देशभर के एम्स से रेफर किए गए मरीजों को राहत, दिल्ली के इस अस्पताल में मिलेगा फ्री इलाज
दिल्ली एम्स में इलाज के लिए मरीजों के दबाव और लंबी वेटिंग की समस्या के समाधान के लिए देशभर के एम्स के बीच रेफरल सिस्टम लागू किया जाएगा। इसके तहत देशभर के नए एम्स से रेफर (स्थानांतरित) मरीजों को दिल्ली एम्स में त्वरित इलाज मिल सकेगा। दिल्ली एम्स ने इंटर-एम्स रेफरल पोर्टल तैयार किया है। एम्स दिल्ली के मुताबिक इस पोर्टल के तहत एक ऑनलाइन डैशबोर्ड होगा।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली एम्स में इलाज के लिए मरीजों के दबाव और लंबी वेटिंग की समस्या के समाधान के लिए देशभर के एम्स के बीच रेफरल सिस्टम लागू किया जाएगा। इसके तहत देशभर के नए एम्स से रेफर (स्थानांतरित) मरीजों को दिल्ली एम्स में त्वरित इलाज मिल सकेगा।
इसी क्रम में मंगलवार को देशभर के एम्स की सेंट्रल इंस्टीट्यूट बॉडी (सीआइबी) की बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने "इंटर-एम्स रेफरल" पोर्टल जारी किया। यह पोर्टल देशभर के एम्स और दिल्ली एम्स के बीच रेफरल सिस्टम को व्यवस्थित करने में मददगार साबित होगा।
देशभर के एम्स के बीच आपसी सहयोग बढ़ेगा
फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर यह सुविधा दिल्ली और हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर एम्स के बीच शुरू की गई है। इसके बाद इसे देशभर के एम्स के बीच लागू किया जाएगा। इस पहल से देशभर के एम्स के बीच आपसी सहयोग बढ़ेगा। उम्मीद है कि इससे चिकित्सा सेवाओं में बड़ा बदलाव आएगा।
दिल्ली एम्स ने "इंटर-एम्स रेफरल" पोर्टल तैयार किया है। एम्स दिल्ली के मुताबिक इस पोर्टल के तहत एक ऑनलाइन डैशबोर्ड होगा। जिस पर सभी एम्स में भर्ती मरीजों, खाली बेड आदि की जानकारी मिलेगी। इसके अलावा फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम का इस्तेमाल किया जाएगा।
पोर्टल के जरिए ट्रांसफर किए गए मरीज की जानकारी मिलेगी
बताया जा रहा है कि इस पोर्टल के जरिए ट्रांसफर किए गए मरीज की जानकारी भी एक-दूसरे से साझा की जाएगी। इससे इलाज में इंतजार की समस्या कम होगी। एम्स प्रशासन का कहना है कि पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इस प्रोजेक्ट के तहत बिलासपुर एम्स से ट्रांसफर किए गए मरीजों को दिल्ली एम्स में त्वरित इलाज मिल सकेगा ताकि मरीजों को इलाज में किसी तरह की परेशानी न हो।
बेहतर इलाज के साथ-साथ मरीज आरामदायक इलाज का भी अनुभव कर सकें। दिल्ली और बिलासपुर एम्स के बीच पायलट प्रोजेक्ट से पता चलेगा कि इस नियम को लागू करने में किस तरह की चुनौतियां हैं। इसके बाद इसे राष्ट्रीय स्तर पर सभी एम्स में लागू किया जाएगा। फिर नए एम्स से रेफर किए गए मरीजों को ओपीडी अपॉइंटमेंट में भी प्राथमिकता मिलेगी।
ओपीडी में हर दिन होता है 14,000-16,000 मरीज इलाज
दिल्ली एम्स की ओपीडी में हर दिन 14,000-16,000 मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, झारखंड, मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों से बड़ी संख्या में मरीज इलाज के लिए आते हैं। दिल्ली एम्स लंबे समय से कोशिश कर रहा है कि दूसरे राज्यों से आने वाले मरीज संबंधित राज्य के एम्स से ट्रांसफर होकर ही दिल्ली आएं। ताकि दूसरे राज्यों से सिर्फ वही मरीज दिल्ली एम्स पहुंच सकें जिनका इलाज स्थानीय एम्स में संभव नहीं है।
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