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    दुबई की तरह ग्लोबल हब बनेगा IGI Airport, कनेक्टिंग फ्लाइट्स पर किया जा रहा फोकस; यात्रियों को मिलेंगी ये सुविधाएं

    दिल्ली का IGI एयरपोर्ट जल्द ही सिंगापुर के चांगी या दुबई एयरपोर्ट की तरह ग्लोबल हब बनने जा रहा है। डायल के सीईओ विदेह कुमार जयपुरियार के अनुसार IGI एयरपोर्ट को ग्लोबल हब बनाने के लिए कई मानदंडों को पूरा करना होगा जिसके लिए तैयारी शुरू हो चुकी है। एयरपोर्ट पर यात्रियों की सुविधा के लिए सीआईएसएफ कस्टम इमिग्रेशन सहित सभी एजेंसियों से बातचीत की जा रही है।

    By Gautam Kumar Mishra Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Mon, 14 Apr 2025 08:14 AM (IST)
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    आईजीआई एयरपोर्ट के टर्मिनल-1 का नजारा। फाइल फोटो

    गौतम कुमार मिश्रा, नई दिल्ली। यदि सब कुछ सही रहा तो आने वाले दो वर्षों में सिंगापुर के चांगी या दुबई एयरपोर्ट की तरह ही आईजीआई एयरपोर्ट ग्लोबल हब बन जाएगा। अभी आईजीआई पर सलाना करीब 2.10 करोड़ यात्रियों की आवाजाही हो रही है, जिसके अगले वर्ष तक 2.40 करोड़ तक पहुंचने की संभावना है।

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    आईजीआई एयरपोर्ट की संचालन एजेंसी डायल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विदेह कुमार जयपुरियार का कहना है कि एक वैश्विक परामर्श अध्ययन ने प्रमुख मानदंडों की पहचान की है, जिन्हें आईजीआई एयरपोर्ट को ग्लोबल हब के रूप में मान्यता प्राप्त करने के लिए पूरा करना होगा। अच्छी बात यह है कि हमने उन मानदंडों के करीब पहुंचने को तैयारी शुरू कर दी हैं।

    देश व दुनिया के नए शहरों से जुड़ रहा दिल्ली

    इस तैयारी के तहत डायल एक ओर प्रमुख एयरलाइंस व दुनिया के प्रमुख एयरपोर्ट संचालन एजेंसियों से बात कर रहा है। दूसरी ओर, एयरपोर्ट पर यात्रियों को सहूलियत हो, इसके लिए सीआइएसएफ, कस्टम, इमिग्रेशन सहित तमाम एजेंसियों से भी बात कर रहा है। डायल का कहना है कि यूरोप व अमेरिका में बढ़ोतरी की गुंजाइश तो है, लेकिन अब हम लोगों का ध्यान एशिया प्रशांत क्षेत्र के देशों पर है।

    ऑस्ट्रेलिया व न्यूजीलैंड पर हम लोग ध्यान दे रहे हैं। न्यूजीलैंड के आकलैंड स्थित एयरपोर्ट के साथ एमओयू कर रहे हैं। इसके लिए प्रमुख एयरलाइंस से बात चल रही है। भारतीय एयरलाइंस की बात करें तो इंडिगो व एअर इंडिया की इसमें विशेष भूमिका होगी। दोनों एयरलाइंस न सिर्फ अपने बेड़े बल्कि दिल्ली को देश व दुनिया के नए-नए शहरों से जोड़ने के लिए उड़ानें भी शुरू कर रहे हैं।

    आसानी से हो बैगेज ट्रांसफर का काम

    ग्लोबल हब बनने के लिए कनेक्टिंग उड़ानों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसमें घरेलू से अंतरराष्ट्रीय, घरेलू से घरेलू, अंतरराष्ट्रीय से अंतराष्ट्रीय कनेक्टिंग उड़ानें शामिल हैं। डायल का कहना है कि कनेक्टिंग उड़ानों में कोई दिक्कत नहीं हो, इसके लिए कई स्तरों पर कार्य हो रहा है।

    पहले स्तर पर हमारी कोशिश है कि किसी भी कनेक्टिंग उड़ानों में दो घंटे से अधिक का देरी नहीं हो। साथ ही बैगेज ट्रांसफर का काम आसानी से हो। यात्रियों को एक टर्मिनल से दूसरे टर्मिनल जाने में अपने साथ बैगेज ढोने की मजबूरी से निजात मिले। इस दिशा में कुछ कार्य ट्रायल बेसिस पर हो रहा है। कनेक्टिंग उड़ानों में सुरक्षा जांच भी काफी समय लेने वाली प्रक्रिया है।

    एक टर्मिनल से दूसरे टर्मिनल जाना हो आसान

    डायल का कहना है कि सुरक्षा जांच प्रक्रिया के साथ किसी भी तरह का समझौता तो नहीं किया जा सकता है, लेकिन हम इस बात की कोशिश जरूर कर सकते हैं कि अत्याधुनिक तकनीक या ज्यादा संख्या में कर्मियों की डयूटी लगाकर सुरक्षा जांच की प्रक्रिया में लगने वाले समय को कम कर सकते हैं। इसी तरह घरेलू से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में यात्रियों के इमिग्रेशन की प्रक्रिया को अत्याधुनिक तकनीक की मदद से आसान बनाया जा रहा है।

    कनेक्टिंग फ्लाइट के लिए एक टर्मिनल से दूसरे टर्मिनल पर जाने में कोई दिक्कत नहीं हो, इसके लिए परिवहन की व्यवस्था में सुधार किया जा रहा है। कोशिश है कि प्रत्येक 10 मिनट के अंतराल पर एक टर्मिनल से दूसरे टर्मिनल में जाने के लिए बस की सुविधा बहाल हो।

    इसी तरह डायल की कोशिश है कि लगेज का ट्रांसफर एक टर्मिनल से दूसरे टर्मिनल तक एयर साइड से ही हो। अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए टर्मिनल 3 पर नए स्टैंड की व्यवस्था की जा रही है। 2029 तक अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए एक नया गलियारा बनकर तैयार हो जाएगा।

    क्या होता है ग्लोबल हब?

    • उड्डयन में ग्लोबल हब का अर्थ ऐसे एयरपोर्ट से है, जो अंतरराष्ट्रीय उड़ानों, यात्रियों, कार्गो और कनेक्टिंग फ्लाइट्स के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में कार्य करता है।
    • यह एयरपोर्ट विभिन्न देशों और क्षेत्रों को जोड़ने का केंद्र होता है, जहां से बड़ी संख्या में उड़ानें संचालित होती हैं और जो वैश्विक हवाई यातायात को सुगम बनाता है।
    • इसकी प्रमुख विशेषताओं में कनेक्टिविटी, हाई ट्रैफिक, एयरलाइंस का संचालन केंद्र होने के साथ-साथ उन्नत बुनियादी सुविधाएं, बड़े टर्मिनल, कार्गो हैंडलिंग और रखरखाव सुविधाएं शामिल होती हैं।