Delhi News: DPSRU की भर्ती में धांधली की होगी जांच, LG वीके सक्सेना ने दिए आदेश
एलजी वीके सक्सेना ने दिल्ली फार्मास्युटिकल साइंस एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी (डीपीएसआरयू) में शिक्षकों की अनियमित भर्तियों की शिकायतों पर सतर्कता विभाग की जांच समिति की रिपोर्ट पर विचार करते हुए प्रशिक्षण और तकनीकी शिक्षा निदेशालय (डीटीटीई) को 30 दिनों के भीतर रिपोर्ट की जांच करने और नियमों के उल्लंघन पर कानून के अनुसार सख्त कार्रवाई की सिफारिश करने का आदेश देने को कहा है।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। एलजी वीके सक्सेना ने दिल्ली फार्मास्युटिकल साइंस एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी (डीपीएसआरयू) में शिक्षकों की अनियमित भर्तियों की शिकायतों पर सतर्कता विभाग की जांच समिति की रिपोर्ट पर विचार करते हुए प्रशिक्षण और तकनीकी शिक्षा निदेशालय (डीटीटीई) को 30 दिनों के भीतर रिपोर्ट की जांच करने और नियमों के उल्लंघन पर कानून के अनुसार सख्त कार्रवाई की सिफारिश करने का आदेश देने को कहा है। उपराज्यपाल ने 2021 में संशोधित राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार के कामकाज संबंधी नियम, 1993 के उपबंध 19(5) की शर्तों को लागू करते हुए डीटीटीई सचिव को इस मामले की मूल फाइल को उनके अवलोकन के लिए प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया है।
शिकायतों की जांच के दौरान सतर्कता विभाग को डीपीएसआरयू द्वारा वर्ष 2017 और 2019 में आयोजित भर्ती प्रक्रिया में बड़ी अनियमितताएं मिली थीं। इसमें वे उम्मीदवार भी शामिल थे जो वर्ष 2017 में कम अनुभव, अधिक उम्र, अपेक्षित शैक्षणिक योग्यता न रखने आदि के कारण पात्र नहीं थे। इसके अलावा वर्ष 2019 में अधिकांश भर्तियां की गईं, जिनमें पात्रता मानदंडों में ढील दी गई थी और जिसने इसमें अवैध/भ्रष्ट आचरण/पक्षपात की ओर इशारा किया था। साथ ही नियुक्ति के बाद शैक्षणिक योग्यता एवं अनुभव प्रमाण पत्रों का सत्यापन भी नहीं किया गया। जांच समिति की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि आयु या शैक्षणिक योग्यता जैसे पात्रता मानदंडों में छूट के लिए डीपीएसआरयू ने किसी सक्षम प्राधिकारी से कोई अनुमोदन नहीं लिया था।
एलजी के अनुमोदन पर डीपीएसआरयू के कुलपति प्रोफेसर रमेश कुमार गोयल को सतर्कता विभाग द्वारा उनके द्वारा संचालित शिक्षण संकायों की भर्ती प्रक्रिया से संबंधित एक नोटिस 10 मई 2023 को जारी किया गया था, जिसका उन्होंने उपलब्ध रिकार्ड सहित उत्तर प्रस्तुत किया, जिनकी जांच डीटीटीई द्वारा 17 मई 2023 को की गई थी। डीपीएसआरयू अधिनियम, 2008 की धारा 8(4) के अनुसार 28.06.2023 को मामले की जांच के लिए तीन अधिकारियों की एक समिति गठित की गई थी, जिसमें सचिव सतर्कता, निदेशक (शिक्षा) और दिल्ली टेक्नोलाजिकल यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर और जैव प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख शामिल थे। यह उपराज्यपाल की मंजूरी के बाद किया गया था, जो डीपीएसआरयू के चांसलर भी हैं।
डीटीटीई ने विभिन्न व्यक्तियों द्वारा वर्ष 2019 में डीपीएसआरयू द्वारा आयोजित भर्ती प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं के संबंध में प्राप्त कई शिकायतों को प्रस्तुत किया था, विशेष रूप से छह उम्मीदवारों को अनुचित लाभ देने के संबंध में जो पहले से ही अनुबंध/नियमित आधार पर विश्वविद्यालय में काम कर रहे थे। विश्वविद्यालय से प्रासंगिक रिकार्ड प्राप्त करने के बाद विभाग ने अपनी सतर्कता शाखा के माध्यम से एक जांच की और माना कि संकायों की नियुक्ति में इतने बड़े पैमाने पर अनियमितताएं डीपीएसआरयू के कुलपति, जो चयन समिति के अध्यक्ष के रूप में काम कर रहे थे, की सक्रिय मिलीभगत के बिना संभव नहीं है।
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