दिल्ली में पोस्टमॉर्टम हाउस से शव हुआ गायब, मचा हड़कंप और फिर सच्चाई जान उड़े अफसरों के होश
दिल्ली के मंगोलपुरी में संजय गांधी अस्पताल के शवगृह में एक परिवार ने दूसरी के शव को अपना समझकर अंतिम संस्कार कर दिया। नांगलोई के भारत भूषण के परिवार ने प्रेम नगर के मृतक पंकज के शव का अंतिम संस्कार कर दिया जिससे अस्पताल में हड़कंप मच गया। परिजनों ने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली। बाहरी दिल्ली में मंगोलपुरी स्थित संजय गांधी अस्पताल के शवगृह में एक परिवार ने अपने ही व्यक्ति के शव को पहचानने में इतनी बड़ी गलती कर दी कि उन्होंने डॉक्टर द्वारा दिए गए किसी अन्य व्यक्ति के शव को अपना समझकर उसका दाह संस्कार कर दिया।
मामला नांगलोई और प्रेम नगर थाना क्षेत्र से आए दो अलग-अलग शवों का है। जहां गलत शव ले जाने वाले परिवार और अस्पताल की बड़ी लापरवाही की वजह से दूसरे मृतक का परिवार शव गायब होने से काफी सदमे में है।
प्रेम नगर से मृतक पंकज का शव संजय गांधी अस्पताल के शवगृह में पोस्टमार्टम के लिए सुरक्षित रखवाया गया था। वहीं, नांगलोई से इसी अस्पताल में भारत भूषण का शव भी आया था। लेकिन शव पहचान करने वाले मृतक भारत भूषण का परिवार भारत भूषण की जगह पंकज का शव लेकर चले गए। फिलहाल इस पूरे मामले में बाहरी और रोहिणी जिला की पुलिस समेत अस्पताल प्रशासन इस मामले में जांच कर रही है।
जानकारी के मुताबिक, मृतक पंकज सिंह अपनी पत्नी चंचल के साथ प्रेम नगर में किराये के मकान में रहते थे। मूलरूप से उत्तर प्रदेश के बिजनौर स्थित गांव उमरी-खदाना के रहने वाले थे। इनके परिवार में पत्नी चंचल, माता-पिता व दो भाई हैं। पंकज यहां एक निजी कंपनी में नौकरी करते थे। बुधवार तड़के नींद में यह तीसरी मंजिल की छत से नीचे गिर गए। पत्नी चंचल इनके संजय गांधी अस्पताल ले गईं। जहां डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
पुलिस ने बुधवार सुबह शव को पोस्टमार्टम के लिए संजय गांधी अस्पताल के शवगृह में रखवा दिया। बुधवार दोपहर के समय पंकज के बड़े भाई प्रदीप व बाकी लोग थाने पहुंचे। उनको बृहस्पतिवार शव का पोस्टमार्टम कराने के लिए कहा गया। बृहस्पतिवार सुबह परिवार मंगोलपुरी स्थित संजय गांधी अस्पताल पहुंचा तो वहां पंकज का शव किसी दूसरे को देने का पता चला।
शव नहीं मिलने पर अस्पताल प्रशासन व पुलिस के उड़े होश
मृतक पंकज के भाई ने बताया कि वह भाई के शव का इंतजार कर रहे थे। उनको पता चला कि भाई का शव अस्पताल से गायब है। शव गायब की जानकारी पर डाक्टरों और पुलिस के होश उड़ गए। बाद में पता चला कि पंकज का शव गलती से एक दिन पहले ही नांगलोई के एक परिवार को पोस्टमार्टम कराकर सौंप दिया दिया गया।
दूसरे परिवार ने शव का कर दिया अंतिम संस्कार
पुलिस ने नांगलोई में उस परिवार से संपर्क किया तो परिवार ने बताया कि शव को अपना समझकर बुधवार को ही अंतिम संस्कार कर दिया। जांच में पता चला कि नांगलोई वाले भारत भूषण (45) का शव अभी भी मोर्चरी में पड़ा हुआ है।
प्रदीप को जब पता चला कि पुलिस व अस्पताल प्रशासन की लापरवाही से किसी ने उसके भाई का अंतिम संस्कार कर दिया तो उसने नाराजगी जताई।
वहीं, बाद में उसे बताया गया कि अब उसके भाई की अस्थियां व राख श्मशान घाट में है। लेकिन प्रदीप ने उसको लेने से साफ इंकार कर दिया। उसने रोहिणी जिला पुलिस उपायुक्त से पुलिसकर्मियों व अस्पताल कर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के साथ ही मुकदमा दर्ज करने की मांग की है।
भारत भूषण की पत्नी ने पहचाना था शव
नांगलोई के रहने वाले भारत भूषण (45) ने अपने घर पर फंदा लगाकर जान दे दी। पुलिस ने उसका शव संजय गांधी अस्पताल की मोर्चरी में सुरक्षित रखवा दिया। बुधवार को परिवार अस्पताल पहुंचा तो नांगलोई पुलिस ने भारत के शव की उनकी पत्नी लता से दूर से पहचान करवाई।
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वहीं, बाद में शव का पोस्टमार्टम कराकर शव परिवार के हवाले कर दिया। परिवार शव लेकर घर पहुंचे। लता का कहना है कि उसके कम दिखाई देता है। अंतिम संस्कार के लिए नांगलोई के ही श्मशान घाट ले गए और भारत का शव समझकर अंतिम संस्कार कर दिया।
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