Indian Railway: क्या रेलवे सरकार की ही रहेगी प्रॉपर्टी या होगा निजीकरण? रेल मंत्री वैष्णव ने दिया जवाब
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि वर्ष 2014 से पहले रेलवे पर सरकार ध्यान नहीं देती थी। विकास परियोजनाओं के लिए पर्याप्त फंड नहीं मिलता था। निवेश नहीं होने के कारण वर्षों तक परियोजनाओं पर काम नहीं होता था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद रेलवे के विकास पर ध्यान दिया गया। प्रधानमंत्री ने वर्ष 2016 में रेल बजट को आम बजट में समायोजित कर दिया।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि वर्ष 2014 से पहले रेलवे पर सरकार ध्यान नहीं देती थी। विकास परियोजनाओं के लिए पर्याप्त फंड नहीं मिलता था। निवेश नहीं होने के कारण वर्षों तक परियोजनाओं पर काम नहीं होता था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद रेलवे के विकास पर ध्यान दिया गया। प्रधानमंत्री ने वर्ष 2016 में रेल बजट को आम बजट में समायोजित कर दिया। सरकार के इस कदम के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। वह ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन (एआईआरएफ) के 100 वर्ष पूरे होने पर आयोजित कार्यक्रम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने एआईआरएफ पर स्मारक डाक टिकट जारी किया। कहा कि कुछ लोग रेलवे के निजीकरण को लेकर भ्रम फैला रहे हैं। देश के विकास में रेलवे का महत्वपूर्ण योगदान है और इसका निजीकरण नहीं होगा। उन्होंने रेलवे कर्मियों को विकसित भारत बनाने में रेलवे के योगदान का संकल्प दिलाया।
रेलवे खर्च उठाने में हुआ सक्षम
उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के परिश्रम से रेलवे ने महत्वपूर्ण उपलब्धि प्राप्त की है। पिछले 10 वर्षों में रेलवे वेतन, पेंशन, ऊर्जा, रखरखाव सहित अन्य खर्च स्वयं उठाने में सक्षम हो गया है। यह एक पड़ाव है। मंजिल इससे बहुत आगे है। रेलवे संसाधन का नियमित रखरखाव और संरक्षा हम सभी की जिम्मेदारी है।
रेलवे में 38 बड़े सुधार किए गए
महाप्रबंधक व अन्य सभी बड़े अधिकारी निरीक्षण व दौरे पर आम कर्मचारी की तरह जाएंगे। संघर्ष नहीं, अब संगठित होकर सेवा भावना के साथ निर्माण का समय है। इसमें प्रत्येक कर्मचारी को जुड़ना है। जमीन पर काम करने वाले कर्मचारियों के सुझाव से बड़े निर्णय लिए जा रहे हैं। रेलवे परियोजनाओं के काम में तेजी लाने के लिए 38 बड़े सुधार किए गए हैं।
एआईआरएफ के महामंत्री शिव गोपाल मिश्रा ने कहा कि यह पहली बार जब देश के किसी श्रमिक संगठन पर डाक टिकट जारी किया गया है। करनैल सिंह स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष जया वर्मा सिन्हा, एआईआरएफ के अध्यक्ष डॉ. एन कनैया, नेशनल फेडरेशन आफ इंडियन रेलवेमैन के महामंत्री डॉ. एम राघवैया सहित रेलवे के अन्य अधिकारी व कर्मचारी नेता उपस्थित थे।
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