राकेश सिन्हा ने पीएम मोदी की तुलना चर्चिल और लिंकन से की, कहा- तीसरी अर्थव्यवस्था बनने से पश्चिम घबराया
राकेश सिन्हा ने कहा कि भारत के तीसरी अर्थव्यवस्था बनने से पश्चिमी देश चिंतित हैं। मोदी की वैश्विक छवि से कुछ लोग परेशान हैं। ऑपरेशन सिंदूर का मकसद पाकिस्तान को आतंकवादी गतिविधियों के लिए दंडित करना था न कि उसे समाप्त करना। भारत की शांति प्रिय नीति के कारण उसने पाकिस्तान में परमाणु हमला नहीं किया। सिन्हा ने मोदी की तुलना चर्चिल और लिंकन से की।

उदय जगताप, नई दिल्ली। मिरांडा हाउस काॅलेज में जागरण संवादी के दूसरे दिन ''दिल्ली विश्वविद्यालय के सर'' विषय पर बोलते हुए पूर्व सांसद राकेश सिन्हा ने कहा, भारत के विश्व की तीसरी अर्थव्यवस्था बनने के बाद पश्चिमी जगत घबराया हुआ है।
खासकर अमेरिका जैसे देश किसी देश और नेता को मजबूत होते हुए नहीं देख सकते। उन्होंने ब्राजील और अर्जेंटीना जैसे देशों में लीडरशिप को समाप्त किया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की छवि वैश्विक रूप से मजबूत नेता की बन रही है और यह किसी को हजम नहीं हो रहा है। ट्रंप भी मोदी की छवि से घबराए हुए हैं। ऑपरेशन सिंदूर हो या कोविड भारत ने विश्व को अपनी ताकत दिखाई है।
ऑपरेशन सिंदूर पर सिन्हा ने कहा, ऑपरेशन सिंदूर का मकसद पाकिस्तान के अस्तित्व को समाप्त करना नहीं, बल्कि आतंकवादी गतिविधियों के लिए उसे कड़ी सजा देना था। सिन्हा ने कहा, “भारत ने दुनिया को संदेश दिया कि यदि कोई हमारी ओर अंगुली उठाएगा तो हम उसकी उंगली काट देंगे।”
भारत पाक के परमाणु ठिकानों तक पहुंच सकता था, लेकिन उसने हिरोशिमा-नागासाकी जैसी तबाही नहीं की। यह भारत की शांति-प्रिय नीति और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व का प्रमाण है। पाकिस्तान राजनीतिक नक्शे से लगभग गायब है और भारत वैश्विक मंच पर मजबूत स्थिति में है।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से लेकर अंतरराष्ट्रीय दबावों तक, भारत ने किसी के सामने झुकने से इन्कार किया। सिन्हा ने तंज कसते हुए कहा कि पाकिस्तान का आर्मी चीफ अमेरिका में “भिखारी की तरह” खड़ा है, जबकि भारत ने हमेशा गरिमा और आत्मविश्वास के साथ अपना पक्ष रखा है।
वरिष्ठ पत्रकार हर्षवर्धन त्रिपाठी ने कहा, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सरकार की मशीनरी नैरेटिव बनाने में असफल रही। विदेश में प्रतिनिधि भी वो काम नहीं कर पाए। आखिर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को कमान संभालनी पड़ी और तब ट्रंप के एक्स पर पोस्ट और सेना की प्रेस काॅन्फ्रेंस के बीच बने चार घंटे की देरी के नैरेटिव को तोड़ा जा सका।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर बोलते हुए राकेश सिन्हा ने कहा, उनकी तुलना अमेरिका या इंग्लैंड के वर्तमान नेताओं से नहीं हो सकती। उनकी तुलना चर्चिल और लिंकन से होगी। हर्षवर्धन त्रिपाठी ने कहा, मोदी नेता के तौर पर मजबूत हैं। लेकिन, एक इंजन के साथ उसके डिब्बे मजबूत होने चाहिए।
लेकिन, यह नैरेटिव बनना कि सबकुछ वाया मोदी आएगा तभी फर्क पड़ेगा, इस पर सोचने की जरूरत है। भाजपा अध्यक्ष की नियुक्ति के सवाल पर राकेश सिन्हा ने कहा, अध्यक्ष कौन होगा यह कौतुहल का विषय है, लेकिन देश का एजेंडा नहीं है।
किसी राज परिवार का व्यक्ति व वंशवादी व्यक्ति भाजपा अध्यक्ष नहीं बन सकता। त्रिपाठी ने कहा, भाजपा अध्यक्ष का कार्य तदर्थवाद पर चले यह क्या ठीक है। गुजरात और उत्तर प्रदेश में भी अध्यक्ष नहीं चुने जा पा रहे हैं। यह पार्टी व देश के लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है।
राहुल गांधी पर भी हुई बात
नेता प्रतिपक्ष पर बोलते हुए सिन्हा ने कहा, वह मेहनत कर रहे हैं, लेकिन उन्हें राजनीति की समझ नहीं है। विदेश जाने पर सुरक्षा नहीं लेते। कांग्रेस की बैंक करप्ट लीडरशिप है और राहुल पर चर्चा नहीं होनी चाहिए। त्रिपाठी ने कहा, राहुल पर चर्चा होनी चाहिए।
वह गैर जिम्मेदार हैं और उनके जैसा नेता प्रतिपक्ष कभी नहीं देखा गया। राष्ट्रपति चुनाव में वह मलेशिया चले गए थे। उन पर चर्चा किए जाने की जरूरत है। पाक से क्रिकेट खेलने के सवाल पर राकेश सिन्हा ने कहा, क्रिकेट और कला संस्कृति पर एकाधिकार नहीं हो सकता।
हम पाक को विकल्प देना चाहते हैं कि वह अखंड भारत का हिस्सा बनें। जिन्ना करके चले गए और भारत गांधी का देश है और यहां सभी का स्वागत है।
त्रिपाठी ने कहा, आतंक व मैच एक साथ नहीं हो सकते। जनता को पाक के साथ हो रहे मैच देखना बंद करना चाहिए। बाद में सिन्हा ने कहा, हम मैच नहीं खेलेंगे।
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