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    Delhi Pollution: राष्ट्रपति का घर और आसपास का इलाका बना दिल्ली में प्रदूषण का नया हॉटस्पॉट, गूगल ने दी जानकारी

    Delhi Pollution प्रेसिडेंट एस्टेट दिल्ली में प्रदूषण का नया हॉस्पॉट बन गया है। गूगल से मिली जानकारी के बाद सामने आया है। गूगल ने पूरे भारत में वायु गुणवत्ता निगरानी बढ़ाने के लिए एयरव्यू प्लस पहल पर रेस्पिरर के साथ साझेदारी की है। प्रेसीडेंट इस्टेट में प्रदूषण की वजह इस एरिया में ट्रैफिक का काफी अधिक होना बताया गया है।

    By sanjeev Gupta Edited By: Geetarjun Updated: Sat, 07 Dec 2024 08:59 AM (IST)
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    प्रेसीडेंट एस्टेट दिल्ली में प्रदूषण का नया हॉटस्पॉट।

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। पढ़ने या सुनने में हैरानी भले हो, लेकिन प्रेसीडेंट एस्टेट भी राजधानी में प्रदूषण के नए हॉटस्पॉट के रूप में उभर रहा है। यह जानकारी रेस्पिरर लिविंग साइंसेज द्वारा हवा में पार्टिकुलेट मैटर के एक हालिया अध्ययन में सामने आई है। स्वच्छ हवा प्राप्त करने की दिशा में काम कर रहे इस जलवायु तकनीकी संगठन द्वारा जारी की गई "डिकोडिंग अर्बन एयर: हाइपरलोकल इनसाइट्स इन टू पीएम 2.5 पॉल्यूशन एक्रॉस इंडियन मेट्रोपोलिज़" नामक रिपोर्ट दिल्ली के लिए विशिष्ट वायु गुणवत्ता के रुझान और प्रदूषण हॉटस्पॉट का विस्तृत विश्लेषण प्रदान करती है।

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    रेस्पिरर लिविंग साइंसेज की रिपोर्ट में सीपीसीबी मॉनिटरिंग डेटा और गूगल मैप्स एयर क्वालिटी एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (एपीआई) से ओवरलेड स्थानिक अंतर्दृष्टि का उपयोग करके अपने एटलसएक्यू प्लेटफार्म से वायु गुणवत्ता विश्लेषण को जोड़ा गया है।

    गूगल ने भारत में बढ़ाई निगरानी

    गूगल ने पूरे भारत में वायु गुणवत्ता निगरानी बढ़ाने के लिए एयरव्यू प्लस पहल पर रेस्पिरर के साथ साझेदारी की है। गूगल मेप्स एक्यू के आधार पर दिल्ली का सबसे प्रदूषित एरिया उत्तर पश्चिमी दिल्ली का चांदपुर गांव है। यहां पर पीएम 2.5 का स्तर 391 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा।

    गूगल ने प्रेसीडेंट एस्टेट को बताया हॉटस्पॉट

    इसके बाद मध्य दिल्ली के प्रेसीडेंट एस्टेट में पीएम 2.5 का स्तर 385 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और बवाना में 373 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा। रिपोर्ट के अनुसार गूगल मैप्स एक्यू डेटा के आधार पर प्रेसीडेंट इस्टेट को हॉटस्पॉट दिखाया गया है।

    ट्रैफिक जाम की वजह से बढ़ा प्रदूषण

    प्रेसीडेंट इस्टेट में प्रदूषण की वजह इस एरिया में ट्रैफिक का काफी अधिक होना बताया गया है। जबकि सरकारी मॉनिटरिंग नेटवर्क में यह एरिया शीर्ष पांच प्रदूषित एरिया में शामिल नहीं है। दोनों तरह की रिपोर्ट में एक मात्र कामन हॉटस्पॉट बवाना है।

    रेस्पिरर लिविंग साइंसेज के संस्थापक और सीईओ रौनक सुतारिया कहते हैं, “हाइपरलोकल यानी स्थानीय अंतर्दृष्टि वायु गुणवत्ता निगरानी शहरी भारत के लिए एक गेम-चेंजर है। यह पारंपरिक प्रणालियों द्वारा छोड़े गए अंतराल को पाटता है, प्रदूषण पैटर्न में वास्तविक समय, सड़क-स्तरीय अंतर्दृष्टि प्रदान करता है। यह ग्रैन्युलैरिटी लक्षित हस्तक्षेपों को सशक्त बनाती है, जिससे यह वायु प्रदूषण के खिलाफ हमारी लड़ाई में एक महत्वपूर्ण उपकरण बन जाता है।”

    रिपोर्ट की मुख्य बातें

    • दिल्ली में आनंद विहार, जहांगीरपुरी, बवाना और चांदपुर गांव सहित महत्वपूर्ण प्रदूषण हॉटस्पॉट की पहचान, जहां कुछ क्षेत्रों में पीएम 2.5 का स्तर 300 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से अधिक है।
    • रिपोर्ट में प्रदूषण को कम करने के लिए कार्रवाई योग्य सिफारिशें, जैसे लक्षित उत्सर्जन नियंत्रण, हरित बफर का विस्तार और कम उत्सर्जन क्षेत्र बनाने की बात कही है।

    प्रदूषण बढ़ाने वाले कारक

    औद्योगिक उत्सर्जन, वाहनों की भीड़ और फसल अवशेष जलाने को शहर के वायु प्रदूषण संकट में प्रमुख योगदान कर्ताओं के रूप में पहचाना गया है।