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    देश भर में पेट्रोल पंप खोलने के लिए अब इन नियमों का पालन करना होगा जरूरी, CPCB ने जारी की एसओपी

    Updated: Thu, 01 May 2025 07:16 PM (IST)

    केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने पेट्रोल पंपों के लिए नई एसओपी जारी की है। अब देश भर में पेट्रोल पंप खोलने के लिए राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से एनओसी लेना अनिवार्य होगा। भूमि जल और वायु प्रदूषण की निगरानी के लिए कदम उठाने होंगे। यह कदम एनजीटी के आदेश के बाद उठाया गया है जिसका उद्देश्य पर्यावरणीय सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

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    पेट्रोप पंप खोलने को अब राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एनओसी लेना भी अनिवार्य।

    संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। अत्यंत ज्वलनशील और पर्यावरणीय खतरे से लैस पेट्रोल पंपों के लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की दी है। इसके तहत अब दिल्ली एनसीआर सहित देश भर में पेट्रोल पंप खोलने के लिए संबंधित राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अथवा समिति से भी एनओसी लेनी होगी। भूमि, जल एवं वायु प्रदूषण की निगरानी और खतरनाक रिसाव को रोकने के लिए भी कदम उठाने होंगे। एसओपी पर क्रियान्वयन के लिए पेट्रोल पंपों को अविलंब जरूरी कदम उठाने होंगे।

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    सीबीसीबी ने यह कदम एनजीटी के एक आदेश के बाद उठाया है। एनजीटी ने 17 अप्रैल 2023 को सीपीसीबी को तीन माह के भीतर पेट्रोल पंपों के लिए एसओपी तैयार करने का आदेश दिया था। करीब दो साल बाद ही सही, अब कहीं जाकर सीपीसीबी ने एसओपी तैयार की है। यह उन पेट्रोल पंपों पर लागू होगी जिनमें पेट्रोल के भंडारण, संचालन, वितरण, परिवहन, लोडिंग और अनलोडिंग की सुविधा होती है। साथ ही इन पंपों को पेट्रोल के भंडारण के लिए विस्फोटक नियंत्रक से भी लाइसेंस लेना होता है।

    सार्वजनिक सुरक्षा के तहत बीमा पॉलिसी लेनी होगी

    सीपीसीबी के अनुसार पेट्रोल पंपों को सार्वजनिक सुरक्षा के तहत बीमा पॉलिसी लेनी होगी। यह 1991 के सार्वजनिक दायित्व बीमा अधिनियम में निर्धारित की गई थी। बीमा किसी भी अप्रत्याशित घटना (जैसे लीक, विस्फोट) के कारण होने वाली पर्यावरणीय क्षति को कवर करेगा।

    इसके साथ ही पेट्रोल पंपों को अपनी स्थापना से पहले जल, मृदा और वायु गुणवत्ता की बेसलाइन डेटा रिपोर्ट तैयार करनी होगी। साथ ही यह सुनिश्चित करना होगा कि आसपास के पर्यावरण पर संचालन के दौरान कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़े।

    इस सिस्टम से प्रदूषण को तत्काल रोकने में मिलेगी मदद

    सीपीसीबी की एसओपी के तहत पेट्रोल पंपों को वाष्प रिकवरी सिस्टम और लीक डिटेक्शन सिस्टम स्थापित करने होंगे। इस सिस्टम की मदद से किसी भी तरह के प्रदूषण को तुरंत रोकने में मदद मिलेगी। इन उपकरणों से वायुमंडलीय प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सकेगा और रिसाव होने पर उसे तुरंत पहचाना जा सकेगा।

    पेट्रोल पंपों को आपातकालीन स्थिति के लिए एक ठोस योजना तैयार करनी होगी। इसमें जोखिम आंकलन, आग और विस्फोट से निपटने के उपाय और फायर डिपार्टमेंट से एनओसी प्राप्त करना अनिवार्य होगा। अगर कोई बड़ी दुर्घटना होती है तो पंपों को 48 घंटे में संबंधित प्राधिकरण को सूचित करना होगा।

    सख्त सुरक्षा मानकों का पालन किया जाएगा

    पेट्रोल डिपो की स्थापना के लिए स्थल चयन में सख्त सुरक्षा मानकों का पालन किया जाएगा। 250-300 मीटर की सुरक्षा दूरी के साथ, डिपो को किसी भी आवासीय या भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों से दूर रखा जाएगा। ऐसा इसलिए ताकि किसी भी अप्रत्याशित घटना से मानवीय जीवन और संपत्ति पर असर न पड़े।

    पेट्रोल पंपों को हानिकारक कचरा प्रबंधन नियमों का पालन करते हुए किसी भी खतरनाक और अन्य अपशिष्ट पदार्थों का उचित तरीके से संग्रहण, निपटान और उपचार करना होगा। साथ ही बरसाती नाले के प्रदूषण को रोकने के लिए उपाय करने होंगे।

    जल स्रोतों और भूमिगत जल के संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम

    पेट्रोल पंपों के लिए एसओपी में यह सुनिश्चित किया गया है कि डिपो से 50 मीटर तक की सीमा में जल और मृदा गुणवत्ता का नियमित रूप से निगरानी होगी। किसी भी प्रकार के प्रदूषण के प्रमाण मिलने पर तुरंत कार्रवाई की जा सके। यह जल स्रोतों और भूमिगत जल के संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। पेट्रोल डिपो से होने वाली लीक या रिसाव से इन संसाधनों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

    एसओपी में कहा गया है कि पेट्रोल डिपो के आसपास का वायुमंडल हानिकारक हाइड्रोकार्बन और अन्य प्रदूषकों से मुक्त रहे। इसके लिए प्रदूषण नियंत्रण उपकरणों के माध्यम से वायु में वाष्पीय कार्बन, जैसे बेंजीन, टोल्यून, और जाइलिन का उत्सर्जन नियंत्रित करना होगा ताकि स्वास्थ्य और पारिस्थितिकी तंत्र पर नकारात्मक प्रभाव न पड़े।

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