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    क्यूएस रैंकिंग 2026 आईआईटी दिल्ली ने मारी बाजी, इस वजह से बना देश का टॉप इंस्टीट्यूट

    Updated: Fri, 20 Jun 2025 12:37 PM (IST)

    क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग्स 2026 में आईआईटी दिल्ली ने 123वीं रैंक हासिल कर वैश्विक स्तर पर शीर्ष 125 संस्थानों में जगह बनाई है और भारत में पहला स्थान प्राप्त किया है। शोध कार्यों में उत्कृष्टता और अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के साथ सहयोग ने रैंकिंग में सुधार किया है। संस्थान ने एम्प्लायर रेपुटेशन और सस्टेनिबिलिटी में भी अच्छा प्रदर्शन किया है।

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    शोध को बढ़ावा देकर आईआईटी दिल्ली बना देश में अव्वल।

    उदय जगताप, नई दिल्ली: क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग्स 2026 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली (आईआईटी दिल्ली) ने विश्व के शीर्ष 125 शैक्षणिक संस्थानों में जगह बनाई है।

    इस बार संस्थान ने अपनी पिछली रैंकिंग 150 से छलांग लगाकर 123वीं रैंक वैश्विक स्तर पर हासिल की है। यही नहीं देश में भी रैंकिंग में अव्वल रहा है।

    इसका कारण विश्वविद्यालय में शोध पर लगातार किया जा रहा काम है। अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के साथ मिलकर आइआइटी दिल्ली लगातार शोध कर रहा है। इसका असर रैंकिंग पर दिखा है।

    आईआईटी दिल्ली ने सभी मानकों पर खरा उतरने में कामयाबी हासिल की है। क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग में सर्वाधिक 30 प्रतिशत वेटेज एकेडमिक रेप्युटेशन को दिया जाता है।

    एक साल में 4200 शोध पत्रों का किया प्रकाशन

    इसमें आईआईटी दिल्ली ने विश्वभर में 147वां स्थान हासिल की है। पहले संस्थान 172वें स्थान पर था। डीन ऑफ प्लानिंग प्रो. विवेक बुआ ने कहा, रैंकिंग में शोध कार्य प्रमुख मानक है।

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    आईआईटी ने एक साल में 4200 शोध पत्रों का प्रकाशन किया है। पिछले पांच साल में शोध कार्यों को एक हजार की संख्या तक बढ़ाया है। पांच साल पहले 3200 शोध पत्र का प्रकाशन हो रहा था।

    इसमें भी 30 प्रतिशत शोध वैश्विक स्तर पर जाने-माने संस्थानों के साथ मिलकर किए जा रहे हैं। इसके लिए आइआइटी दिल्ली ने विभिन्न संस्थानों से करार किए हुए हैं।

    एम्प्लायर रेपुटेशन में भी 23 स्थानों की छलांग लगाई

    संस्थान ने एम्प्लायर रेपुटेशन में 23 स्थानों की छलांग लगाई है। पहले 73वीं रैंक थी जो अब 50 हो गई है। इसे 15 प्रतिशत वेटेज दिया जाता है।

    यह प्रमाण है कि आईआईटी दिल्ली के छात्र वैश्विक स्तर पर अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। साइटेशन फार फैकल्टी मानक में 40 अंकों की बढ़ोतरी हुई है।

    इसकी वैश्विक रैंकक 126 से बढ़कर 86 हो गई है। सस्टेनिबिलिटी में 252 अंकों की बढ़ोतरी संस्थान ने दर्ज की है। पहले 424 रैंक थी अब 172 हो गई है।

    हालांकि इसका वेटेज पांच प्रतिशत ही है। लेकिन, आईआईटी दिल्ली ने नेट जीरो की दिशा में आगे बढ़ते हुए बहुत काम किया है। परिसर में वाहनों की संख्या कम करने पर जोर दिया जा रहा है।

    सौर ऊर्जा का इस्तेमाल भी बढ़ाया गया

    सौर ऊर्जा का इस्तेमाल बढ़ा है। इम्प्लायमेंट आउटकम में 319वीं रैंक हासिल की है। पहले यह 340 थी। प्रो. बुआ ने बताया कि इसके तहत ही प्लेसमेंट को आंका जाता है।

    आईआईटी दिल्ली प्लेसमेंट के अलावा खुद का स्टार्टअप करने वाले, उच्च शिक्षा में जाने वाले छात्रों का डाटा संकलन ठीक से करता है। इसकी वजह से रैंक बढ़ी है।

    प्रो. बुआ ने कहा, फैकल्टी टू स्टूडेंट्स रेशियो, इंटरनेशनल फैकल्टी, इंटरनेशनल रिसर्च नेटवर्क, इंटरनेशनल स्टूडेंट्स जैसे मानकों में भी आइआइटी ने अच्छा प्रदर्शन किया है।

    उन्होंने कहा, सभी के सामूहिक प्रयासों से हम भविष्य में शीर्ष 100 शीर्ष विश्वविद्यालयों में शामिल होने की क्षमता रखते हैं।