Drain Cleaning: दिल्ली में नालों की सफाई अब PWD की जिम्मेदारी, काम में गड़बड़ी होने पर अधिकारी करेंगे ये काम
पीडब्ल्यूडी दिल्ली में अपने अधीन आने वाले नालों की सफाई का थर्ड पार्टी ऑडिट कराएगा। विभाग ने इसके लिए आदेश जारी कर दिया है और नेताजी सुभाष प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एनएसयूटी) की मदद लेने पर विचार कर रहा है। इस कदम का उद्देश्य सफाई में पारदर्शिता लाना और भ्रष्टाचार को रोकना है क्योंकि पहले नालों की सफाई को लेकर कई विवाद सामने आए थे।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। पिछले सालों में जिन मामलों पर सिर्फ घोषणाएं ही होती थीं, अब भाजपा सरकार आने के बाद उन पर अमल होने की उम्मीद है। इसी कड़ी में इस साल लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) अपने अधीन आने वाले बरसाती नालों की सफाई का थर्ड पार्टी ऑडिट कराएगा।
इसके लिए विभाग ने 25 अप्रैल को आदेश जारी कर दिए हैं। थर्ड पार्टी ऑडिट के लिए नेताजी सुभाष प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एनएसयूटी) की मदद लेने पर विचार किया जा रहा है। इसके साथ ही विभाग अपने स्तर पर आंतरिक ऑडिट भी कराएगा।
सफाई को लेकर हर साल विवाद
अगर बीते सालों की बात करें तो नालों की सफाई को लेकर हर साल विवाद होता रहा है। जलभराव होने पर विपक्ष ने बार-बार सवाल उठाए हैं कि नालों की सफाई सिर्फ औपचारिकता के लिए की गई है और बजट खर्च करने के नाम पर भ्रष्टाचार हुआ है। लेकिन सच तो यह है कि इतने हो-हल्ले के बाद भी कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं हुआ।
थर्ड पार्टी ऑडिट तो दूर की बात, नालों की सफाई की वीडियो रिकॉर्डिंग तक नहीं कराई गई। जबकि इस संबंध में सख्त आदेश थे कि नालों की सफाई की वीडियो रिकॉर्डिंग कराई जाए और नालों की सफाई की जानकारी पीडब्ल्यूडी की वेबसाइट पर भी अपलोड की जाए ताकि लोगों को पारदर्शिता के साथ इसकी जानकारी भी मिल सके।
आज भी लोक निर्माण विभाग की वेबसाइट पर नालों की सफाई की जानकारी नहीं मिल पाती। वैसे भी अब हालात बदल रहे हैं तो उम्मीद है कि अफसरों की कार्यशैली भी बदलेगी।
नालों की सफाई को लेकर अधिकारी सख्त
पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने बताया कि थर्ड पार्टी ऑडिट के साथ ही विभाग द्वारा कराए गए आंतरिक ऑडिट का मिलान किया जाएगा। आदेश के अनुसार, थर्ड पार्टी ऑडिट होने तक नालों की सफाई में लगे ठेकेदारों को भुगतान नहीं किया जाएगा।
दिल्ली में करीब 50 फीसदी नाले पीडब्ल्यूडी के अधीन हैं। पिछले साल विभाग ने नालों की सफाई को लेकर जुलाई में मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) भी जारी की थी। इसके अनुसार, नालों से निकाली गई गाद को अधिकतम दो घंटे के भीतर अधिकृत डंपिंग ग्राउंड में डाला जाना चाहिए। साथ ही, नालों की हर समय सफाई होनी चाहिए।
कितने नाले किस विभाग के पास | विभागोें के नाले किलोमीटर में |
लोक निर्माण विभाग | 2064 |
दिल्ली नगर निगम | 521 |
सिचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग | 426 |
एनडीएमसी | 335 |
डीडीए | 251 |
डीएसआइआइडीसी | 98 |
दिल्ली केंट बाेर्ड | 39.88 |
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