'आतंकवाद के रावण पर मानवता की विजय का प्रतीक है ऑपरेशन सिंदूर', विजयदशमी के मौके पर बोलीं राष्ट्रपति मुर्मु
विजयदशमी पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने ऑपरेशन सिंदूर को आतंकवाद पर मानवता की जीत बताया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद मानवता पर प्रहार करता है तो उसका दमन जरूरी है। राष्ट्रपति ने देशवासियों से अपने अंदर के रावण को मारने का सन्देश दिया जिससे देश में सुख-शांति बनी रहे। उन्होंने भारत माता की रक्षा करने वाले सैनिकों को नमन किया और दिल्लीवालों की विजयदशमी मनाने की भावना की सराहना की।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। विजयदशमी उत्सव पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों को लक्षित आपरेशन सिंदूर का जिक्र कर उसे आतंकवाद के रावण पर मानवता की विजय का प्रतीक बताया। मुर्मु ने कहा कि जब आतंकवाद का दानव मानवता पर प्रहार करता है तब उसका दमन करना अनिवार्य हो जाता है। भारतीय सेना द्वारा किया गया आपरेशन सिंदूर आतंकवाद के रावण पर मानवता की विजय का प्रतीक है।
इसके लिए उन्होंने भारत माता की रक्षा में तैनात सभी सैनिकों को नमन करते हुए धन्यवाद दिया। राष्ट्रपति ने लालकिला मैदान के माधवदास पार्क स्थित श्रीधार्मिक लीला समिति के विजयदशमी उत्सव में भाग लिया। उन्होंने इस अवसर पर देशवासियों से अपने अंदर की बुराई के रावण का नाश करने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि ऐसा कर हम देश में सुख, शांति, आनन्द व प्रेम की नदियां बहाएंगे।
बता दें कि दोपहर बाद मौसम ने करवट ली और तेज वर्षा हुई। राष्ट्रपति ने वर्षा के बीच ही दिल्ली वालों से जुटे होने का जिक्र करते हुए कहा कि यहां वर्षा के बाद भी विजयदशमी मनाने के लिए दिल्ली के लोग एकत्रित हुए हैं। जब राम ने रावण को युद्ध में हराया, तब से इसे मनाया जा रहा है। हमलोग हर वर्ष रावण का दहन करते हैं। अच्छाई यह है कि लोगों के अंदर की बुराई खत्म होनी चाहिए।
इसके पूर्व राष्ट्रपति ने राज दरबार की आरती उतारी, तिलक लगाया तथा सांकेतिक तीर चलाकर अधर्म पर धर्म की विजय का संदेश दिया। विशेष बात यह रही कि दो दिन वर्षा में भीगे होने के बावजूद श्रीधार्मिक लीला का रावण धू-धूकर जला। रावण के पुतले में आग लगते ही रामलीला परिसर जय श्रीराम के उद्घोष से गूंज उठा। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी भी कार्यक्रम में उपस्थित रहीं। कमेटी के महासचिव धीरजधर गुप्ता, स्वागत कमेटी के सचिव प्रदीप शरण व प्रवक्ता रवि जैन का कार्यक्रम में विशेष योगदान रहा।
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