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    दिल्ली में एक्शन मोड में PWD विभाग, अब लापरवाही करने वाले अफसरों की खैर नहीं

    Updated: Sat, 04 Oct 2025 07:51 AM (IST)

    दिल्ली में सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार के खिलाफ लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) सख्त हो गया है। गुणवत्ता आश्वासन इकाई (क्यूएयू) की टीमें निर्माण स्थलों पर दस्तावेजों की जांच करेंगी और अनियमितताएं मिलने पर अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। विभाग ने काम की प्रगति और सामग्री की जानकारी रजिस्टर में दर्ज करने का नियम बनाया है ताकि भ्रष्टाचार को रोका जा सके।

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    भ्रष्टाचार की नस पर प्रहार, कागजों में घालमेल किया ताे होगी कार्रवाई

    वी के शुक्ला, नई दिल्ली। दिल्ली में सड़कों के निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारियों की अब खैर नहीं है। फर्जी बिल और काम से अधिक के बिल बनाकर भुगतान करा लेने वालों पर अब विभाग की नजर रहेगी।

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    लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) की गुणवत्ता आश्वासन इकाई की टीमें अब निर्माण कार्यों से संबंधित कार्य स्थलों पर फोकस बढ़ाएंगी। निर्माण कार्य के दाैरान कागजों में हेरफेर या अधूरे कागज मिले तो ऐसे अभियंताओं पर कार्रवाई होगी। पीडब्ल्यूडी मुख्यालय ने इस संबंध में विभाग के प्रमुख अभियंता के निर्देश पर आदेश जारी कर दिए हैं।

    पीडब्ल्यूडी की गुणवत्ता आश्वासन इकाई (क्यूएयू) ने विभिन्न निर्माण स्थलों के निरीक्षण के दौरान कार्य से संबंधित दस्तावेजों में अनियमितताएं पाई हैं।

    सूत्रों की मानें तो विभाग की गुणवत्ता आश्वासन इकाई (क्यूएयू) द्वारा विभिन्न कार्यों के निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि क्षेत्रीय संबंधित अधिकारियों के पास सीमेंट रजिस्टर, स्थल आदेश पुस्तिका, निरीक्षण रजिस्टर, अनुमोदित वास्तुकला/संरचनात्मक चित्र, नमूना अनुमोदन रजिस्टर, सभी सामग्रियों का परीक्षण रजिस्टर तक नहीं मिले।

    इसी तरह आरएमसी स्लिप और आरएमसी परीक्षण रिपोर्ट, भुगतान किए गए बिल, स्वीकृत अतिरिक्त मद कार्यक्रम चार्ट से लेकर मासिक प्रगति रिपोर्ट तक उपलब्ध नहीं थी। पखवाड़े की श्रम रिपोर्ट, कार्य में लगे श्रमिकों के ईपीएफ और ईएसआइ रिकार्ड, सामग्री खरीद के लिए एजेंसी द्वारा विधिवत हस्ताक्षरित जीएसटी बिल भी माैजूद नहीं था। यहां तक कि कार्य में लगाए गए तकनीकी लाेगों का विवरण और उनके वेतन भुगतान का प्रमाण तक नहीं मिला।

    सूत्रों की मानें तो यहीं से भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है, काम पूरा होने पर बिल अपनी सुविधा के अनुसार तक बना लिए जाते हैं। इस समस्या से बचने के लिए विभाग ने जो नियम बनाया है उसके अनुसार काम की प्रगति से संबंधित प्रतिदिन की जानकारी रजिस्टर में दर्ज होनी चाहिए। इसके लिए अलग अलग रजिस्टर बनाए गए हैं।

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    विभागीय जानकार कहते हैं कि नियम यह तक कहता है कि किस परियोजना के लिए किस दिन कितना सीमेंट जारी किया गया और कितना स्टोर में मौजूद है, इसकी भी प्रतिदिन की रजिस्टर में एंट्री होनी चाहिए। ताकि किसी भी निरीक्षण के दौरान उसकी जांच की जा सके। मगर ऐसा नहीं किया जा रहा है।

    क्यूएयू द्वारा विभिन्न कार्यों के निरीक्षण के बाद दी गई रिपोर्ट को गंभीरता से लेते हुए सभी अधिशासी अभियंताओं को निर्देश दिया गया है कि वे बिना किसी बहाने के स्थल निरीक्षण के दौरान वे गुणवत्ता आश्वासन विंग की टीम के समक्ष सभी दस्तावेज प्रस्तुत करें।

    वहीं, स्थल निरीक्षण के दौरान दस्तावेजों को प्रस्तुत न करने की स्थिति में कार्य के प्रभारी कनिष्ठ अभियंता,सहायक अभियंता व अधिशासी अभियंता के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई होगी।