Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सूना पड़ा राजनिवास, 'यकीन नहीं हो रहा कि जंग साहब जा रहे हैं'

    By Amit MishraEdited By:
    Updated: Wed, 28 Dec 2016 03:58 PM (IST)

    राजनिवास के एक पुराने अधिकारी कहते हैं, जंग साहब ने इस एलजी हाउस में बहुत सी नई शुरुआत की और तमाम औपचारिकताएं खत्म कीं।

    नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। राजनिवास इन दिनों सूना पड़ा है। इस्तीफा मंजूर न होने के कारण उपराज्यपाल नजीब जंग अभी भी थोड़ी देर के लिए आते हैं, लेकिन अब यहां वह चहल-पहल नजर नहीं आती जो सप्ताह भर पहले तक नजर आती थी। राजनिवास के अधिकारियों व कर्मचारियों को अभी तक यकीन नहीं हो रहा कि जंग साहब जा रहे हैं। ज्यादातर उनसे बहुत कुछ पूछना चाहते हैं और उनसे भी कुछ सुनना चाहते हैं। सभी अब उनके विदाई समारोह का इंतजार कर रहे हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    राजनिवास के कर्मचारियों का कहना है कि नजीब जंग ने स्टाफ के साथ कभी दूरियां बनाकर नहीं रखीं। उन्होंने राजनिवास में आते ही स्टाफ को कह दिया था कि किसी को भी कोई परेशानी हो तो वे सीधे उनके पास आ सकते हैं। होली व दीवाली जैसे पर्व पर वे स्टाफ और उनके परिवार के साथ गेट टूगेदर रखते थे। गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में भी वे अपने स्टाफ से परिवार को विशेष तौर पर साथ लाने की बात कहते थे।

    नजीब के इस्तीफे से भी जंग थमने के नहीं आसार, अब तनाव में AAP सरकार

    राजनिवास के एक पुराने अधिकारी कहते हैं, जंग साहब ने इस एलजी हाउस में बहुत सी नई शुरुआत की और तमाम औपचारिकताएं खत्म कीं। इससे बड़ी बात क्या होगी कि अभी कुछ दिन पहले वे अपने चपरासी की बेटी की शादी में भी शरीक होने गए थे। स्टाफ में किसी के साथ कोई परेशानी होती थी और उन्हें पता चलता था तो वे खुद भी उसके विषय में पता कर लेते थे। अच्छा काम करने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों का वे उत्साहवर्धन भी करते थे।

    नजीब जंग छोड़ गए सरकार से 'जंग' का मसाला

    एक अधिकारी अपने मोबाइल के इनबॉक्स में सुरक्षित वह मैसेज दिखाते हुए गर्व से फूले नहीं समाते जिसमें नजीब जंग ने लिखा था, आइ एम प्राउड ऑफ यू। कयासों और अटकलों के इस दौर में राजनिवास के ज्यादातर अधिकारियों और कर्मचारियों को उम्मीद है कि नजीब जंग अपनी विदाई से पहले एक गेट टूगेदर जरूर करेंगे। उसमें ही एक-दूसरे के मन की बात हो सकेगी। कुछ स्टाफ कहेगा जिसे जंग साहब सुनेंगे और कुछ वह कहेंगे जिसे राजिनवास का हर व्यक्ति सुनेगा।