Delhi News: 10 हजार सिविल डिफेंस वालंटियर्स बनेंगे होम गार्ड! सीएम केजरीवाल ने LG को भेजा प्रस्ताव
नाैकरी खोने वाले 10 हजार सिविल डिफेंस वालंटियर्स को होमगार्ड बनाकर उनकी आजीविका बचाई जाएगी। सिविल डिफेंस वालंटियर्स को होमगार्ड के रूप में तैनात करने के लिए योजना तैयार करने के लिए मुख्यमंत्री ने गृहमंत्री को आदेश दिए हैं। इसके साथ ही होमगार्ड के रूप में नियुक्त करने के लिए एलजी वीके सक्सेना को प्रस्ताव भी भेजा है।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। नाैकरी खोने वाले 10 हजार सिविल डिफेंस वालंटियर्स को होमगार्ड बनाकर उनकी आजीविका बचाई जाएगी। दिल्ली सरकार ने दावा किया है कि इसके लिए सीएम अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को दिल्ली के गृहमंत्री कैलाश गहलोत को पत्र लिखकर सिविल डिफेंस वालंटियर्स को होमगार्ड के रूप में तैनात करने के लिए योजना तैयार करने के आदेश दिए हैं।
LG को सीएम केजरीवाल ने भेजा प्रस्ताव
साथ ही सीएम ने सिविल डिफेंस वालंटियर्स को होमगार्ड के रूप में नियुक्त करने के लिए एलजी वीके सक्सेना को प्रस्ताव भी भेजा है। उधर राजनिवास ने सरकार के बयान का खंडन करते हुए कहा है कि एलजी वीके सक्सेना ने सभी मौजूदा सिविल डिफेंस वालेंटियर्स (सीडीवी) की सेवाओं को एक नवंबर से समाप्त करने के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
राजनिवास ने कहा है कि सीडीवी की अवैध भर्ती को समाप्त करने के सीएम के प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए वीके सक्सेना ने उनके आजीविका संबंधी विषय पर चिंता जताई है। एलजी ने मुख्यमंत्री को निर्देश दिया है कि इस प्रक्रिया में जो वालंटियर्स अपनी नौकरी खोते हैं, उनकी होमगार्ड के रूप में नियुक्ति पर विचार किया जाना चाहिए, जिन 10,000 पदों को एलजी ने हाल ही में मंजूरी दी है।
राजनिवास और दिल्ली सरकार के अलग-अलग बयान
सिविल डिफेंस वालंटियर्स के शुक्रवार को दिल्ली सचिवालय पर धरना शुरू कर देने के बाद दिल्ली सरकार और राजनिवास की ओर से अलग-अलग बयान आए हैं। दिल्ली सरकार ने कहा कि सीएम ने एलजी के पास जो प्रस्ताव भेजा है, जिसमें होमगार्ड की पर्याप्त संख्या में नियुक्ति होने तक सिविल डिफेंस वालंटियर्स को बतौर बस मार्शल तैनात रखे जाने की मांग की है।
बस मार्शल के रूप में ड्यूटी दे रहे वालंटियर्स
प्रस्ताव में सीएम केजरीवाल ने कहा कि सिविल डिफेंस वालंटियर्स में से काफी लोग बसों में बतौर मार्शल ड्यूटी दे रहे हैं। इनके पास बतौर बस मार्शल काम करने का अच्छा अनुभव है। इसलिए इन्हें होमगार्ड के रूप में नियुक्त करने के लिए योजना बनाई जानी चाहिए। ऐसा करने से सरकार को अनुभवी लोग मिल जाएंगे और सिविल डिफेंस वालंटियर्स की नौकरी भी नहीं जाएगी। उन्होंने कहा कि सिविल डिफेंस वालंटियर्स मामूली पृष्ठभूमि से आते हैं और अचानक हटाने से इनके परिवार के सामने आर्थिक संकट पैदा हो जाएगा।
उधर राजनिवास ने कहा है कि एलजी ने सरकार के सामने पिछले छह सात महीनों से इन वालंटियर्स को वेतन नहीं मिलने का भी मुद्दा उठाया है। उन्होंने इस पर असंतोष जताया कि इस आशय की फाइल उनके पास भेजी गई थी, जबकि विषय पूर्णतया स्थानांतरित था, जिस पर मंत्री/मुख्यमंत्री स्वयं निर्णय लेने में पूरी तरह से सक्षम थे।एलजी ने फाइल में लिखा है कि साधारण पृष्ठभूमि से आने वाले वालेंटियर्स को इस बल में काम करने के दौरान आजीविका का अवसर मिलता है।
उनकी नियुक्ति में ऐसा नहीं होना चाहिए कि इसमें राजनीतिक पक्षपात व गैरकानूनी नियुक्तियां हों। समाज के अन्य वर्गों, विशेषकर एसटी/एससी/ओबीसी और ईडब्ल्यूएस श्रेणियों के हितों पर दुष्प्रभाव पड़े। उपराज्यपाल ने सीडीवी के लंबित वेतन के भुगतान में देरी के लिए सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि यह मेरी समझ से परे है कि यह फाइल मेरे पास क्यों भेजी गई है, जबकि इस विषय पर वित्त और राजस्व विभाग के प्रभारी मंत्री ने अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए इसे पहले ही मंजूरी दे दी है।
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दिल्ली सरकार और राजनिवास में तकरार
दिल्ली सरकार ने सूत्रों के हवाले से कहा कि अगर एलजी ने सिविल डिफेन्स वालंटिटर्स को हटाया तो सरकार सुप्रीम कोर्ट जाएगी। सरकार ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए बस मार्शल्स ज़रूरी हैं। महिलाओं की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं होगा। उधर राजनिवास सूत्रों ने कहा कि दिल्ली सरकार झूठ बोल कर भ्रमित कर रही है।
सीडीवी को हटाने का प्रस्ताव मुख्यमंत्री केजरीवाल का है। उपराज्यपाल ने मुख्यमंत्री के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।एलजी ने मुख्यमंत्री को निर्देश दिए हैं कि निकाले जा रहे लोगों की भर्ती होमगार्ड के लिए की जाए। ऐसे में सवाल है कि क्या मुख्यमंत्री के खिलाफ दिल्ली सरकार सुप्रीम कोर्ट जाएगी।
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