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    दिल्ली की नई सरकार से लोगों को बड़ी उम्मीदें, सावित्री सिनेमा फ्लाईओवर के निर्माण को मिल सकती है बजट में मंजूरी

    दिल्ली की नई भाजपा सरकार ढांचागत विकास को प्राथमिकता दे रही है। माना जा रहा है कि सरकार बजट में सावित्री सिनेमा फ्लाईओवर को डबल करने के लिए धन राशि की मंजूरी दे सकती है। साथ ही सरकार की निर्माणाधीन ठप पड़ चुकीं परियोजनाओं को भी बजट में धन मिलने की उम्मीद है। इन परियोजनाओं में 11 नए अस्पताल और 15 से अधिक अस्पतालों में अतिरिक्त निर्माण शामिल है।

    By V K Shukla Edited By: Sonu Suman Updated: Sun, 23 Mar 2025 08:30 PM (IST)
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    दिल्ली सरकार का बजट, सावित्री सिनेमा फ्लाईओवर के निर्माण के लिए बजट की मिल सकती है मंजूरी। (प्रतीकात्मक फोटो)

    वीके शुक्ला, नई दिल्ली। भाजपा की दिल्ली सरकार जिस तरह से ढांचा के विकास को प्राथमिकता दे रही है इससे माना जा रहा है कि सरकार बजट में सावित्री सिनेमा फ्लाईओवर को डबल करने के लिए धन राशि की मंजूरी दे सकती है।

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    इसी तरह सरकार की निर्माणाधीन ठप पड़ चुकीं परियोजनाओं को भी बजट में धन मिलने की उम्मीद है। इस समय सरकार की 26 से अधिक अस्पतालों में निर्माण या अस्पताल बनाने की परियोजनाएं पर लगभग काम ठप है। पैसा ना मिलने से कुछ पर 2022 से तो कुछ पर 2023 के बाद से कम बंद है।

    निर्माण कार्य की लागत दोगुनी तक बढ़ी

    लोक निर्माण विभाग के अधिकारी इन परियोजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए पिछली आप सरकार को बार-बार अवगत कराते रहे मगर सरकार ने धन राशि जारी नहीं की और धीरे धीरे यह सब काम ठप हो गए। विशेषज्ञों की माने तो बंद हुए निर्माण कार्य की लागत लगभग दोगुनी तक बढ़ चुकी है।

    कई परियोजनाओं की लागत 2400 करोड़ पहुंची

    उदाहरण के लिए जिन परियोजनाओं पर 1200 करोड़ रुपये खर्च होना था अब वह-2200 से लेकर 2400 करोड़ के करीब पहुंच चुका है। ऐसे में वर्तमान सरकार इन योजनाओं को बंद नहीं कर सकती है और वह इन्हें आगे बढ़ाने के लिए कोई न कोई रास्ता निकालने पर भी विचार कर सकती है।

    पुरानी सरकार पर जमकर बरसे प्रवेश वर्मा

    दिल्ली सरकार में लोक निर्माण मंत्री प्रवेश वर्मा भी साफ कर चुके हैं कि पूर्व की आप सरकार ने बगैर किसी योजना के केवल दिखावे में कई परियोजनाओं पर काम शुरू कर दिया, जिनमें सबसे प्रमुख अस्पतालों में अतिरिक्त निर्माण या नए अस्पतालों को बनाने का काम था। मगर उस सरकार ने यह तक आंकलन नहीं कराया कि इन अस्पतपालों के लिए कितना स्टाफ लगेगा और इससे कितने पैसे का खर्च आएगा।

    उनके अनुसार ऐसे में साफ होता है कि आप सरकार की जनता को सुविधा उपलब्ध कराने की कोई मंसा ही नहीं थी।बहरहाल अब देखना यह है कि भाजपा सरकार इन परियोजनाओं को किस तरह आगे बढ़ाती है कि जिससे जनता को इसका लाभ मिल सके।

    पिछले कई साल से चल रहा है फ्लाईओवर बनाने का काम

    सड़क परिवहन की बात करें तो सावित्री सिनेमा के पास फ्लाईओवर बनाने की योजना पर पिछले कई साल से काम चल रहा था। यहां पर पहले से एक फ्लाईओवर बना हुआ था है जिस पर एक तरफा यातायात चलता है इसके मगर दूसरी तरफ से यहां भयंकर जाम लग रहा है जिसके चलते कई साल पहले यहां पर पहले से बने फ्लावर के समानांतर एक अतिरिक्त फ्लाईओवर बनाए जाने की योजना बनाई गई थी।

    विशेषज्ञ इसे मान रहे अति महत्वपूर्ण परियोजना

    उसके लिए सभी तरह की मंजूरी भी ली जा चुकी है और लोक निर्माण विभाग ने योजना के लिए धन की मां करते हुए इसे दिल्ली सरकार की वित्तीय एवं खर्च समिति में लगाया था, मगर सरकार ने इसे यह कह कर अनुमति नहीं दी थी कि इस पर आगे विचार किया जाएगा। उसके बाद से यह सरकार के पास ही विचाराधीन है जबकि विशेषज्ञ इसे अति महत्वपूर्ण परियोजना मान रहे हैं ।

    इससे 20000 से अधिक बेड जनता को मिल सकेंगे

    इसी तरह नए स्थान का निर्माण या अस्पतालों में अतिरिक्त ब्लॉक बनाने की योजना भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। एक आंकलन के अनुसार अगर सभी अस्पतालों आदि को पूरा कर कर जनता को समर्पित किया जाता है तो इससे 20000 से अधिक बेड जनता को मिल सकेंगे।

    ठप परियोजनाओं में 11 नए अस्पताल का निर्माण शामिल

    जिन परियोजनाओं पर काम ठप है इनमें कोराेना अस्पतालों को मिलाकर 11 नए अस्पताल बनाने का काम भी शामिल है। इसके अलावा 15 से अधिक अस्पतालों में अतिरिक्त निर्माण शामिल है। जिसमें अलग-अलग अस्पतालों में 10 मंजिल से लेकर 22 मंजिल तक के टावर शामिल हैं।इन अस्पतालों की इमारतें भी लगभग बनकर तैयार हैं, मगर यह काम आगे नहीं बढ़ सका है।

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