Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Environment: पराली जलाने पर लगेगी लगाम, हर गांव में खेतों की होगी मैपिंग, निगरानी को तैनात होगा सुरक्षा बल

    Updated: Sat, 10 May 2025 11:15 PM (IST)

    वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने एनसीआर राज्यों को पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए पराली सुरक्षा बल गठित करने का निर्देश दिया है। हर गांव में खेतों की मैपिंग होगी और किसानों के समूह बनाकर नोडल अधिकारी निगरानी करेंगे। रात में पराली जलाने वालों पर जुर्माना लगाया जाएगा।

    Hero Image
    सुरक्षा बल गठित कर पराली जलाने की घटनाओं की होगी निगरानी

    राज्य ब्यूरो, जागरण, नई दिल्ली: एनसीआर में अक्टूबर व नवंबर में स्थानीय कारणों के साथ-साथ प्रदूषण का एक बड़ा कारण पराली का धुआं भी होता है। इस वजह से एनसीआर में प्रदूषण का संकट बढ़ जाता है।

    वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) शुक्रवार को एनसीआर से संबंधित हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश सरकार को पराली जलाने से रोकने जिला व ब्लाक स्तर पर पराली सुरक्षा बल के गठन का निर्देश दिया।

    जिसमें पुलिस अधिकारी, कृषि विभाग के अधिकारी, प्रशासनिक अधिकारी, नोडल अधिकारी व अन्य अधिकारी शामिल होंगे। यह पराली सुरक्षा बल पराली जलाने की घटनाओं को रोकेंगे।

    हर गांव में हर खेत की मैपिंग भी कराने का निर्देश दिया

    साथ ही सीएक्यूएम ने हर गांव में हर खेत की मैपिंग भी कराने का निर्देश दिया है। CAQM ने हर जिले में 50-50 किसानों का समूह बनाकर उसके एक नोडल अधिकारी के साथ टैग करने का निर्देश दिया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सभी किसान ऐसे समूह में शामिल किए जाएंगे और नोडल अधिकारी समूह से जुड़े किसानों की निगरानी करेंगे।

    इसके अलावा देर शाम व रात के वक्त सतर्कता एजेंसियों भी गश्त करेंगी। सीएक्यूएम ने कहा है कि सेटेलाइट की निगरानी से बचने के लिए रात में पराली जलाने की प्रवृति होती है।

    इसलिए सतर्कता एजेंसियां गश्त कर पराली जलने वाले खेत के रिकार्ड में लाल प्रविष्टयां दर्ज करेंगे और पराली जलाने वाले किसानों पर जुर्माने के रूप में पर्यावरण क्षतिपूर्ति शुल्क भी लगाया जाएगा।

    हायरिंग सेंटर में सीआरएम मशीनों की उपलब्धता सुनिश्चित होगी

    सीएक्यूएम ने सीआरएम (क्राप रेसिडुअल मैनेजमेंट) मशीनों की उपलब्धता की समीक्षा करने का भी निर्देश दिया है। इसके तहत एनसीआर से संबंधित राज्यों को पराली के प्रबंधन के लिए इस्तेमाल होने वाली पुरानी मशीनों को हटाना होगा।

    साथ ही आवश्यकता के अनुसार अगस्त तक नई मशीनों की खरीद सुनिश्चित करनी होगी। इसके अलावा सीएचसी (कस्टम हायरिंग सेंटर) में पर्याप्त सीआरएम मशीनों की उपलब्ध सुनिश्चित करनी होगी।

    छोटे और आर्थिक रूप से कमजोर किसानों को यह मशीनें निशुल्क उपलब्ध कराई होगी। इसके अलावा पराली के भूसे के प्रबंधन और भंडारण की व्यवस्था करने का निर्देश भी दिया गया है।

    पराली खरीद के लिए एक समान दर निर्धारित करने काे कहा

    सीएक्यूएम ने कहा है कि हरियाणा की तरह उत्तर प्रदेश व पंजाब में पराली के खरीद के लिए एक समान दर निर्धारित होना चाहिए और पराली के भूसे की खपत के लिए जिला स्तर पर सप्लाई चेन प्रबंधन होना चाहिए।

    सीएक्यूएम ने एक आनलाइन प्लेटफार्म बनाकर पराली और सीआरएम मशीनों की उपयोगिता का निगरानी करने का निर्देश दिया है। इसके अलावा पराली का औद्योगिक इकाइयों में इस्तेमाल बढ़ाने का प्रबंध करने का भी निर्देश दिया है।

    यह भी पढ़ें: दिल्लीवालों को लगा महंगाई का झटका, अब चुकाना होगा अधिक बिजली का बिल; ये होंगी शर्तें