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    HSSC ग्रुप-डी का CET पेपर लीक कराने वाले गिरोह का भंडाफोड़, पुलिस को मौके पर मिले थे 14 लोग

    By Jagran NewsEdited By: Nitin Yadav
    Updated: Sat, 28 Oct 2023 08:03 AM (IST)

    पुलिस ने पेपर लीक कराने वाले गिरोह के सदस्यों को गिरफ्तार कर पर्दाफाश किया है कि एचएसएससी ग्रुप-डी के कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीईटी) का 21 और 22 अक्टूबर का पेपर लीक हो गया था। पेपर लीक होने का पता तब चला जब गिरोह के सदस्य परीक्षार्थियों को दूसरी पाली में परीक्षा दिलाने के लिए दिल्ली से हरियाणा ले जाने वाले थे।

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    HSSC ग्रुप-डी का CET पेपर लीक कराने वाले गिरोह का भंडाफोड़।

    सोनू राणा, नई दिल्ली। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) ग्रुप-डी के कामन एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीईटी) का 21 और 22 अक्टूबर का पेपर लीक हो गया था। पेपर लीक होने का पता तब चला जब गिरोह के सदस्य परीक्षार्थियों को दूसरी पाली में परीक्षा दिलाने के लिए दिल्ली से हरियाणा ले जाने वाले थे।

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    पुलिस ने आरोपितों रोहतक के सांपला निवासी कपिल और चिड़ी गांव निवासी वेदपाल को गिरफ्तार किया है। गिरोह में हरियाणा पुलिस के एक कांस्टेबल की संलिप्ता भी सामने आ रही है। आराेपितों से परीक्षार्थियों के बैग, परीक्षा पास करवाने के लिए ली गई अग्रिम राशि के चेक, मोबाइल और अन्य सामान बरामद किया गया है, इनके पास से प्रश्नपत्र नहीं मिला है।

    गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में जुटी पुलिस

    बाहरी जिले की रणहोला थाना पुलिस गिरोह के अन्य सदस्यों की दरपकड़ में जुटी है। आशंका है कि गिरोह में कम-से-कम 10 सदस्य हैं।

    पुलिस के अनुसार, रणहोला थाने में तैनात हेड कांस्टेबल कप्तान और राजेश गम 21 अक्टूबर की दोपहर गश्त कर रहे थे। उन्हें सफेदा पार्क के पास हरियाणा सरकार की सीइटी परीक्षा का पेपर लीक होने की सूचना मिली।

    पुलिसकर्मियों को मौके पर कार में बैठे दो लोगों के साथ ही करीब 12 युवक खड़े मिले। पुलिस को देख युवक भाग गए, लेकिन पुलिसकर्मियों ने कार में बैठे कपिल और वेदपाल को पकड़ लिया। कार की तलाशी में कई पिट्ठू बैग, परीक्षार्थियों के प्रवेशपत्र, अग्रिम राशि के चेक और मोबाइल फोन बरामद हुए। इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

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    आरोपितों ने कबूला अपना गुनाह: पुलिस

    आरोपितों ने बताया कि अपने साथियों के साथ मिलकर सरकारी प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक कराते हैं। पहली पाली के परीक्षार्थियों को हरियाणा में परीक्षा केंद्र पर छोड़ने के बाद दूसरी पाली में परीक्षा देने वाले 12 परीक्षार्थी को ले जाने के लिए पार्क के पास खड़े थे। कार से बरामद सामान परीक्षार्थियों का है, जिससे परीक्षा के बाद उन्हें सोनीपत लौटना था।

    पुलिस ने मामले में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। प्राथमिकी दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारियों ने पूरे मामले में अभी चुप्पी साध रखी है। इसके साथ ही हरियाणा के सोनीपत का रहने वाला कांस्टेबल रोबिन भी पेपर लीक कराने में नाम सामने आ रहा है, जिसकी जांच की जा रही है।

    • दिल्ली पुलिस ने किया गिरोह का पर्दाफाश, सोनीपत के एक कांस्टेबल की संलिप्तता भी आई सामने
    • आरोपितों से परीक्षा पास करवाने के लिए ली गई अग्रिम राशि के चेक, मोबाइल और अन्य सामान बरामद

    13 लाख से ज्यादा परीक्षार्थियों ने कराया है पंजीकरण

    ग्रुप-डी के 13,536 पदों के लिए 21 और 22 अक्टूबर को परीक्षा में 13 लाख से ज्यादा परीक्षार्थियों ने पंजीकरण कराया था। इनमें से 10, 86, 707 अभ्यर्थियों ने प्रवेशपत्र डाउनलोड किए थे, करीब साढ़े आठ लाख से ज्यादा परीक्षा देने पहुंचे।

    परीक्षार्थियों पर भी गिर सकती है गाज

    आरोपितों के पास से जिन परीक्षार्थियों के प्रवेशपत्र बरामद हुए हैं, पुलिस उनके खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज कर सकती है। आरोपितों से मिले परीक्षार्थियों के मोबाइल फोन की जांच की जा रही है। जिस हुंडई औरा कार को रणहोला पुलिस ने पकड़ा है, उसे आरोपितों ने पांच सितंबर को रोहतक के सांपला इलाके से खरीदा था।

    प्रश्न की तैयारी के लिए एक रात पहले कराते थे तैयारी

    पुलिस सूत्रों के अनुसार पेपर लीक कराकर आरोपित जिन परीक्षार्थियों को देते थे, उन्हें परीक्षा से से एक रात पहले अपने पास बुला लेते थे। पेपर साल्वर परीक्षार्थी को हर सवाल की तैयारी कराता था।

    इसके बाद गिरोह के अन्य लोग अलग-अलग गाड़ी में बैठाकर परीक्षार्थियों को सीधा परीक्षा केंद्रों पर छोड़ते थे। परीक्षा केंद्र में छोड़ने से पहले इन परीक्षार्थियों से कुछ अग्रिम राशि ले ली जाती थी, इसके साथ ही उनके दस्तावेज, मोबाइल फोन और अन्य सामान अपने पास रख लेते थे। पेपर देकर बाहर आने के बाद परीक्षार्थियों से बाकी राशि ली जाती थी।

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