Move to Jagran APP

Delhi Private School Fee News: केजरीवाल सरकार का बड़ा फैसला, अब सिर्फ ट्यूशन फीस ही ले पाएंगे निजी स्कूल

Delhi Private School Fee News मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर कहा कि प्राइवेट स्कूलों को आदेश है कि कोई भी स्कूल ट्यूशन फ़ीस के अलावा कोई अन्य फ़ीस चार्ज न करे।

By JP YadavEdited By: Published: Tue, 01 Sep 2020 08:55 AM (IST)Updated: Tue, 01 Sep 2020 09:11 AM (IST)
Delhi Private School Fee News: केजरीवाल सरकार का बड़ा फैसला, अब सिर्फ ट्यूशन फीस ही ले पाएंगे निजी स्कूल
Delhi Private School Fee News: केजरीवाल सरकार का बड़ा फैसला, अब सिर्फ ट्यूशन फीस ही ले पाएंगे निजी स्कूल

नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। Delhi Private School Fee News: दिल्ली के निजी स्कूल कोविड-19 की अवधि के दौरान केवल ट्यूशन फीस ही लेंगे। लॉकडाउन और किसी अन्य मद के तहत चार्ज नहीं लेंगे। इसके साथ ही वे लॉकडाउन की समाप्ति के बाद मासिक आधार पर वार्षिक और विकास शुल्क आनुपातिक रूप से वसूल सकेंगे। यह निर्देश दिल्ली के शिक्षा विभाग ने सोमवार को ऑर्डर जारी कर दिया। शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने इस फैसले को प्राइवेट स्कूलों के छात्रों-अभिभावकों के हित में अरविंद केजरीवाल सरकार का बड़ा फैसला बताया है।

loksabha election banner

मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर कहा कि प्राइवेट स्कूलों को आदेश है कि कोई भी स्कूल ट्यूशन फ़ीस के अलावा कोई अन्य फ़ीस चार्ज न करे। जिसने छात्रों से ट्यूशन फ़ीस के अलावा कोई अन्य फ़ीस ली है उसे आने वाले महीनो में ऐडजस्ट करना होगा। इससे पहले 17 और 18 अप्रैल को दिल्ली सरकार ने निर्देश दिया था, अब दिल्ली सरकार के ताजा आदेश से निजी स्कूलों को यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया है।

शिक्षा निदेशालय ने निजी स्कूलों की फीस वृद्धि की मनमानी को रोकते हुए सोमवार को जो दिशा-निर्देश जारी किए हैं। उनके अनुसार निजी स्कूलों के प्रधानाचार्यों को कहा गया है कि लॉकडाउन की प्रक्रिया अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुई है। स्कूल अभी भी नहीं खोले गए हैं ऐसे में स्कूल केवल ट्यूशन फीस ही लेंगे। कोई भी स्कूल अभिभावकों से ट्यूशन फीस के अतिरिक्त फीस की मांग नहीं कर सकता।

वहीं, अगर किसी स्कूल ने अभिभावकों से ट्यूशन फीस के अतिरिक्त कोई भी फीस ले ली है तो वो उन्हें वापस करनी होगी या समायोजित करनी होगी। इसके साथ ही यह भी यहा भी कहा गया कि स्कूल द्वारा ट्यूशन फीस में भी किसी प्रकार की वृद्धि नहीं की जाएगी या उसमें कोई और शुल्क नहीं जोड़ा जाएगा। स्कूलों को शिक्षा निदेशालय द्वारा जारी 18 अप्रैल का आर्डर ही मानना पड़ेगा। जिसमें केवल ट्यूशन फीस लेने की बात कही गई थी और फीस न दे सकने की परिस्थिति में छात्र का नाम ऑनलाइन कक्षाओं से न काटने के निर्देश दिए गए थे। निदेशालय के मुताबिक निजी स्कूलों ने लॉकडाउन के दौरान वार्षिक शुल्क, विकास शुल्क व अन्य शुल्क वसूले हैं, जिसके निदेशालय को कई अभिभावकों से लगातार शिकायतें मिल रही थीं। अभिभावकों की परेशानियों को संज्ञान में लेते हुए यह निर्णय लिया गया है कि स्कूलों ने जो भी बढ़ी हुई फीस ली है उसे अभिभावकों को वापस करनी होगी।

लॉकडाउन अवधि के दौरान माता-पिता को सभी निजी-सहायता प्राप्त,मान्यता प्राप्त स्कूलों को ट्यूशन फीस के अलावा कोई शुल्क नहीं देना है। वार्षिक और विकास शुल्क माता-पिता से लिया जा सकता है, मगर वह लॉकडाउन की अवधि पूरी होने के बाद केवल मासिक आधार पर ले सकते हैं।

स्कूल बंद होने के दौरान का अभिभावकों से परिवहन शुल्क आदि नहीं लिया जाएगा। किसी भी स्थिति में स्कूल माता-पिता या छात्रों से परिवहन शुल्क की मांग नहीं करेंगे। इसका मतलब है कि फीस केवल मासिक आधार पर एकत्र की जाएगी।

अगले एक साल तक नहीं बढ़ाया जाएगा कोई शुल्क

आदेश में आगे निर्देश दिया गया कि शैक्षणिक सत्र 2020-21 में किसी भी शुल्क को बढ़ाया नहीं जाएगा, जब तक कि इस तथ्य के बावजूद कि विद्यालय निजी भूमि या डीडीए या अन्य सरकारी भूमि के स्वामित्व वाली एजेंसियों द्वारा आवंटित भूमि पर चल रहा है या नहीं। किसी भी शुल्क वृद्धि से पहले निदेशक शिक्षा की मंजूरी लेनी होगी। स्कूल न तो फंड की अनुपलब्धता के नाम पर स्कूल के शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को कुल वेतन को कम नहीं करेंगे, मासिक वेतन का भुगतान नहीं रोकेंगे। न ही समाज या ट्रस्ट चलाने से किसी कमी के मामले में धन की व्यवस्था करेंगे। 

Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.