंचार्ज एसआइ राजवंति ने बच्चे को परिवार से मिलवाने के लिए तीन दिन लगातार बच्चे की काउंसिलिंग की। बच्चा ज्यादा तो कुछ नहीं बता पाया, लेकिन इतना जरूर बताया कि उसका गांव बादली है। झज्जर जिले की बादली थाना पुलिस से बच्चे को लेकर बात की गई तो सामने आया कि उनके क्षेत्र से कोई बच्चा गायब नहीं हुआ है। फिर से बच्चे की काउंसिलिंग की गई तो बच्चे ने बताया कि उसके घर के पास पुल है।

    इसके बाद बच्चे को दिल्ली के समयपुर बादली वाले पुल की फोटो इंटरनेट मीडिया की सहायता से दिखाया गया। बच्चे ने इसकी पहचान कर ली तो समयपुर बादली थाना पुलिस से सपंर्क किया गया। पुल के पास दिल्ली पुलिस ने पूछताछ की तो पता चला कि यहां से एक बच्चा लापता है। बच्चे की मां का फोन नंबर भी वहां से एएसआइ राजवंति को मिल गया। इसके बाद बच्चे की मां नजमा को इसके बारे में बताया तो वह बुधवार को यहां पहुंचीं। सीडब्ल्यूसी की चेयरपर्सन आशा, सदस्य वीना, रचना की टीम ने कानूनी प्रक्रिया के बाद बच्चा उनकी मां को सौंप दिया।

    घर से खेलने की बात कहकर निकला था जहांगीर

    ट्रेन में बैठकर रोहतक आए सात वर्षीय जहांगीर उर्फ राजू की मां नजमा ने बताया कि 30 मई को वह घर से खेलने की बात कहकर निकला था। जब वह शाम तक नहीं लौटा तो वह उसे खोजती रहीं, लेकिन तीन दिन तक सुराग नहीं लगा। जहांगीर ने बताया कि वह दोस्तों के साथ खेल रहा था। दोस्तों ने कहा कि वह ट्रेन में चढ़ जाए तो वह चढ़ गया और रोहतक आ गया। यहां रेलवे स्टेशन पर उतरा तो पुलिसकर्मियों ने उससे पूछताछ की।