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Popular Front Of India: दिल्ली दंगे के अलावा UP-राजस्थान में भी हुई हिंसा में आ चुका है PFI कनेक्शन

Popular Front of India दिल्ली और उत्तर प्रदेश समेत देश के कई राज्यों में हुईं हिंसक घटनाओं में पॉपुलर फ्रंड ऑफ इंडिया (Popular Front of India) का नाम सामने आ चुका है। फरवरी 2020 में दंगों में दिल्ली पुलिस द्वारा दायर चार्जशीट में PFI का जिक्र है।

By Jp YadavEdited By: Published: Wed, 28 Sep 2022 03:26 PM (IST)Updated: Wed, 28 Sep 2022 03:30 PM (IST)
Popular Front Of India: दिल्ली दंगे के अलावा UP-राजस्थान में भी हुई हिंसा में आ चुका है PFI कनेक्शन
फरवरी, 2022 में दिल्ली दंगों के दौरान जमकर हिंसा हुई थी। फाइल फोटो

नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क।  Popular Front of India: पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (Popular Front of India) पर आखिरकार केंद्र में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी सरकार ने शिकंजा कस दिया है। दिल्ली समेत देशभर में हुए दंगों में कई बार PFI का नाम सामने आने के बाद इस पर 5 साल का प्रतिबंध लगा दिया गया है। 

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दिल्ली दंगों में भी आया था PFI नाम

गौर करने वाली बात यह है कि PFI पर बैन का फैसला अचानक नहीं लिया गया, बल्कि सबूत जुटाने के बाद ही इस संगठन पर केंद्र सरकार सख्त हुई और पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया। दरअसल, PFI का नाम फरवरी, 2020 में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों में सामने आया था। दो साल पहले उत्तर-पूर्वी दिल्ली के दंगे में खुलकर पीएफआइ की भूमिका सामने आई थी। दिल्ली पुलिस की चार्जशीट में भी इसका जिक्र है।

पूर्व सीपी ने भी PFI की भूमिका पर उठाए सवाल

पिछले दिनों दिल्ली के पूर्व पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव ने अपने बयान में कहा था कि अगर पीएफआइ द्वारा समुदाय विशेष के युवाओं को नहीं भड़काया जाता तो उत्तर-पूर्वी दिल्ली में दंगे नहीं होते। आरोप है कि पीएफआइ के दिल्ली प्रदेश के सदस्य महीनों तक दिल्ली के सभी मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में जाकर युवाओं, किशोरों व महिलाओं को उनका सबसे बड़ा हमदर्द बनकर सहानुभूति का दिखावा कर ब्रेनवाश करते रहे। इसका नतीजा यह हुआ कि दिल्ली में दंगे हुए, जिसमें कई लोग मारे गए और करोड़ों का नुकसान हुआ।

दंगों में फंडिंग करने के लगते रहे हैं आरोप

गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने अपनी रिमांड एप्लीकेशन में साफ-साफ लिखा है कि पीएफआइ के अकाउंट में पिछले एक साल के दौरान करीब 120 करोड़ रुपये जमा कराए गए। दरअसल, पीएफआइ द्वारा दिल्ली में हुए दंगों में फंडिंग करने का आरोप लगा था।

पीएफआइ पर कसा जा रहा शिकंजा

यहां पर बता दें कि देश भर में हुए दंगों में पीएफआइ की भूमिका सामने आने पर दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल (Delhi Police Special Cell) और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने संगठन की कुंडली खंगाल गृह मंत्रालय को कुछ साल पहले ही रिपोर्ट दी थी।

यूपी-राजस्थान में हुई हिंसा में भी सामने आया PFI का नाम

केरल में हत्या और उत्तर प्रदेश तथा राजस्थान में दंगे में पीएफआइ के करतूत का पर्दाफाश एजेंसियां कर चुकी हैं। 1990 के में इसी तरह सिमी के आतंकी गतिविधियों में शामिल होने पर उस पर प्रतिबंध लगा दिया था। उसके बाद सिमी के सदस्यों में इंडियन मुजाहिदीन नाम से आतंकी संगठन बनाया था। इसके चलते दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने आठ साल पहले आइएम के तकरीबन सभी सदस्यों को दबोच पूरी तरह इस संगठन की कमर तोड़ दी थी।

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