दिल्ली में ट्रैफिक रूल्स का उल्लंघन करने वालों पर सख्ती, चालानों में भी दोगुनी बढ़ोतरी
राजधानी में यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों पर यातायात पुलिस ने इस साल खूब सख्ती की है। दिल्ली में नई सरकार के गठन बाद आम लोगों की कुछ बड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए उपराज्यपाल व मुख्यमंत्री के निर्देश पर कुछ एजेंडा तैयार किए गए जिनमें एक दिल्ली में जाम की समस्याओं को खत्म करना भी शामिल है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राजधानी में यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों पर यातायात पुलिस ने इस साल खूब सख्ती की है। दिल्ली में नई सरकार के गठन बाद आम लोगों की कुछ बड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए उपराज्यपाल व मुख्यमंत्री के निर्देश पर कुछ एजेंडा तैयार किए गए, जिनमें एक दिल्ली में जाम की समस्याओं को खत्म करना भी शामिल है।
यातायात नियमों का नहीं हो रहा पालन
जाम की समस्या को लेकर यातायात पुलिस सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ मिलकर लगातार कई पहलुओं पर काम कर रही है। जाम लगने के एक कुछ मुख्य कारणों में शहर में नो एंट्री के समय में कई मार्गों पर व्यवसायिक वाहनों का प्रवेश कर जाना शामिल है।
अलग-अलग मार्गों पर व्यवसायिक वाहनों के चलने के लिए यातायात पुलिस द्वारा अलग-अलग समय निर्धारित किया गया है, लेकिन व्यवसायिक वाहनों के चालक नियमों का पालन नहीं करते हैं और वे यातायात नियमों का उल्लंघन करते हैं।
पिछले साल से दोगुना बढ़े मामले
इसे देखते हुए यातायात पुलिस ने इस साल नो एंट्री के समय प्रतिबंधित मार्गों पर प्रवेश करने वाले वाहनों के खिलाफ जमकर कार्रवाई की है।
पिछले साल 15 सितंबर यानी साढे आठ माह में परमिट उल्लंघन के करीब 34,032 चालान काटे जबकि इस साल 15 सितंबर तक परमिट उल्लंघन के 60,010 चालान काटे गए, जो पिछले साल की तुलना में तकरीबन दोगुने का आंकड़ा है।
अब तेजी से की जाएगी कार्रवाई
यातायात पुलिस के विशेष आयुक्त अजय चौधरी का कहना है कि जाम की समस्या को कम करने के लिए यातायात पुलिस सभी संबंधित विभागों के साथ मिलकर लगातार सभी संभावित पहलुओं पर काम कर रही है। व्यवसायिक वाहनों के खिलाफ की गई यह कार्रवाई कुछ चुनिंदा मार्गों पर की गई है।
अगर सभी मार्गों पर कार्रवाई की गई होती तब परमिट उल्लंघन का आंकड़ा और अधिक होता। उनका कहना है कि यातायात नियमाें के उल्लंघन के तकरीबन हर मामले में इस साल पुलिस ने अधिक कार्रवाई की है। उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई और तेज की जाएगी।
पंजीकरण उल्लंघन के 1,61,387 चालान कटे
इसी तरह यातायात पुलिस ने पिछले साल एक जनवरी से 15 सितंबर तक वाहनों के पंजीकरण उल्लंघन के 65,642 चालान काटे। इनमें व्यवसायिक व निजी दोनों तरह के वाहन शामिल हैं।
नाबालिगों को वाहन सौंपने व पंजीकरण की समय सीमा खत्म हो जाने पर दोबारा परिवहन विभाग में पंजीकरण न करवाने पर पंजीकरण उल्लंघन के मामले के चालान काटे जाते हैं। इस साल एक जनवरी से 15 सितंबर तक पंजीकरण उल्लंघन के 1,61,387 चालान काटे गए।
खतरनाक तरीके से वाहन चलाने के मामले में भी जमकर चालान काटे गए। पिछले साल साढे आठ माह में खतरनाक तरीके से वाहन चलाने के 17,660 और इस साल इस अवधि में 20,122 वाहनों के चालान काटे गए।
लोक अदालतों का नहीं मिल रहा फायदा
पुलिस यातायात पुलिस के एक अधिकारी का कहना है कि पेंडिंग चालान को आम लोग लोक अदालतों के जरिये सस्ते में भुगत पाए इस मकसद से लोक अदालत लगाई जाती है। लेकिन व्यवसायिक वाहन मालिकों के कारण आम लोेगों को इसका फायदा नहीं मिल पाता है। लोक अदालत से पहले कुछ समय के लिए लोगों को लागिंग करने का समय दिया जाता है।
अदालतों में चालान का बोझ भी कम होगा
व्यावसायिक वाहन मालिकों ने लागिंग करने के लिए बेहतर सिस्टम बना रखा है, जिससे यातायात पुलिस के वेबसाइट पर व्यवसायिक वाहनों के मालिक रात में ही लागिंग कर बैठ जाते हैं। सुबह जैसे ही लोक अदालत के लिए चालान के डिटेल भरने के लिए लागिंग करने का समय दिया जाता है वे लोग मिनटों में तुरंत लागिंग कर बैठते हैं।
आम लोग इससे वंचित रह जाते है। इसलिए व्यवसायिक वाहनों और आम लोगों के लिए अलग-अलग लोक अदालतें लगाई जानी चाहिए। इससे आम लोग भी अपने चालान लोक अदालत के जरिये भुगत सकेंगे और अदालतों में चालान का बोझ भी कम होगा।
चालान में सबसे अधिक दस ट्रैफिक सर्कल
कापसहेड़ा | 5478 | ||
आईजीआई एयरपोर्ट | 5313 | ||
मधु विहार | 5176 | ||
संगम विहार | 3901 | ||
सिविल लाइंस | 2771 | ||
लाजपत नगर | 2054 | ||
साकेत | 2001 | ||
तिलक मार्ग | 1998 | ||
मयूर विहार | 1953 | ||
दरियागंज | 1861 |
(आंकड़े 15 सितंबर, 2025 तक)
दस ट्रैफिक सर्कल जहां पंजीकरण उल्लंघन के अधिक चालान कटे
करोलबाग | 12,406 | ||
नांगलोई | 10,085 | ||
अशोक विहार | 8510 | ||
सिविल लाइंस | 7915 | ||
माॅडल टाउन | 7504 | ||
तिलक नगर | 6782 | ||
कापसहेड़ा | 6093 | ||
कोतवाली | 6024 | ||
तिमारपुर | 5957 | ||
लाजपत नगर | 5689 |
(आंकड़े 2025, 15 सितंबर तक)
यह भी पढ़ें- Cyber Crime In Delhi : दिल्ली बना साइबर अपराध का गढ़, 11 साल में 1,450 करोड़ रुपये से अधिक की रकम लूटी
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।