Delhi News: केंद्र की तर्ज पर दिल्ली में भी लागू होगा पैरा मॉनिटरिंग सिस्टम, सदन में मिली मंजूरी
केंद्र की तर्ज पर दिल्ली में भी एपीएमएस (ऑडिट पैरा मॉनिटरिंग सिस्टम) लागू किया जाएगा। इससे कैग रिपोर्ट से जुड़ी प्रक्रियाओं को पूरा करने में तेजी आएगी ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो जागरण, नई दिल्ली। केंद्र की तर्ज पर दिल्ली में भी एपीएमएस (ऑडिट पैरा मॉनिटरिंग सिस्टम) लागू किया जाएगा। इससे कैग रिपोर्ट से जुड़ी प्रक्रियाओं को पूरा करने में तेजी आएगी। दिल्ली विधानसभा सदन ने इसे मंजूरी दे दी है।
विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने इस संबंध में जल्द एक्शन नोट पेश करने के लिए मुख्य सचिव को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने मुख्य सचिव से तेजी से अनुपालन के लिए वेब आधारित मॉनिटरिंग सिस्टम लागू करने को कहा है।
कैग रिपोर्ट पर कोई एक्शन नोट पेश नहीं
गुप्ता ने सोमवार को इस बात पर चिंता जताई कि पिछले कई सालों में दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों ने कैग रिपोर्ट पर कोई एक्शन नोट पेश नहीं किया है।
मुख्य सचिव धर्मेंद्र को लिखे पत्र में चेयरमैन ने कहा कि भारत सरकार का व्यय विभाग विभिन्न विभागों द्वारा नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) को कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने की निगरानी के लिए एपीएमएस (ऑडिट पैरा मॉनिटरिंग सिस्टम) पोर्टल का उपयोग कर रहा है।
एपीएमएस पोर्टल को दिल्ली में अपनाया जाए
उन्होंने कहा कि इससे अनावश्यक देरी और कागजी कार्रवाई खत्म हो जाती है। उन्होंने पत्र में कहा कि मेरा दृढ़ विश्वास है कि यह बहुत जरूरी है कि एपीएमएस पोर्टल को दिल्ली में अपनाया जाए और विभागों को सख्त निर्देश दिए जाएं कि वे सीएजी की टिप्पणियों पर तुरंत अपने नोट प्रस्तुत करें। चेयरमैन ने इस मामले में मुख्य सचिव से 7 अप्रैल तक कार्रवाई रिपोर्ट भी मांगी है।
इससे पहले विधानसभा के बजट सत्र में स्पीकर ने कहा कि हाल ही में एक बैठक में महालेखा परीक्षक (ऑडिट) ने उन्हें दिल्ली सरकार के विभागों के प्रदर्शन पर सीएजी रिपोर्ट पर लंबित कार्रवाई नोटों के बारे में अवगत कराया था।
महालेखा परीक्षक (ऑडिट) ने मेरा ध्यान इस गंभीर तथ्य की ओर दिलाया कि पिछले 10 वर्षों में न तो लोक लेखा समिति (पीएसी) और न ही तत्कालीन विधानसभा की सार्वजनिक उपक्रम समिति ने कोई रिपोर्ट पेश की है।
उन्होंने सदन के सदस्यों को बताया कि इससे भी अधिक चिंताजनक बात यह है कि प्रशासनिक विभाग भी सीएजी रिपोर्ट पर अपने कार्रवाई नोट जमा करने में विफल रहे हैं, जिसे तीन महीने के भीतर विधानसभा में पेश किया जाना चाहिए था।
ऑडिट रिपोर्ट में "गंभीर अनियमितताएं"
उन्होंने कहा कि विभागों को तीन महीने के भीतर सीएजी ऑडिट पैरा पर कार्रवाई नोट जमा करना है। उन्होंने कहा कि सीएजी ऑडिट रिपोर्ट में "गंभीर अनियमितताएं" हैं। उन्होंने कहा कि विभागों द्वारा एटीएन जमा करने में विफलता एक गंभीर चूक है क्योंकि यह पूरी लंबी और विस्तृत लेखा परीक्षा प्रक्रिया को निरर्थक बना देती है।

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