राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने 94 कलाकारों को संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से किया सम्मानित
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने बुधवार को 2022 और 2023 के लिए विभिन्न क्षेत्रों के कुल 94 कलाकारों को संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार प्रदान किए। पुरस्कार समारोह में बोलते हुए मुर्मु ने भारत की सांस्कृतिक विरासत में प्रदर्शन कला की भूमिका पर प्रकाश डाला। मुर्मु ने कहा कि प्राचीन काल से ही भारतीय संस्कृति में कला विधाओं को उच्च स्थान दिया गया है।

पीटीआई, नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने बुधवार को 2022 और 2023 के लिए विभिन्न क्षेत्रों के कुल 94 कलाकारों को संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार प्रदान किए। उन्होंने विज्ञान भवन में आयोजित एक समारोह के दौरान सात कलाकारों को संगीत नाटक अकादमी फेलोशिप भी प्रदान की, जिसमें एक संयुक्त फेलोशिप भी शामिल है।
प्रदर्शन कला की भूमिका पर डाला प्रकाश
राष्ट्रीय संगीत, नृत्य और नाटक अकादमी प्रदर्शन कला के क्षेत्र में प्रतिष्ठित हस्तियों को अकादमी फेलो के रूप में चुनती है। पुरस्कार समारोह में बोलते हुए मुर्मु ने भारत की सांस्कृतिक विरासत में प्रदर्शन कला की भूमिका पर प्रकाश डाला। मुर्मु ने कहा कि प्राचीन काल से ही भारतीय संस्कृति में कला विधाओं को उच्च स्थान दिया गया है।
भरत मुनि के नाट्य शास्त्र को वेदों के समकक्ष रखते हुए इसे पांचवां वेद कहा गया है। उनके नाट्य शास्त्र में कला विधा की जितनी व्यापकता है, वह किसी अन्य पुस्तक में नहीं है। वह दुर्लभ है। राष्ट्रपति ने कहा कि ऐसे कई उदाहरण हैं जब कलाकारों ने अपनी कला का उपयोग सामाजिक कल्याण के लिए किया।
हमारी कलाएं भारत की उदार शक्ति का उदाहरण- राष्ट्रपति
उन्होंने कहा कि कलाकार अपनी कला के माध्यम से रूढि़वादिता और पूर्वाग्रहों को चुनौती दे रहे हैं। वे अपनी कला के माध्यम से समाज को जागृत कर रहे हैं। हमारी कलाएं भारत की उदार शक्ति का सबसे अच्छा उदाहरण हैं, यही कारण है कि यह भारत की विदेश नीति का हिस्सा है।
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